Malaria Prevention: मलेरिया होने पर आयुर्वेद के अनुसार क्‍या करें और क्‍या नहीं, जानिए

मलेरिया एक मच्‍छर जनित बीमारी है जिसमें तेज बुखार के साथ कंपकपी के लक्षण दिखाई देते हैं इससे बचाव के लिए खुद की देखभाल करना जरूरी है।
  • SHARE
  • FOLLOW
Malaria Prevention: मलेरिया होने पर आयुर्वेद के अनुसार क्‍या करें और क्‍या नहीं, जानिए

मलेरिया, मच्‍छर के काटने से होने वाली एक बीमारी है जो प्‍लाज्‍मोडियम परजीवी के कारण होने वाली बीमारी है। जिन लोगों को मलेरिया होता है वे आमतौर पर तेज बुखार और कंपकंपी के साथ बहुत बीमार महसूस करते हैं। हर साल, लगभग 210 मिलियन लोग मलेरिया से संक्रमित होते हैं, और लगभग 440,000 लोग बीमारी से मर जाते हैं। बीमारी से मरने वाले ज्यादातर लोग अफ्रीकी देशों में छोटे-छोटे बच्चे हैं।

यहां हम आपको मलेरिया के लक्षण और बचाव के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण के बारे में बता रहे हैं। आइए विस्‍तार से जानते हैं:

मलेरिया के लक्षण

malaria

आयुर्वेद के अनुसार मलेरिया संक्रमण आमतौर पर निम्नलिखित संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं: 

  • बुखार
  • ठंड लगना
  • सरदर्द
  • मतली और उल्टी
  • मांसपेशियों में दर्द और थकान

अन्य संकेतों और लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • पसीना आना
  • सीने या पेट में दर्द
  • खांसी

कुछ लोग जिन्हें मलेरिया का अनुभव होता है, वे मलेरिया के हमलों का शिकार होते हैं। यह आमतौर पर कंपकंपी और ठंड लगना के साथ शुरू होता है, इसके बाद तेज बुखार, इसके बाद पसीना आना और सामान्य तापमान में वापसी होती है। मलेरिया के संकेत और लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के कुछ हफ्तों बाद शुरू होते हैं।

इसे भी पढ़ें: मलेरिया बुखार से छुटकारा दिलाती हैं ये 5 आयुर्वेदिक औषधियां, सिर दर्द से मिलती है राहत

मलेरिया से बचने के आयुर्वेदिक उपाय

क्‍या करें

  • आयुर्वेद के अनुसार, अपने आहार में मसूर चूर्ण (मसूर दाल का पाउडर), चावल का दलिया, परवल, बैंगन, हरे चने का सूप, काले चने का सूप, अरंडी, कंटोला, अरहर दाल, पिप्पली की जड़ और आमलकी को शामिल करें।
  • फ्लू होने पर या बुखार आने पर तुरंत चिकित्‍सक के पास जाएं और जांच कराएं। 
  • पर्मेथ्रिन का छिड़काव कर नायलॉन की मैट्रेस पर सोएं। 4 तरह के होते हैं मलेरिया के मच्‍छर, जानें कौन सा मच्‍छर है जानलेवा
  • मच्‍छरों को दूर भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करें। खासकर शाम होने पर टेबल, बेड, कुर्सी के नीचे और दीवारों के ऊपर ये दवा का छिड़काव करना चाहिए। 
  • कपड़ों पर पर्मेथ्रिन छिड़कें और पूरी बाजू वाले कपड़े पहनेने की आदत डालें। 
  • अपने आसपास स्‍वच्‍छता रखें। घर की छत पर पानी जमा न होने दें। 
  • वेंटिलेशन वाले कमरे में रहें, मच्‍छर के प्रकोप को कम करने के लिए शाम के समय दरवाजा बंद रखें।

क्‍या न करें

  • ऐसी जगहों की यात्रा न करें जहां मलेरिया या मच्‍छरों का प्रकोप अधिक हो।
  • परफ्यूम लगाने से बचें। इससे मच्‍छर आकर्षित होते हैं। 
  • डार्क कलर के कपड़े न पहनें और पसीना न होने दें। रिसर्च के मुताबिक, इससे मच्‍छर ज्‍यादा काटते हैं।
  • अगर पर्मेथ्रिन से आपको एलर्जी है तो पर्मेथ्रिन छिड़की हुई चीजों का सेवन न करें। 

Read More Articles On Malaria In Hindi

Read Next

दांतों को सड़न और कैविटीज से बचाने के लिए ध्यान रखें ये 9 टिप्स, स्वस्थ रहेंगे आपके मसूड़े और दांत

Disclaimer