
अर्थराइटिस यानी गठिया आज की बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खानपान आदि वजहों से ये रोग अब केवल बुजुर्गो तक ही सीमित नहीं रह गया है। बल्कि युवा भी इसका शिकार होते जा रहे है। अर्थराइटिस का सबसे अधिक प्रभाव घुटनों में और उसके बाद कुल्हे की हड्डियों में दिखाई देता है।
बहुत लोग समय-समय पर अपने बदन में दर्द और अकड़न महसूस करते हैं। कभी-कभी उनके हाथों, कंधों और घुटनों में भी सूजन और दर्द रहता है साथ ही उन्हें हाथ हिलाने में भी तकलीफ होती है। ऐसे लोगों को अर्थराइटिस हो सकता है। कुछ तरह के अर्थराइटिस में जोड़ों में बहुत ज्यादा दर्द होता है। अर्थराइटिस के लक्षण आमतौर पर समय के साथ दिखाई देते हैं, लेकिन अर्थराइटिस का दर्द अचानक भी हो सकता है।

अधिकतर लोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए कई तरह की दवाईयों का भी सेवन करते हैं, लेकिन अर्थराइटिस का दर्द एक बार में नहीं जाता। दर्द में राहत मिलने के लिए कई महीने भी लग जाते हैं। अर्थराइटिस के दर्द के लिए कई देसी इलाज भी होते हैं लेकिन कई बार वो काम नहीं करते।
मड पैक थेरेपी
जर्नल र्यूमेटोलॉजी में मड पैक को एक नेचुरल प्रोडक्ट है जिसमें मिनरल का मिक्चर है। मड पैक ऑर्गेनिक(organic) और इन-ऑर्गेनिक(inorganic) से तैयार होता है जो कि बायोलॉजिकल और जियोलॉजिकल तरीके से बनता है। मड बाथ लेने से शरीर में काफी आराम मिलता है। नेचुरल रूप से मिट्टी में ये 5 तत्व मौजूद होते है। ये तत्व शरीर को शांति और शीतलता के साथ निरोगी बनाते है।
मिट्टी को आयुर्वेद में जीवन का अस्तित्व माना गया है। इसे प्राकृतिक चिकित्सा (मड थेरपी) कहा जाता है। प्राचीन समय से ही बीमारियों को दूर करने के लिए इस थेरेपी का प्रयोग किया जाता है।
मड पैक थेरेपी से दर्द में भी आराम मिलता है। लेकिन मड पैक के तापमान के हिसाब से प्रयोग किया जाता है। 42 डिग्री से 47 डिग्री तक पैक को 15 से 30 मिनट के लिए रखना होता है। शोधकर्ताओं ने पाया की मड पैक थेरेपी दर्द को कम करने में मददगार है।
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थेरेपी के फायदे
र्यूमेटोलॉजी इंटरनेशनल के मुताबिक, अध्ययन में मड पैक थेरेपी से 45 लोगों को र्यूमेटाडटड के दर्द से फर्क पड़ा है। मड पैक थेरेपी को एक हफ्ते में 5 बार करना चाहिए और ये थेरेपी करीब 3 हफ्तों तक चलनी चाहिए।

इस थेरेपी से करीब शरीर में 30 फीसदी तक सूजन कम होती है, 20 फीसदी या उससे ज्यादा बीमारियां कम होती है और 20 फीसदी तक जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। इससे पता चलता है की मड पैक थेरेपी अर्थराइटिस के दर्द में मददगार होती है।
मड पैक के फायदे
अक्सर लोग सोचते हैं की मड पैक में सिर्फ मिट्टी और पानी का एक घोल होता है। लेकिन इसके अलावा मड पैक से कई तरह के फायदे भी होते हैं। मड पैक में भारी मात्रा में मिनरल होता है जो कि हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। बता दें की मड बाथ के लिए 3 तरह के मड का प्रयोग किया जाता है। पहला जो गरम झरनों से बनी हुई कीचड़, दूसरा झील के नीचे बनी हुई कीचड़ और तीसरा जो समुद्र में पाई जाती है।
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दर्द से मिलेगी राहत
जो लोग अर्थराइटिस के दर्द से पीड़ित है वो कोशिश करें की मड पैक थेरेपी का प्रयोग किया जाए। जिससे उन्हें इस थेरेपी के जरिए दर्द से छुटकारा मिल सके। ये थेरेपी आपके शरीर में सूजन को भी कम करने का काम करती है।
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