बारिश का मौसम या मानसून आपको गर्मी से तो राहत देता है मगर यह कई संक्रामक रोगों का कारण भी बनता है। मानसून में खराब खानपान की वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पेट की समस्या, एलर्जी और कई गभीर रोग जैसे पीलिया, टाइफाइड, कालरा, फ्लू और डायरिया जैसी बीमारियां बारिश के मौसम में बहुत ही आम हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इन बीमारियों से बचने का एक ही तरीका है कि हम अपने आहार और व्यवहार में परिवर्तन लाएं।
दरअसल, आयुर्वेद के अनुसार मानसून में वात दोष तीन दोषों (वात, पित्त, कफ) पर हावी होता है। इसलिए मानसून में वात दोष को नियंत्रित करने और तीनों दोषों का बैलेंस बनाने के लिए हमें अपनी डाइट की बेहतर बनाने की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों की मानें तो आयुर्वेद किसी बीमारी का उपचार करने के बजाए समस्या के कारणों का उपचार करने का काम करता है।
अगर आप मानसून में बीमार होने से बचना चाहते हैं तो आपको आयुर्वेदिक डाइट (Ayurvedic Diet For Monsoon) अपनाना चाहिए। इससे आप काफी हद तक संक्रामक रोगों से बचे रह सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार मानसून में आहार - Diet In Monsoon According to Ayurveda In Hindi
मानसून में संक्रामक रोगों से बचाव के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे- मानसून के दौरान जलजनित रोगों से बचने के लिए उबला हुआ गर्म पानी पीना फायदेमंद होता है। हल्दी पाउडर के साथ गर्म दूध पीने से एक गले में खराश, गले में दर्द से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है और एक ठंड को शांत करना चाहिए जो मानसून के दौरान आम है। तुलसी के पत्तों और हल्दी को पानी में उबालकर छान लें। इस पानी से आप गरारा करें, यह गले की खराश से भी छुटकारा दिलाता है।
मानसून में संक्रमण से लड़ने और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए यहां हम आपको कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं:
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- अनाज: लाल चावल, सती चावल, गेहूं, ज्वार।
- सब्जी: सभी प्रकार की लौकी, भिन्डी, परवल आदि।
- फलियां: अरहर दाल, मूंग दाल, कुल्थी दाल, काली दाल।
- लहसुन, प्याज, अदरक, सूरन
- फल: खजूर, अंगूर, नारियल, शहतूत।
- दूध और दूध के उत्पाद गाय का दूध, छाछ, घी।
- अन्य चीजें: सेंधा नमक, धनिया, जीरा, गुड़, पुदीना, हींग, काली मिर्च, पिप्पली।
मानसून में क्या न खाएं - Foods To Avoid In Monsoon According To Ayurveda
मानसून में कुछ आहार हैं, जिनका सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे आहार आपके वात, पित्त और कफ दोष का बैलेंस खराब कर देता है। कुछ लोग बारिश के मौसम में तली-भुनी चीजों को खाना पसंद करते हैं, मगर आयुर्वेद के अनुसार इस प्रकार के आहार से हमें दूर रहना चाहिए। यह आपके पेट को खराब कर सकते हैं। इससे आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। यहां हम आपको हम उन खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें मानसून में खाने से बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार यह पाचन के लिए सही नहीं है।
- अनाज: रागी, बाजरा, मक्का, जौ।
- सब्जियां: पालक, करेला, चौलाई, गोभी, सूखी सब्जियां।
- दालें या फलियां: मटर, दाल (मसूर), चना।
- ट्यूबर पोटैटो, सिंघाड़ा, साबुदाना, कमलकंद, गाजर।
- फ्रूट्स ब्लैक प्लम (जाम्बुल), जैकफ्रूट, ककड़ी, तरबूज, मस्कमेलन।
- दूध: भैंस का दूध, पनीर।
- अन्य चीजें: मिठाई, फ्राइड फूड, श्रीखंड।
- पानी ठंडा पानी
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