
Mother's Day 2023 Mental Health Care Tips for New Mothers: हर साल मई के दूसरे रविवार के दिन हम मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। यह एक ऐसा दिन है, जब हम अपनी मां को डेडिकेट करते हैं और उनकी खुशी का ख्याल रखने की कोशिश करते हैं। जबकि, अन्य दिनों में उन्हें विशेष महत्व नहीं देते हैं। वह हर दिन काम दे दवाब में होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मां के हिस्से बहुत सारी जिम्मेदारियां आती हैं। हालांकि, न्यू मदर्स के लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि वह शारीरिक के साथ-साथ मानसिक तनाव से भी गुजर रही होती है। ऐसे में न्यू मदर्स को चाहिए कि वे अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखें। सवाल है, वे ऐसा कैसे कर सकती हैं? यह बहुत आसान है। इस बारे में न्यू दिल्ली स्थित, दी लाइफस्टाइल क्लीनिक की सलाहकार मनोचिकित्सक, डॉ. वर्षा महादिक, एमबीबीएस डीएनबी मनोरोग दे रही हैं कुछ जरूरी टिप्स, आप भी इन्हें फॉलो करें।
सिचुएशन को समझें
जो महिलाएं, हाल ही में मां बनी हैं, वे अपनी सिचुएशन को सही तरह से समझ नहीं पातीं। ऐसा इसलिए, क्योंकि वे अपना ज्यादातर समय अपने बच्चे को देती है और खुद के लिए जरा भी समय नहीं निकालतीं। जब न्यू मदर्स अपने लिए समय नहीं निकालती हैं, तो इससे उनके अंदर चिड़चिड़ापन भर जाता है और स्थिति के प्रति कोफ्त होने लगती है। न्यू मदर्स को चाहिए कि वे अपनी स्थिति को समझने की कोशिश करें।
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प्रेशर लेने से बचें
न्यू मदर्स की मेंटल हेल्थ इसलिए भी कई बार अस्थिर हो जाती है, क्योंकि वे काम का बहुत ज्यादा प्रेशर खुद पर ले लेती है। जाहिर है, बच्चा आने की वजह से एक महिला पर काम का प्रेशर बढ़ जाता है। बच्चे की देखभाल करने से लेकर अपने स्वास्थ्य और खानपान पर भी पैनी नजर रखनी होती है। लेकिन न्यू मदर्स यानी नई मांओं को चाहिए की वे काम के बोझ कम लें। इसके अलावा, अगर किसी वजह से कोई काम पूरा नहीं हो रहा है, तो उसे नजरअंदाज करें। काम को पर्फेशन के साथ पूरा करने का लोड लेने से बचें।
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अपने लिए समय निकालें
न्यू मदर्स के पास अपने लिए समय बहुत कम होता है। उन्हें चौबीस घंटे अपने बच्चे का ख्याल रखना होता है। कभी उसे नहलाना, कभी खिलाना, तो कभी उसके डायपर बदलना। इन सब काम में नई मां इतनी उलझ जाती हैं कि उन्हें अपना व्यक्तित्व कहीं खोया हुआ नजर आता है। आपको चाहिए कि अपने लिए भी समय निकालें। इस दौरान कुछ अपने मन का करें। अगर आप इतना समय नहीं निकाल पाती हैं कि एक डेढ़ घंटा खुद के लिए निकाल सकें। ऐसे में आप खुद के लिए 10-15 मिनट निकालें। इस दौरान म्यूजिक सुनें, इंस्टा या फेसबुक में समय बिताएं। इससे आपको फील गुड का अहसास होगा और मेंटल हेल्थ में सुधार आएगा।
बच्चे के साथ रेस्ट करें
न्यू मदर्स को रेस्ट का समय भी कम मिल पाता है। जबकि उन्हें पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। लेकिन, न्यू मदर्स अक्सर अपने बच्चे के साथ-साथ रात के समय जगती हैं। इससे भी मांओं की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। इसे संभालने के लिए जरूरी है कि आप कंप्लीट रेस्ट करें। अगर आपका बच्चा रात को जगता है और दिन में सोता है, तो आप भी बच्चे के साथ दिन के समय सोएं। अपने सभी काम छोड़ दें। रेस्ट करने से आप बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर पाएंगी, जिससे आपको और आपके बच्चे की बॉन्डिंग भी स्ट्रॉन्ग होने में मदद मिलेगी।
गपशप करें
बच्चा होने के बाद महिलाएं खुद को पूरी तरह से उसके इर्द-गिर्द बांध लेती है। बच्चे का ध्यान रखते-रखते वे अपने दोस्त और रिश्तेदारों के साथ गपशप करना भूल जाती है। इसके अलावा, नई मां बनने के बाद महिलाओं में होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों के कारण बहुत सारी नकारात्मक भावनाएं उनके मन में बैठ जाती। ऐसे में अगर वे अपने मन की बातें किसी से शेयर न करे, तो उनकी मन:स्थिति और खराब हो सकती है। लेकिन समय के आभाव के कारण, ये महिलाएं अपने मन की बात किसी से शेयर नहीं कर पातीं और मन ही मन कुंठा या गुस्से से भर जाती हैं। आपके साथ ऐसा न हो, इसके लिए रूरी है कि आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पति के साथ ढेर सारी गपशप करें। आपकी मेंटल हेल्थ स्ट्रॉन्ग होगी, जिससे आप हर तरह की सिचुएशन को संभालने में सक्षम हो जाएंगी।
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