डेंगू के मामले पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में कोलकाता, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मरीजों की संख्या अधिक देखी गई है।हालांकि, अभी तक डेंगू के वर्टिकल ट्रांसमिशन का मामला पहले नहीं देखा गया था। लेकिन हाल ही में कोलकाता से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जहां मां के जरिए नवजात शिशु में डेंगू संक्रमण फैल गया था।
क्या था मामला?
दरअसल, 29 वर्षाीय महिला 9 सितंबर को डेंगू से संक्रमित होने पर राज्य के लेक टाउन अस्पताल में भर्ती हो गई थी। ऐसे में उसे तेज बुखार होने के साथ ही प्लेटलेट काउंट भी केवल 4000 हजार था, जबकि शरीर में सामान्य प्लेटलेट काउंट 1.5 लाख से 4.5 लाख के बीच होना चाहिए। इस स्थिति में चिकित्सकों ने उसे सी-सेक्शन यानि सिजेरियन डिलिवरी करने की सलाह दी। डिलीवरी से पहले महिला का डेंगू टेस्ट कराया गया, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई। वहीं डिलीवरी होने के बाद नवजात शिशु में भी डेंगू के लक्षण देखे गए थे।
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नवजात शिशु की हालत स्थिर
डिलीवरी होने के बाद मां के जरिए शिशु में डेंगू के लक्षण आ गए थे। लेकिन ऐसे में शिशु का वजन 2.7 किलो था, जोकि नवजात के लिए हेल्दी वजन माना जाता है। ऐसे में बच्चे के ब्लड सैंपल भी टेस्ट किए गए, जिसमें उसे एनएस1 वायरस होने की पुष्टि की गई। इस दौरान चिकित्सकों को मां और बच्चे को बचाने के लिए एक सर्जरी भी करनी पड़ी थी। दरअसल, मां का प्लेटलेट काउंट लगातार घट रहा था साथ ही साथ उसे स्पाइनल ब्लीडिंग भी हो रही थी, जिसके बाद चिकित्सकों ने स्पाइनल एनेस्थीसिया देकर उनकी सर्जरी की।
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डेंगू का वर्टिकल ट्रांसमिशन
दरअसल, वर्टिकल ट्रांसमिशन एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें गर्भवति मां से शिशु में भी यह संक्रमण फैल जाता है। आमतौर पर डेंगू का वर्टिक ट्रांसमिशन मच्छरों में अधिक और इंसानों में काफी कम होता है। लेकिन कुछ मामलों में ये मां के जरिए बच्चे में भी फैल सकता है। ऐसी स्थिति में शरीर में प्लेटलेट काउंट कम होने के साथ ही मां और बच्चे कई बार शारीरिक कमजोरी का भी शिकार हो जाते हैं।