कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Pandemic) के बीच आज यानी 24 अप्रैल से रमजान (Ramadan 2020) का पाक महीना शुरू हो गया है। मुस्लिम (Muslim) समुदाय के लिए रमजान बहुत ही खास होता है। इसमें बच्चे, बूढ़े और नौजवान एक महीने तक रोजा रखते हैं, जिसमें बिना कुछ खाए पीए 14-15 घंटे तक भूखे रहना पड़ता है। मगर, कोरोनो वायरस संक्मण के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन से रमजान का यह पर्व जरूरत प्रभावित होगा। रोजा (Roza) रखने के दौरान अकीदतमंदों को भी कई तरह के एहतियात बरतने होंगे, ताकि वह खुद को और अपने परिवार को कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से बचा सकें। वहीं कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी रोजेदारों के लिए दिशानिर्देश दिए हैं।
कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने फीका किया रमजान का पर्व
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रमजान का महीना काफी उत्साह भरा होता है। इस दौरान मस्जिदों में काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ जुटती है। सहरी और इफ्तार के लिए पूरा कुनबा एक जगह इकट्ठा होता है। मगर लॉकडाउन में ऐसा संभव नहीं होगा, जिसके कारण रमजान फीका ही रहने वाला है। दरअसल, 25 मार्च से पूरे देशभर में लागू लॉकडाउन 3 मई तक रहने के आदेश दिए गए हैं। मगर कोरोना वायरस संक्रमण में बहुत ज्यादा कमी दिखाई नहीं दे रही है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि लॉकडाउन को और आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में सभी लोगों को घर के अंदर रहकर ही अपने त्यौहार और कार्यक्रम करने हैं।
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WHO ने रमजान को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रमजान (Ramadan) को लेकर जारी किया है। जिसमें डब्ल्यूएचओ की सलाह है कि, कोरोना के संक्रमण के चलते इस साल रमजान के दौरान अल्लाह की इबादत और इफ्तार की व्यवस्था घर में ही रहकर करना सुरक्षित रहेगा। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
1. यदि सरकार या स्थानीय प्रशासन रमजान के लिए लोगों को इकट्ठे होने की अनुमति देती है तो COVID-19 के खतरे को कम करने के प्रबंध भी किए जाएं। हालांकि, इस दौरान भीड़ न लगाना ही बेहतर होगा।
2. रमजान के दौरान एक दूसरे से गले मिलने के बजाए दूर से ही एक-दूसरे का अभिवादन करें। सीने पर हाथ रखें या सिर झुकाने जैसे व्यवहार को बढ़ावा देना उचित रहेगा
3. यदि कोई व्यक्ति कोविड-19 के लक्षण दिखाता है तो उसे रमजान के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए, न ही किसे से मिलना चाहिए।
4. यदि घर में कोई बुजुर्ग हैं तो उन्हें बाहर निकलने से बचना चाहिए, घर में रहकर ही इबादत ओर इफ्तार करना चाहिए।
5. यदि नमाज के लिए मस्जिम में एकत्र होते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखें। वुजू और नमाज के समय सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाना चाहिए।
6. सरकार की तरफ से और स्थानीय प्रशासन की ओर से रमजान में कोरोना को फैलने से बचाव के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
7. रमजान के दौरान सभी सामाजिक और धार्मिक सामारोहों से जुड़ी सूचना स्पष्ट होनी चाहिए।
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