
अभिनेता मनोज बाजपेयी ने हाल ही में अपनी डाइट से जुड़ा एक दिलचस्प खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वे पिछले 14 वर्षों से रात का खाना नहीं खा रहे हैं। मनोज बाजपेयी बताते हैं, 'मेरे दादाजी काफी फिट और हेल्दी थे। वे रात का खाना नहीं खाते थे, उन्हीं से प्रेरित होकर मैंने भी डिनर स्किप करना शुरू किया। इससे मेरे शरीर में कई पॉजिटिव बदलाव देखने को मिले हैं।' मनोज बाजपेयी ने शुरुआत में 12-14 घंटे का उपवास रखा। फिर धीरे-धीरे रात का खाना पूरी तरह से छोड़ दिया। आपको बता दें कि जब कई घंटों तक खाना नहीं खाया जाता है, तो इसे इंटरमिटेंट फास्टिंग के रूप में जाना जाता है। इसे वेट लॉस के लिए काफी अच्छा माना जाता है, जिसे कई डाइटीशियन भी फॉलो करने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके लिए सही है? इस बारे में जानने के लिए हमने आरोग्य डाइट और न्यूट्रीशन क्लीनिक की डाइटीशियन डॉ. सुगीता मुटरेजा से बातचीत की-
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?- What Is Intermittent Fasting In Hindi?
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक खाने का पैटर्न है, जिसमें आपको हर दिन कुछ घंटों के लिए खाना नहीं खाना होता है। इसे वेट लॉस के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। साथ ही, इस डाइट से मस्तिष्क और हृदय स्वास्थ्य में भी सुधार देखने को मिलता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग को कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। इसमें शामिल हैं-
- 16/8 की विधि: इसमें नाश्ता छोड़ना होता है। साथ ही, अपने दैनिक खाने की अवधि को 8 घंटे तक सीमित करना होता है। जैसे- दोपहर 1 बजे से 9 बजे के बीच खाना होता है। इसके बाद, खाना नहीं खाना होता है। कई लोग इसमें नाश्ता करते हैं और डिनर स्किप कर देते हैं।
- ईट-स्टॉप-ईट: इसमें 24 घंटे का उपवास रखना होता है। इसमें सप्ताह में एक या दो बार उपवास रखना होता है।
- 5:2 विधि: इसमें सप्ताह के दो दिनों में सिर्फ 500 से 600 कैलोरीन लेनी होती है। लेकिन सप्ताह के अन्य दिनों में आप सामान्य रूप से खा सकते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे- Intermittent Fasting Benefits in Hindi
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। इससे कैलोरी इनटेक कम होता है, जिससे वेट लॉस होने लगता है।
- डिनर न करने से टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है। क्योंकि इससे वजन कम होता है। आपको बता दें कि मोटापा, डायबिटीज का एक मुख्य कारण होता है।
- इस फास्टिंग को करने से हार्ट हेल्थ में सुधार हो सकता है। इससे हृदय रोगों का जोखिम कम होने लगता है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से मस्तिष्क स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। साथ ही, ध्यान केंद्रित करने में भी आसानी होती है।
- शरीर की सूजन कम करने में भी इंटरमिटेंट फास्टिंग फायदेमंद साबित हो सकती है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मदद मिलती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान- Intermittent Fasting Side Effects in Hindi
- भूख लगना, इंटरमिटेंट फास्टिंग का सबसे सामान्य दुष्प्रभाव है। जब आप कैलोरी कम लेते हैं, तो इससे भूख जल्दी लग सकती है।
- लंबे समय तक भूखा रहने से सिरदर्द का अनुभव हो सकता है।
- इस फास्टिंग के दौरान आपको पाचन संबंधी समस्याएं जैसे- कब्ज, डायरिया या मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- भूख की वजह से आपको चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग का अनुभव हो सकता है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
- इसकी वजह से ब्लड शुगर कम हो सकता है। इससे ऊर्जा का स्तर कम हो सकता है और थकावट महसूस हो सकती है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग से नींद से संबंधित परेशानियां बढ़ सकती हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग करना सुरक्षित है या नहीं?
इंटरमिटेंट फास्टिंग को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन सभी के लिए नहीं। अगर आप गर्भवती हैं या फिर स्तनपान करा रही हैं, तो खाना स्किप करना अच्छा विकल्प नहीं होता है। वहीं, इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस का एकमात्र विकल्प नहीं होता है। इस डाइट को अपनाते समय आपको पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
किन लोगों को नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग
- छोटे बच्चों और किशोरों को
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को
- डायबिटीज रोगियों को
- जो लोग किसी बीमारी की दवाई ले रहे हो
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग सभी लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होती है। खासकर, जिन लोगों को निम्न रक्तचाप, डायबिटीज या हृदय रोग है, उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से बचना चाहिए। अगर आप स्वस्थ हैं, तो भी इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले डाइटीशियन की राय जरूर लें।