आमतौर पर माना जाता है कि संसार में सबसे ज्यादा खुशहाल जीवन युवा जीते हैं क्योंकि वह शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, यदि आप ऐसा सोचते हैं तो आप गलतफहमी के शिकार हैं। ऐसा बिल्कुल भी नही है। सही मायने में खुशहाल जिंदगी यू शेप की तरह होती है जो कि मिडिल ऐज में घटती है और अधिक उम्र में बढ़ती है। एक रिसर्च के मुताबिक बूढ़े लोग शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद युवाओं से ज्यादा खुशहाल जिंदगी जीते हैं। यह रिसर्च जर्नल ऑफ क्लीनिकल साइकैट्री में प्रकाशित की गई है।
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रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने कैलीफोर्निया के 1500 से अधिक लोगों से फोन इंटरव्यू के आधार पर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पूछा और उनके द्वारा मिले जवाबों का अध्ययन किया। अध्ययन के दौरान 21 से 99 वर्ष के आयु के लोगों को शामिल किया गया था। वैज्ञानिकों द्वारा पूछे गए सवालों में लोगों के सामने यह भी प्रश्न रखा गया था कि वह लोग जीवन में कितने खुश हैं और उनके जीवन में चिंता और उदासी का स्तर कैसा है।
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ये बात सही है कि बुढ़ापे में बढ़ती उम्र के कारण वो फिजिकली कमजोर हो जाते हैं और उनमें काम करने की क्षमता युवाओं से कम हो जाती है लेकिन मानसिक स्वास्थ्य की अगर बात की जाए तो 20 और 30 की उम्र के लोग भी अधिक मात्रा में चिंता, अवसाद और तनाव के साथ-साथ खुशियों का अभाव झेलते हैं। जबकि इसके विपरीत बूढ़े लोग ज्यादा खुश और संतुष्ट रहते हैं।
शोध में युवाओं की खुशहाली की कमी की वजह जानने की कोशिश की गई, जिसमें पाया गया कि ज्यादातर युवा पैसों की जरूरत, अपनी शिक्षा और रिलेशनशिप की समस्याओं से घिरे रहते हैं। वह अपनी अपेक्षा से अधिक इच्छाओं की वजह से दुखी रहते हैं। जबकि वृद्ध लोग अपने जीवन के अनुभवों के साथ भावनात्मक रूप से स्थिर होते हैं और खुद को तनाव से दूर रखना बखूबी जानते हैं।
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