Misconceptions About Navratri Fasting: जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि का समय हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस नौ दिन के उत्सव के दौरान, भक्त मां दुर्गा की पूजा करते हैं और कई लोग उपवास रखते हैं। उपवास का उद्देश्य न केवल धार्मिक होता है, बल्कि इसे शरीर के शुद्धिकरण के लिए भी लाभकारी माना जाता है। हालांकि, उपवास के दौरान खानपान को लेकर कई गलतफहमियां भी हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डाल सकती हैं। सही जानकारी के अभाव में, लोग मानते हैं कि जो कुछ भी उपवास के दौरान अब तक उन्हें करने या खाने के लिए बताया गया है, वह सब सही है। जबकि ऐसा नहीं है। कई ऐसी गलतफहमियां हैं जिन्हें समझने की जरूरत है। इस लेख में हम नवरात्रि उपवास से जुड़ी कुछ गलतफहमियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल की डाइटिशियन सना गिल से बात की।
1. व्रत में खाने वाली सभी चीजें हेल्दी हैं- Fasting Food is Healthy
व्रत के दौरान लोग कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जैसे साबूदाना, आलू, कुट्टू का आटा और सिंघाड़े का आटा। यह धारणा आम है कि ये सभी खाद्य पदार्थ हेल्दी होते हैं, क्योंकि इन्हें व्रत के लिए उपयुक्त माना जाता है। हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है। व्रत के दौरान बहुत से लोग तले हुए या ज्यादा घी-तेल में बने व्यंजनों का सेवन करते हैं, जैसे साबूदाना खिचड़ी, कुट्टू के पकौड़े या तले हुए आलू। इन खाद्य पदार्थों में कैलोरी और फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, खासकर अगर आप इसे ज्यादा मात्रा में खा लें। इसलिए, यह जरूरी है कि व्रत के दौरान भी भोजन संतुलित और हल्का हो।
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2. कोई भी उपवास रख सकता है- Anyone Can Do Fasting
उपवास को लेकर एक आम धारणा यह भी है कि यह सभी के लिए उपयुक्त होता है। जबकि उपवास का धार्मिक महत्व होता है, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह हर व्यक्ति के लिए उचित नहीं होता। जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी, ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं, उनके लिए उपवास रखना, हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भी उपवास से बचना चाहिए, क्योंकि उनकी पोषण की ज़रूरतें अलग होती हैं। ऐसे में, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हो, तो उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना उपवास नहीं करना चाहिए।
3. उपवास के बाद कुछ भी खा सकते हैं- Eat Anything After Fasting
यह एक और बड़ी गलतफहमी है कि उपवास खत्म होते ही आप कुछ भी खा सकते हैं। उपवास के दौरान पेट लंबे समय तक खाली रहता है, और अचानक भारी या मसालेदार भोजन खाने से पाचन तंत्र पर भारी दबाव पड़ सकता है। इससे एसिडिटी, पेट दर्द और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उपवास खत्म करने के बाद हल्का और पौष्टिक भोजन लेना सबसे अच्छा होता है, जैसे कि फल, दही, सूप या सादा खिचड़ी।
4. फलों से पूरी ऊर्जा मिल जाती है- Fruits in Fasting Provides Enough Energy
फलों का सेवन उपवास के दौरान फायदेमंद होता है, क्योंकि वे विटामिन, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर होते हैं। हालांकि, एनर्जी के लिए केवल फलों पर निर्भर रहना काफी नहीं है। फलों में प्राकृतिक चीनी होती है, जो तुरंत ऊर्जा देती है, लेकिन इसका असर बहुत जल्दी खत्म हो जाता है। इसके अलावा, फलों में प्रोटीन और स्वस्थ फैट की कमी होती है, जो शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा नहीं दे पाते। इसलिए, उपवास के दौरान फलों के साथ-साथ नट्स, बीज और दूध जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन भी जरूरी है, ताकि शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, फैट और अन्य पोषक तत्व मिल सकें।
5. दूध, शरबत से शरीर हाइड्रेट रहता है- Milk and Other Drinks Can Hydrate Your Body
बहुत से लोग मानते हैं कि व्रत के दौरान दूध, शरबत या अन्य मीठे पेय पदार्थ पीने से शरीर की पानी की जरूरत पूरी हो जाती है। हालांकि, यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है। दूध या शरबत जैसे पेय पदार्थों में शुगर और फैट की मात्रा होती है, जो शरीर को ऊर्जा तो देते हैं, लेकिन इन्हें केवल हाइड्रेशन का स्रोत मानना गलत है। ये पेय पदार्थ शरीर को कुछ समय के लिए ताजगी का अहसास दे सकते हैं, लेकिन इनका ज्यादा सेवन करने से शुगर लेवल बढ़ सकता है और प्यास बुझाने की बजाय यह शरीर में ज्यादा थकान का कारण बन सकते हैं। हाइड्रेशन के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
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