चिकित्सा के क्षेत्र में एक और उपलब्धी जुड़ गई है और अब बिना गर्भाशय के भी महिलाएं बच्चे पैदा कर सकेंगी। चिकित्सकों के मुताबिक, गर्भधारण में अक्षम महिलाओं के इलाज की दिशा में यह एक क्रांतिकारी उपलब्धि है। अब तक यह कल्पना करना असंभव था कि बिना गर्भाशय के कोई महिला बच्चा पैदा कर सकती है। लेकिन स्वीडन के चिकित्सकों ने एक महिला को यह सुख दिया है।
गर्भाशय के बिना पैदा हुई महिला का अब खुद के बच्चे का सपना पूरा हो गया है। टारा हॉकाडे को मेयर रोकिटैंस्की (एमआरकेएच) सिंड्रोम है। यह एक रेअर बीमारी है जो 5,000 महिलाओं में से एक को होती है। इस बीमारी में अंडे और हार्मोन तो बनते हैं लेकिन गर्भाशय के बिना। 2013 में टारा इस बीमार से ऑफिशियली रजिस्टर होने वाली इकलौती महिला थी जिनके लिए बच्चे का सपना केवल एडॉप्शन से पूरा होता। लेकिन अब 33 साल की उम्र में उसके पास खुद का बच्चा है। ये चमत्कार यूके के सर्जन्स ने गर्भाशय ट्रांसप्लांट के जरिये किया है।
जन्म से नहीं था गर्भाशय
इस महिला के शरीर में जन्म से गर्भाशय नहीं था। लेकिन फिर भी उनका अंडाशय काम करता था जिससे उनके शरीर में अंडे और हार्मोन बनते थे। यह एक आनुवांशिक बीमारी है जो महिलाओं की गर्भधारण में अक्षमता का बड़ा कारण है। अब तक गर्भाशय से जुड़ी इस अक्षमता को लाइलाज माना जाता रहा है।
महिला मित्र ने दिया था गर्भाशय
इस महिला को मां बनने का सुख इनकी एक 61 वर्षीय महिला मित्र के सहयोग से प्राप्त हुआ है। इस मित्र ने प्रत्यारोपण के लिए अपना गर्भाशय दिया था। इनको सात साल पहले मेनोपॉज हो गया था। जिसके बाद इन्होंने अपना गर्भाशय अपनी दोस्त को देने का फैसला किया। पिछले साल दस घंटे के ऑपरेशन के बाद गर्भाशय को सफलतापूर्वक महिला के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया गया था। फिर टारा को मां बनने का सुख प्राप्त हुआ। जन्म के समय बच्चा और मां दोनों स्वस्थ थे। बच्चे का वजन 1.8 किग्रा था।
टारा कहती हैं- "मुझे पहले अपनी स्थिति पर शर्म आती थी। खासकर तो हाइ-स्कूल के समय ये सोचकर परेशान होती थी कि जो मेरे साथ रिलेशनशिप में रहेगा वो ये सच जानकर क्या करेगा? लेकिन अब मैं इस पर खुल कर बात करती हूं जिससे अधिक से अधिक लोग इस बीमारी के बारे में जागरुक हो सके।"
अन्य महिलाओं का भी हो सकेगा इलाज
अब इस ट्रीटमेंट को मेडिकल में शामिल कर दिया गया है जिसके अंतर्गत आगे 10 ब्रिटिश महिलाओं का ऑपरेशन होने वाला है। साथ ही अब गर्भाशय ट्रांसप्लांट के लिए आधिक से अधिक चैरिटि की जाएगी जिससे जरूरतमंद महिलाओं को गर्भाशय मिल सके। अन्य भाग्यशाली महिला को अगले दो-तीन महीनों में चुनकर इलाज शुरू करवाया जाएगा।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version