मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल का दौरा पड़ने का कारण है सुस्‍त जीवनशैली: शोध

कुछ समय पहले डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की लगभग 34 फीसदी आबादी सुस्ती या आलस्य के कारण बीमार पड़ रही है। इसमें भी स्त्रियों की संख्या पुरुषों के मुकाबले लगभग दुगनी है। सेहत को प्राथमिकता देना और सक्रिय जीवनशैली अपनाना क्यों जरूरी है और ऐसा कैसे संभव है, जानें इस लेख में।
  • SHARE
  • FOLLOW
मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल का दौरा पड़ने का कारण है सुस्‍त जीवनशैली: शोध


स्त्रियों की आजादी में 20वीं सदी का बड़ा योगदान है। इसकी बड़ी वजह है टेक्नोलॉजी, जिसने महिलाओं के जीवन को आसान बनाने में मदद की है। कुछ वर्ष पूर्व हुए एक ग्लोबल शोध में कहा गया था कि घरेलू उपकरणों ने स्त्रियों की दुनिया में बड़ा बदलाव किया। यूएस में पहली बार 1913 में वैक्यूम क्लीनर, 1916 में वॉशिंग मशीन, 1918 में रेफ्रिजेरेटर, 1947 में फ्रीजर और 1973 में माइक्रोवेव जैसी सुविधाएं आईं। इसके कुछ समय बाद भारत के महानगरों में ये सुविधाएं शुरू हुईं। अमेरिकी समाज में वर्ष 1900 में अगर स्त्रियां एक सप्ताह में 58 घंटे खपाती थीं तो वर्ष 1975 तक यह समय 18 घंटे ही रह गया। 

ये सुविधाएं घरेलू कार्यों से मुक्ति दिलाने के अलावा वर्कफोर्स में अपनी काबिलीयत दिखाने का मौका प्रदान कर रही थीं लेकिन स्त्रियों ने इसकी कीमत सेहत समस्याओं के रूप में चुकाई। शहरी मध्यवर्ग की स्त्रियों ने जैसे-जैसे बाहरी दुनिया में कदम बढ़ाए, उनका शारीरिक श्रम सिकुड़ता गया और मानसिक कार्य बढ़ता गया।  

महिलाएं एक्टिव नहीं 

कुछ समय पहले हेल्थ और फिटनेस एप ने लगभग एक मिलियन भारतीयों पर सर्वे के बाद नतीजा निकाला कि 53 फीसदी स्त्रियों की दिनचर्या सुस्त है। कहा जाता है कि एक सामान्य पुरुष को दिन भर में लगभग 476 कैलरीज बर्न करनी चाहिए और स्त्री को 374 लेकिन पुरुष 263 कैलरज बर्न कर रहे हैं और स्त्रियां केवल 165 कैलरीज केवल 24 प्रतिशत स्त्रियां पूरी तरह ऐक्टिव हैं और 22 फीसदी स्त्रियां कम ऐक्टिव, बाकी की दिनचर्या सुस्त है और वे दिन भर में 50 कैलरीज भी बर्न नहीं कर पातीं। हालांकि ये आंकड़े शहरी क्षेत्रों के हैं। जीवनशैली और खानपान की गलत आदतों के कारण महानगरों में हाइपर टेंशन, ओबेसिटी, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। 

आलस्य है बड़ा रोग

कुछ समय पहले आई डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया की लगभग 27 फीसदी आबादी आलस्य की गिरफ्त में है। 168 देशों में कराए गए 358 सर्वेक्षणों में लगभग 19 लाख लोगों को शामिल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 42 करोड़ लोग सुस्त जीवनशैली के कारण बीमार हैं। तकरीबन 48 फीसदी स्त्रियां और 20 प्रतिशत पुरुष पर्याप्त व्यायाम नहीं करते। इससे मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर और दिल का दौरा पड़ने जैसी समस्याएं बढ़ी हैं। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में भारत में 17 लाख लोगों की मौत दिल का दौरा पडऩे से हुई।

भारतीय बच्चे मोटापे की दृष्टि से दुनिया में दूसरे नंबर पर आते हैं। वर्ष 2017 में लगभग सवा सात करोड़ भारतीय डायबिटीज से पीडि़त पाए गए जबकि तीन में से एक को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। यही नहीं, वर्ष 2008 से 2012 के बीच महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले साढ़े 11 प्रतिशत तक बढ़े।

Read More Health News In Hindi 

Read Next

हेल्दी दिखने वाले ज्यादातर लोग हैं विटामिन की कमी के शिकार: रिसर्च

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version