जब बच्चों के दांत निकलते हैं तो जाहिर सी बात है कि हर माता पिता को बहुत खुशी होती है। माता पिता की यह खुशी तब और ज्यादा बढ़ जाती है जब बच्चा इस दौरान रोता नहीं है और अपने साथ खिलौने से खेलता रहता है। दरअसल, दांत निकलते वक्त बच्चा बहुत रोता है और चिड़चिड़ा रहता है। इस दौरान जितनी परेशान बच्चे को होती है उतनी ही माता पिता को भी होती है। इससे छुटकारा पाने के लिए पेरेंट्स बच्चों के हाथ में प्लॉस्टिक टीथर पकड़ा देते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि ये प्लॉस्टिक और रेडीमेड टीथर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकते हैं। इनसे बच्चों के मसूढ़े तो जख्मी होते ही हैं साथ ही उन्हें कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी रहता है।
क्या है टीथर
टीथर हम उस चीज को कहते हैं जो बच्चों को मुंह में भरने के लिए दिया जाता है। दांत को दबा कर रखने से इसका दर्द कम होता है इसलिए बच्चे बार-बार चीजों को मुंह में भरते रहते हैं। ऐसे में बच्चों को हार्ड फल और सब्जियां टीथर के तौर पर दी जा सकती हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इन्हें अच्छे से साफ कर लिया गया हो और इसका छिलका उतार दिया गया हो क्योंकि बच्चों का पेट छिलका नहीं पचा सकता है। इसके अलावा बहुत नर्म फल या सब्जी भी बच्चों को नहीं देनी चाहिए क्योंकि इसे वे मसूढ़ों से काट लेंगे और फिर वो गले में फंस सकती है।
इसे भी पढ़ें : जन्म के बाद शिशु में क्यों होती है ब्लड प्रेशर की समस्या, जानें कारण और उपचार
क्या करना चाहिए
कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि प्लॉस्टिक के टीथर बच्चों के सेहते के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। भले ही इनसे तुरंत कोई खतरा नहीं होता है लेकिन इनके दूरगामी परिणाम सही नहीं होते हैं। इससे शिशु को आगे चलकर कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। प्लास्टिक की बोतल में बाइस्फोनॉल-ए (बीपीए) नाम का रसायन पाया जाता है। इसके संपर्क में आने पर न सिर्फ शिशु का मानसिक विकास प्रभावित होता है, बल्कि भविष्य में प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका भी काफी बढ़ जाती है। सिर्फ यही नहीं बाइस्फोनॉल-ए (बीपीए) नामक रसायन से बच्चों में अस्थमा, दिल और किडनी की बीमारियां भी हो सकती हैं।
बच्चों को बीपीए रसायन से बचाने के टिप्स
- बच्चों के उत्पाद जैसे बोतल और कप खरीदने से पहले लेबल जरूर जांच लें। ये उत्पाद बीपीए फ्री होने चाहिये।
- जहां तक हो सके प्लास्टिक का उपयोग न करें।
- अपने बच्चे को प्लास्टिक की बोतल अथवा कप से फार्मूला फूड देने से अच्छा है कि आप उसे स्तनपान ही करवायें। इससे उसकी सेहत अच्छी बनी रहेगी।
दांत निकलते वक्त ऐसे रखें बच्चों का ध्यान
- कई बार हम अंजाने में ही बच्चों के आसपास कुछ ऐसा सामान छोड़ देते हैं जो हमें खतरनाक नहीं लगते मगर बच्चों के नर्म मसूढ़ों को जख्मी कर सकते हैं जैसे चम्मच, चाभी, पेन या मोबाइल आदि। इस तरह की चीजें मुंह में भरकर जब बच्चें उसे काटने का प्रयास करते हैं तो उनके मसूढ़े कट जाते हैं और कई बार उनमें से खून निकलने लगता है।
इसे भी पढ़ें : नवजात बच्चों को पीलिया होने पर इलाज के साथ दें ये नैचुरल थेरेपी, जल्दी होगा ठीक
- दांत निकलते समय बच्चे बेचैन हो जाते हैं इसलिए वे अपने आसपास पड़ी किसी भी चीज को उठाकर मुंह में भरने लगते हैं। इसलिए इस दौरान बच्चों के आसपास के सामानों पर नजर रखें। उनके पास कोई ऐसी चीज नहीं रखनी चाहिए जो जहरीली हो, हानिकारक हो या दूषित हो। इस बेचैनी को दूर करने के लिए बच्चों को टीथर दिया जाता है।
- बच्चों के दांतों को साफ करने के लिए मुलायम टूथब्रश का प्रयोग कीजिए। बच्चों के दांतों को नियमित ब्रश से साफ कीजिए, ध्यान रखिए कि बच्चों के ब्रश पर किसी भी प्रकार का टूथपेस्ट बिलकुल न लगायें, क्योंकि बच्चा इसे खा सकता जो कि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। बच्चों को ब्रश दिन में दो बार सुबह और शाम कराइए।
- छ: महीने और एक साल के अंदर बच्चों के दांतों की जांच अवश्य कराइए। इसके लिए आप पीडियाट्रिक डेंटिस्ट से संपर्क कीजिए। यदि दांतों में कोई समस्या है तो डेंटिस्ट जांच से उसका उपचार कर सकता है ताकि भविष्य में आपके लाडले के दांतों में कोई समस्या न आये। इसके अलावा 12 साल तक हर छ: महीने पर डेंटिस्ट से संपर्क कीजिए।
- खानपान का असर बच्चों के दांतों पर पड़ सकता है, इसलिए बच्चे को खिलाते वक्त भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को अधिक शुगरयुक्त आहार बिलकुल न खिलाइए। ऐसे फल भी न खिलायें जो बच्चे की दांतों में फंस सकते हैं।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version