दांतों में सड़न और कैविटीज की समस्या बच्चों को ज्यादा होती है। इसका कारण यह है कि बड़ों की अपेक्षा बच्चे दांतों की देखभाल में गलतियां करते हैं और मीठी चीजें बहुत ज्यादा खाते हैं। दांतों में कैविटीज का एक बड़ा कारण शुगर ही है। अगर किसी व्यक्ति के दांतों में कैविटीज हो जाएं और लंबे समय तक ध्यान न दिया जाए, तो उसके दांत अंदर से खोखले और पूरी तरह खराब हो सकते हैं। इसलिए दांतों को कैविटीज से बचाना बहुत जरूरी है। आज हम आपको बता रहे हैं कैविटीज का कारण और इससे बचने के लिए 6 जरूरी उपाय, जो आपके मसूड़ों और दांतों को स्वस्थ रखने मे मदद करेंगे।
क्यों होती है दांतों में कैविटीज?
दांतों के ऊपर एक रक्षात्मक पर्त होती है, जिसे इनेमल कहते हैं। ये पर्त कई तरह के मिनरल्स, खासकर कैल्शियम और फॉस्फोरस से बनी होती है। हर व्यक्ति के दांतों में मिनरल्स का थोड़ी-बहुत मात्रा में रोज क्षरण होता है, मगर खाने-पीने के द्वारा ये मिनरल्स फिर पूरे हो जाते हैं और आपको पता भी नहीं चलता है।
जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक मीठी चीजें खाता है, तो उसके मुंह की पीएच वैल्यू (pH Value) कम हो जाती है। इससे दांतों में बैक्टीरिया बढ़ना शुरू हो जाते हैं, जो मिनरल्स को नष्ट करने लगते हैं और दांतों का क्षरण शुरू हो जाता है। ऐसे समय में आपका लार, जो कि प्राकृतिक रूप से एंटीबैक्टीरियल है, वो इन बैक्टीरिया से आपके दांतों को बचाता है, ताकि दांत पूरी तरह से खराब न हों।
इसे भी पढ़ें: ज्यादा टूथपेस्ट भी दांतों के लिए है खतरनाक, जानें कितना और कैसे करना चाहिए टूथपेस्ट का प्रयोग
टॉप स्टोरीज़
कब होती हैं कैविटीज?
अगर दांतों में मिनरल्स के क्षरण की यही प्रक्रिया बहुत तेज हो जाए, तो आपकी लार इसे रिपेयर नहीं कर पाती है, जिससे दांत सड़ने लगते हैं और खराब होने लगते हैं। इसे ही कैविटीज की समस्या कहा जाता है। इसलिए कैविटीज से बचने का एक साधारण और सबसे आसान उपाय यह है कि दांतों के मिनरल्स के क्षरण को रोकने का उपाय करें। इसके लिए आप नीचे बताई गई टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
दांतों को कैविटीज से बचाने के लिए इन 6 बातों का रखें ध्यान
- मीठी चीजों का सेवन कम करें। बहुत अधिक मीठा खाने से दांतों में बैक्टीरिया पनपते हैं, जो कि मुंह को एसिडिक बना देते हैं और दांतों के कमजोर होने, सड़ने, टूटने आदि समस्याओं का कारण बनते हैं।
- अगर मीठी चीजें खा भी रहे हैं, तो खाने के तुरंत बाद गुनगुने पानी से तुरंत कुल्ला कर लें।
- अपने दांतों को एसिड्स से बचाएं। इसके लिए एल्कोहल (शराब), कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेटबंद जूस, सोडा ड्रिंक्स, चाय और कॉफी का सेवन कम करें, क्योंकि ये ड्रिंक्स दांतों को डैमेज करती हैं।
- अगर आप इन्हें पी भी रहे हैं, तो सीधे पीने के बजाय स्ट्रॉ का प्रयोग करें, ताकि इनका संपर्क दांतों में कम से कम हो।
- अपने दांतों को दिन में 2 बार अच्छी तरह ब्रश से जरूर साफ करें।
- कुछ भी खाने के बाद मुंह में पानी भरकर पूरे मुंह में इसे चलाकर कुल्ला जरूर करें, ताकि आसपास फंसे हुए खाने के कण निकल जाएं।
- बेहतर होगा कि आप खाने के बाद शुगर-लेस च्युइंगगम खाएं। इससे दांतों का पीएच लेवल सही बना रहता है।
- हमेशा फ्लोराइडयुक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। देसी नुस्खे, दातून आदि का इस्तेमाल ठीक है, लेकिन दिन में कम से कम 1 बार फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट करना भी जरूरी है, ताकि दांतों को जरूरी मिनरल्स मिल सकें।
- अपनी डाइट ऐसी रखें, जिससे आपको सभी जरूरी पोषक तत्व, खासकर कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस अच्छी मात्रा में मिलें, क्योंकि ये तीनों ही तत्व दांतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
Read More Articles on Other Diseases in Hindi