हम में से अधिकतर लोगों ने कभी सिर दर्द, पेट दर्द, सीने में दर्द, गर्दन में दर्द और जोड़ो के दर्द जैसे दर्द के विभिन्न रूपों का अनुभव किया होगा। और इस दर्द को दूर करने के लिए हम में से बहुत से लोगों ने कैमिस्ट के यहां से बिना किसी डॉक्टरी पर्चे के डिस्प्रिन और एसिटामेनिफेन जैसी दवाएं खरीद कर खाई होगी। साधाण दर्द निवारक गोलियां दर्द में अस्थाई तौर पर आराम तो देते है लेकिन इसके लम्बे समय तक इस्तेमाल से किडनी के खराब होने, एसिडिटी, दस्त और कब्ज जैसी समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है।
इन दवाओं के दुष्प्रभावों के कारण ही आज अधिक से अधिक लोग दर्द निवारण के लिए वैकल्पिक चिकित्सा और प्राकृतिक विधि से दर्द निवारण की विधियों का अपनाने की ओर लौट रहे है। वैकल्पिक चिकित्सा में योगा, मेडिटेशन, मालिश आदि को दर्द निवारण के लिए अकेले या दवाओं के साथ प्रयोग किया जा सकता है। बहुत से वैकल्पिक चिकित्सा और सहायक चिकित्सा के माध्यमों का आज तक मुख्य धारा के आयुर्विज्ञान के शोधकर्ताओं ने शोध नही किया और जितना किया उतना काफी नही था। उनकी अवेलहना के बावजूद यह पारंपरिक तरीके और विधियां दर्द को कम करने और रोकने में बहुत प्रभावशाली और लोकप्रिय है, विभिन्न प्रकार के दर्द को कम करने के लिए कई तरह के सहायक और वैकल्पिक चिकित्सा विधियों का प्रयोग किया जाता है जिनमें प्रमुख इस प्रकार है:
हाइड्रेटेड रहना
डिहाइड्रेशन के कारण शरीर से मिनरल का नुकसान, पुराने सिर और पीठ दर्द को बढ़ा देता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि दर्द से बचने के लिए तरल पदार्थो का अधिक से अधिक सेवन करें। कई लोग बॉडी को हाइड्रेटेड करने के लिए कॉफी, सोडा या जूस का सहारा लेते हैं ये बिलकुल गलत है क्योंकि इसमें अतिरिक्त कैलोरी, सोडियम और कैफिन समस्या को और अधिक गंभीर बना देता हैं।
गर्म और ठंडा सेक
दर्द से प्रभावित अंगों पर गर्म या ठंडे सेक से दर्द से तुरंत आराम मिलता है। सामान्य तौर पर दर्द निवारण में इस विधि का प्रयोग किया जाता है। इंजरी के बाद बर्फ की पट्टियों से प्रभावित अंगों की सिकाई करने पर दर्द में राहत मिलती है। इंजरी के 24 घंटे बाद बर्फ से सिकाई करने पर प्रभावित अंगों में सूजन होने की संभावना कम हो जाती है। सूजन कम होने या नहीं होने से दर्द भी कम होता है। दर्द की गंभीर और पुराने मामलों में प्रभावित स्थान को गर्म ईट या गर्म वाटर बैग से सिकाई करने पर काफी आराम मिलता है।गर्म सेक से ऊतक मुलायम हो जाते है, रक्त का संचार बढ जाता है और इससे मरीज को दर्द से भी आराम मिल जाता है।
योगा
भारतीय इलाज की पारंपरिक विधि योगा दर्द निवारण में काफी प्रभावी सिद्ध होती है। जब कभी आप योगा शुरु करें तो पहले हल्के किस्म का योग करे फिर धीरे–धीरे इसके समय में वृद्धि करे। योगा शुरु करने के पहले किसी योग चिकित्सक से एक बार सलाह अवश्य लें ले और पहले उसके देखरेख में योगा करे वरना योग के फायदा के बजाए नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
एक्यूपंचर
इस विधि में दर्द से राहत पाने के लिए शरीर के कुछ हिस्सों में सुई चुभो कर इलाज किया जाता है। एक्यूपंचर करने की विधि से होने वाला दर्द मामूली होता है जो मरीज को पता भी नहीं चलता है।...
एक्सरसाइज
दर्द निवारण के लिए एक्सरसाइज बिना दवा के इलाज के तौर पर एक बहुत ही प्रभावी उपचार सिद्ध होता है। नियमित रूप से एक्सरसाइज करना चाहे वो टहलना, तैराकी या जॉगिंग करना ही क्यों न हो, इससे दर्द में बहुत आराम मिलता है। अपने डॉक्टर से मिलकर आप एक्सरसाइज करना शुरु कर सकते है। फिर धीरे धीरे इसे बढ़ाएं।
संतुलित आहार
जर्नल ऑफ अल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लिमेंटरी मेडिसिन के शोध के अनुसार, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ से मुक्त आहार दर्द को कम करने में मदद करते है। हरी पत्तेदार सब्जियां, ओमेगा 3 फैटी एसिड से उच्च खाद्य पदार्थ, शतावरी और लो शुगर वाले खाद्य पदार्थ जैसे चेरी, प्लम, और अनानास और सोया खाद्य उत्पाद दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
Image Courtesy : Getty Images
Read More Articles on Pain Management in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version