कोरोना वायरस का कहर दुनिया में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। स्वास्थ मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में मरीजों की संख्या पहुंचकर 26,917 हो चुकी है, जिसमें कुल 20,177 एक्टिव केसेज हैं। अब तक इस महामारी से 826 लोगों की मौत और 5914 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को कहा कि वर्तमान में ऐसा जरूरी नहीं है कि, जिन्हें एक बार Covid-19 हुआ हो उन्हें दोबारा संक्रमण नहीं होगा।
कोरोनावायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को चेतावनी जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अभी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि कोविड-19 से संक्रमण मुक्त हो चुके लोग, जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है वे सुरक्षित हैं और दूसरी बार उनके संक्रमित होने की संभावना नहीं है। इसी के साथ डब्ल्यूएचओ, ने संयुक्त राष्ट्र सरकारों द्वारा इम्यूनिटी पासपोर्ट (Immunity Passports) जारी करने को लेकर भी चेतावनी दी है और कहा है कि कोई भी देश ठीक हो चुके लोगों को इम्यूनिटी पासपोर्ट या इससे मिलता-जुलता कोई दूसरा प्रमाणपत्र जारी करके, लोगों को यात्रा करने की अनुमति न दें।
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मरीजों में एंटीबॉडीज बन जाने के बाद भी हो सकते हैं संक्रमित
बता दें कि अब तक ये माना जा रहा था कि जो लोग ठीक हो चुके हैं, उनमें कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी (Antibody) बन गई हैं और वे दोबारा बीमार नहीं होंगे। पर अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा है कि ठीक हो चुके मरीजों में एंटीबॉडीज बन जाने के कारण दोबारा संक्रमित नहीं होने का कोई सबूत नहीं मिला है। इसलिए ठीक हो चुके लोग ये न समझें कि वो अब आजाद हैं और उन्हें कोरोना दोबारा नहीं होगा।
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कोई भी देश जारी न करे Immunity Passports
दरअसल पिछले हफ्ते चिली ने कहा था कि वह संक्रमण से उबर चुके लोगों को हेल्थ पासपोर्ट देगा ताकि वो लोग खुलकर अपने काम पर लौट सकें। वहीं, ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैंकॉक ने हाल में कहा था कि संक्रमित होकर ठीक हो चुके लोग अब वायरस के लिए काफी हद तक इम्यून हो चुके होंगे। ऐसे में उनके लिए इम्यूनिटी सर्टिफिकेट जारी किया जाना चाहिए, ताकि वो लोग अपने काम और आम जीवन में लौट सके। इन्हीं देशों के ऐसे फैसलों के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन चिंता में आ गया है।
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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन कोरोना वायरस पर एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया के सबूतों की समीक्षा कर रहा है। डब्ल्यूएचओ ने इस पर कहा है कि इंसान में कोविड-19 के एंटीबॉडी का पता लगाने वाले परीक्षणों की सटीकता और विश्वसनीयता को अभी साबित करना होगा। ऐसे में, अभी इम्यूनिटी पासपोर्ट देने से संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। प्रमाणपत्र मिलने पर ठीक हो चुके लोग कोरोना वायरस के खिलाफ मानक एहतियात बरतने की सलाह को नजरअंदाज कर सकते हैं। वहीं कई अध्ययनों में कहा गया है कि संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में वायरस के प्रति एंटीबॉडी विकसित हो गई हैं। पर कुछ लोगों के खून में निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी का स्तर बहुत कम है। इसका मतलब है कि पूरी तरह से कहा नहीं जा सकता कि इन लोगों को कोरोनावायरस दोबारा होगा या नहीं।
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