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साइनस की समस्या में फायदेमंद है आयुर्वेदिक नस्य कर्म चिकित्सा, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके बारे में

आजकल साइनस की समस्या एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो लोगों को हर उम्र में प्रभावित कर रही है। यहां जानिए, साइनस से राहत पाने के लिए नस्य कर्म के फायदे।
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साइनस की समस्या में फायदेमंद है आयुर्वेदिक नस्य कर्म चिकित्सा, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके बारे में

साइनस संक्रमण, जिसे साइनसाइटिस के नाम से भी जाना जाता है, एक आम समस्या है जो अक्सर नाक के आस-पास सूजन और संक्रमण के कारण होती है। इस स्थिति में नाक में दर्द और सांस लेने में कठिनाई का अनुभव होता है। खासकर बदलता मौसम, प्रदूषण और गलत खानपान साइनस की समस्या को बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद में साइनस की समस्याओं के उपचार के लिए कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार, साइनस समस्याएं आमतौर पर कफ दोष के बढ़ने के कारण होती हैं, जो शरीर में बलगम और सूजन पैदा करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में जड़ी-बूटियों का उपयोग करके साइनस के लक्षणों को कम किया जा सकता है। नस्य कर्म, एक आयुर्वेदिक उपचार पद्धति है, जिसमें नाक के माध्यम से औषधियों का उपयोग करके साइनस संक्रमण का उपचार किया जा सकता है। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर क्रान्ति आर. वर्धन से जानिए, साइनस संक्रमण में नस्य कर्म के फायदे क्या हैं?

नस्य कर्म क्या है?

नस्य कर्म एक आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें औषधियों को नाक के माध्यम से दिया जाता है। यह प्रक्रिया सीधे मस्तिष्क और साइनस तक पहुंचने में मदद करती है, जिससे जल्दी राहत मिलती है। नस्य कर्म का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जाता है, जैसे कि साइनस इंफेक्शन, सिरदर्द और श्वसन संबंधी समस्याएं।

Sinus Infection

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अणु तेल के लाभ

अणु तेल, जो कि एक शुद्ध और प्राकृतिक तेल है, साइनस संक्रमण के उपचार में बेहद प्रभावी होता है। यह नाक के मार्गों को साफ करने में मदद करता है और सूजन को कम करता है। अणु तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो साइनस संक्रमण के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, यह नाक में नमी बनाए रखने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है।

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नस्य कर्म की विधि

  • नस्य कर्म के लिए अणु तेल की जरूरत होगी।
  • नस्य कर्म करने से पहले नाक को अच्छे से साफ करें। ध्यान रखें कि नाक में किसी भी प्रकार की धूल और बैक्टीरिया न हों।
  • अब सिर को थोड़ा पीछे की ओर झुकाकर लेट जाएं और फिर मुंह से धीरे-धीरे सांस लें।
  • अब दोनों नाक के छेदों में 2-4 बूंद अणु तेल डालें। इससे नाक के मार्ग में नमी बनेगी और सूजन कम होगी।
  • इसके साथ ही नाक के चारों ओर हल्की मालिश करें।

सावधानियां

  • नस्य कर्म करते समय हमेशा साफ वातावरण में रहें।
  • यदि आप किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
  • नस्य कर्म का उपयोग गंभीर साइनस संक्रमण में न करें जब तक कि डॉक्टर की सलाह न हो।

निष्कर्ष

नस्य कर्म, विशेष रूप से अणु तेल, बाह्मी और तुलसी का उपयोग करके, साइनस संक्रमण के उपचार में एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है। यह न केवल साइनस की समस्याओं को कम करता है, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।

All Images Credit- Freepik

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