बारिश के मौसम में नदी या तालाब में नहाने से हो सकती हैं कई बीमारियां और इंफेक्शन, जानें इनसे बचाव के उपाय

बारिश के मौसम में नदी, तालाब में नहाना पड़ सकता है भारी। कान, नाक, आंख से जुड़ी बीमारी हो सकती है। जानें इससे बचाव कैसे करें। 
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बारिश के मौसम में नदी या तालाब में नहाने से हो सकती हैं कई बीमारियां और इंफेक्शन, जानें इनसे बचाव के उपाय

बरसात के मौसम में नदी या तालाब में नहाना भारी पड़ सकता है। क्योंकि इससे आंख, नाक, कान में इंफेक्शन होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा आज के समय में नदियों का पानी काफी दूषित हो गया है। लोग घरों का गंदा पानी और इंडस्ट्रियल वेस्ट नदी में डालते हैं। ऐसे पानी से नहाने से नाक, कान, मुंह और स्किन संबंधित बीमारियां होती हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर के सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह ने कहा- नदी में नहाना अब काफी खतरनाक हो गया है। खासकर बच्चों के लिए यह काफी नुकसानदायक है। हमें जितना हो नदी में नहाने से बचना चाहिए। अगर नहाते हैं तो घर में आकर तुरंत साफ पानी से नहा लेना चाहिए। इससे आप, नाक, मुंह, स्किन इत्यादी की समस्याओं से बच सकते हैं। नदी में दूषित पानी रहने से बैक्टीरिया हमारे शरीर में घुस जाता है। नाक, कान, या मुंह में पानी जाने से अंदर के अंगों को नुकसान पहुंचने की संभावना बनी रहती है। इस वजह से लोगों को कान-नाक बहने की समस्या आती है। कान दर्द करने लगता है। मुंह में छाले इत्यादी हो जाता है। कान से बदबू आने लगती है। स्किन में खुजली जैसी बीमारी हो जाती है। अगर नदी में नहा रहे हैं तो यह ध्यान रखें कि नदी का पानी मुंह, नाक, या कान के जरिए शरीर के अंदर न जाए। नदी में नहाते समय डुबकी लगाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही और किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल।

कान में हो सकता है संक्रमण

डॉ. मृत्युंजय सिंह बताते हैं कि - नदी में तैरने और नहाने के बाद अक्सर लोगों के कान में पानी चला जाता हैं। यदि इसे बाहर नहीं निकाला जाए तो आपके कान में फंसे पानी से कई बीमारी हो सकती है। आपके बाहरी कान और ईयर कैनल में सूजन, जलन या संक्रमण का सामना करना पड़ सकता हैं। घरेलू उपचार से कान मे फंसा पानी निकालना आसान है। अगर घरेलू इलाज से काम नहीं चलता और आप कान में दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तब आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। दूषित पानी कान में जाने से कान बहने लगता है। बैक्टीरिया के कान में जाने से कान बहने की समस्या आती है। यह ज्यादातर बच्चों में यह समस्या आती है। कान का बहना और उससे बदबू आना गंभीर संकेत हैं। इसका मतलब है कि कान की हड्डी सड़ रही है। इसकी जांच तुरंत करानी चाहिए। नहीं तो ब्रेन एब्सेस (Brain abscess) हो सकता है। यह जानलेवा भी हो सकता है। इस बीमारी के होने से बदबूदार मवाद आता है और सिर दर्द की शिकायत होती है, ऐसे इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए। कान का पर्दा फटने से सिर्फ पानी निकलता है। अंदर से कान माचिस के बॉक्स की तरह होता है। उसमें छह पर्दे होते हैं। पर्दा फटने पर इन्फेक्शन हो जाता है। धीर-धीरे हड्डियां सड़ने लगती हैं। इससे कोलेस्टेटोमा (Cholesteatoma) बीमारी हो जाती है। चेहरे में टेढ़ापन आने लगता है। ब्रेन में मवाद हो जाता है। गले में खराबी आ जाती है। मरीज मेनिनजाइटिस से भी पीड़ित हो जाता है।

Bathing in river causes diseases

नदी में नहाने के बाद कान से पानी निकालने के तरीके

  1. अगर नहाते समय आपके कान में पानी चला गया है तो प्रभावित कान को नीचे की तरफ कर अपनी हथेली पर रखें व अपनी हथेली से कान को धीरे से अंदर व बाहर दबाएं, जब तक पानी बाहर आना शुरू न हो जाए इस विधि को, कान को ऊपर की तरफ रखकर न करें, अन्यथा आप पानी को ईयर कैनाल में और पीछे की तरफ धकेल देंगे। यह एक खिंचाव की तरह वैक्यूम पैदा करेगा, जो की पानी को आपके हाथ की ओर खींचेगा।
  2. मुलायम तौलिए या कपड़े से अपने कान के बाहरी हिस्से को आराम से व धीरे से साफ करते हुए, कान को कपड़े की ओर नीचे झुकाए, ताकि बचा हुआ पानी भी निकल जाए। 

नदी के गंदे पानी से हो सकती स्किन डिजीज

एक्सपर्ट बताते हैं कि नदी के गंदे पानी से नहाने से त्वचा संबंधित कई रोग हो सकते हैं। इसमें चर्म रोग भी संक्रमण से होने वाली बीमारी है। नदी में नहाने से दाद, खाज व खुजली के साथ दिनाय या फंगस जैसे संक्रामक रोगों का खतरा रहता है। इससे बचाव के लिए दूषित जल से दूर रहना चाहिए। गंदे पानी में रहने वाले लोगों को फंगल ग्रोथ फुंसी-घाव की शिकायत काफी देखने को मिलती है। जो काफी घातक हो सकता है। इसके बचाव के लिए गंदे पानी से दूर रहें। इस तरह के चर्म रोग होने पर ऐसे घाव पर नीम के पत्तों को पीसकर लगाना ज्यादा फायदेमंद होता है। गुनगुने पानी से घाव को धोना भी फायदेमंद होता है।

चेहरा पड़ सकता है पीला

एक्सपर्ट बताते हैं कि गंदे पानी में नहाने से पीलिया का खतरा रहता है। नदी का दूषित पानी शरीर में जाने से पीलिया रोग हो सकता है। यह रोग किसी को भी हो सकता है। चाहे वो बच्चा हो या बड़ा। इस रोग से नाखून, आंख, चेहरा पीला पड़ जाता है। भूख खत्म होने लगती है व सिर दर्द-कमजोरी बढ़ती है।

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आंख में होता है सूजन

नदी का दूषित पानी आंखों में जाने से कई बीमारी होती है। जैसे आंख से पानी आना, आंख लाल होना, सूज जाना, जलन होना, गंदगी आना आदि। कभी-कभी कंजक्टिवाइटिस जैसी आंख की बीमारी भी हो जाती है, जो एक दूसरे से फैलती है। यह बीमारी कम्युनिकेबल डिजीज की श्रेणी में आने वाली बीमारी है।

नदी में नहाने से परहेज करें, बीमारी हो तो लें डॉक्टरी सलाह

लोगों की कोशिश यही होनी चाहिए कि उन्हें नदी, नालों में नहाने से परहेज करना चाहिए। जितना संभव हो उन्हें घर पर ही नहाना चाहिए। कई लोग शौकिया तौर पर भी घर के पास के तालाब, नदी में नहाने के लिए जाते हैं। ऐसे लोगों को ध्यान देना चाहिए यदि उन्हें बताई गई बीमारियों में से कोई समस्या हो तो उन्हें डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

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