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त्वचा के लाल चकत्तों को किया नजरअंदाज, निकला स्टेज 4 कैंसर

त्‍वचा पर लाल रैशेज नजर आने लगे थे। ये एक आम समस्‍या जैसी लगती है लेक‍िन जांच में कैंसर न‍िकला। जानें कैंसर के ख‍िलाफ लड़ीं श्रुत‍ि की पूरी कहानी।

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Feb 04, 2023 13:47 IST
त्वचा के लाल चकत्तों को किया नजरअंदाज, निकला स्टेज 4 कैंसर

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Cancer Survivor Journey: त्‍वचा की छोटी समस्‍याओं के ल‍िए हम कभी डॉक्‍टर से बात नहीं करते। ज्‍यादातर लोग घरेलू उपायों की मदद ले लेते हैं। श्रुत‍ि ने भी ऐसा ही सोचा। उनकी त्‍वचा पर नजर आने वाले लाल रैशेज द‍िखने में क‍िसी एलर्जी या इंफेक्‍शन जैसे लग रहे थे। दरअसल ये एक कैंसर का लक्षण न‍िकला। श्रुत‍ि पेशे से फ‍िज‍ियोथेरेप‍िस्‍ट हैं। चेन्‍नई की रहने वाली 24 वर्षीय श्रुत‍ि को जब साल 2018 में कैंसर का पता चला, तो वो टूट गईं। उनके ल‍िए ये स्‍वीकार करना मुश्‍क‍िल था क‍ि वो अब एक दर्दनाक मेड‍िकल प्रोसेस से गुजरने वाली हैं। लेक‍िन इलाज और उसके बाद पड़ने वाले असर का डर एक तरफ रखते हुए उन्‍होंने कैंसर को हराने की ठानी। ये है श्रुत‍ि हनी की कहानी ज‍िसे आप तक पहुंचाने के ल‍िए ओनलीमायहेल्‍थ ने एक छोटा सा प्रयास क‍िया है। 4 फरवरी को व‍िश्‍व कैंसर द‍िवस (World Cancer Day 2023) है। लोगों को कैंसर के प्रत‍ि जागरूक करने की कड़ी में आज हम आपको बताएंगे श्रुत‍ि की पूरी कैंसर जर्नी के बारे में। लेख के साथ अंत तक बने रहें। 

stage 4 cancer

स्‍टेज 4 पर न‍िकला कैंसर- Stage 4 Cancer

श्रुत‍ि ने बताया, 'मेरी त्‍वचा पर लाल रैशेज तो थे ही, लेक‍िन मुझे गर्दन में एक गांठ महसूस होने लगी थी। ये टीबी का लक्षण (Tuberculosis Symptom) लग रहा था। मेरे बॉयफ्रैंड ने मुझे चेकअप करवाने का सुझाव द‍िया। ब‍िना देरी क‍िए जब जांच हुई, तो एक्‍सरे से पता चला क‍ि शरीर में कुछ ऐसा है जो सामान्‍य नहीं है। फ‍िर बायोप्‍सी में कैंसर का पता चला। कैंसर का इलाज (Cancer Treatment) करने वाले डॉक्‍टर अपनी बात के बेहद पाबंद थे लेक‍िन मुझे पता था क‍ि वो मेरे ल‍िए सही इलाज जानते हैं इसल‍िए मैंने आंख बंद करके उन पर भरोसा क‍िया। कई जांच हुई और मुझे स्‍टेज 4 का ल‍िम्‍फोमा कैंसर न‍िकला।' 

कैंसर के बुरे प्रभावों से डरी पर हार नहीं मानी  

श्रुत‍ि ने बताया, 'दो महीने पहले मेरी सर्जरी हुई है। मैं अब भी कैंसर के प्रभावों (Cancer Side Effects) से उभर रही हूं। दो साल तक मुझे लगातार उल्‍टी हुई है। कीमोथेरेपी के कारण शरीर में दर्द बना रहता था। मैंने अपने बाल भी खो द‍िए। आईलैशेज खत्‍म हो गईं। आईब्रो के बाल भी धीरे-धीरे खत्‍म हो गए। खुद को ऐसे देखकर व्‍यक्‍त‍ि टूट जाता है, लेक‍िन मैंने अपनी हि‍म्‍मत अब तक बना रखी है। मैं खुद को कैंसर की चपेट में देखकर डरी जरूर लेक‍िन झुकी नहीं।'  

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क्‍या होता है ल‍िम्‍फोमा कैंसर?- Lymphoma Cancer 

लिम्‍फोमा से पीड़‍ित व्‍यक्‍त‍ि के शरीर में कोश‍िकाओं का स्‍वरूप बदल जाता है। इससे शरीर के प्रभाव‍ित ह‍िस्‍से में गांठें बनने लगती हैं जो कैंसर का रूप ले लेती हैं। आमतौर पर ल‍िम्‍फोमा कैंसर गांठ, गर्दन, छाती, थाइज के ऊपरी ह‍िस्‍से और ऑर्म प‍िट्स में नजर आती हैं। ल‍िम्‍फोमा कैंसर के लक्षणों (Lymphoma Symptoms) की बात करें, तो त्‍वचा के नीचे सूजन या गांठ, पेट, थाइज, आर्म प‍िट्स में गांठ या दर्द, खांसी, थकान, हल्‍का बुखार, रैशेज, पेट दर्द आद‍ि लक्षण नजर आ सकते हैं।     

कैंसर के इलाज के ल‍िए मन को तैयार कैसे क‍िया?

cancer treatment

श्रुत‍ि ने बताया, 'हम सब जानते हैं कैंसर के दौरान होने वाला दर्द सामान्‍य नहीं होता। रेड‍िएशन थेरेपी और दवाओं का बुरा असर शरीर पर पड़ता है। लेक‍िन इस दौरान अगर व्‍यक्‍त‍ि अपना मनोबल बनाकर रखे, तो कैंसर को हराना मुमक‍िन है। मैंने इलाज शुरू करने से दो द‍िन पहले कई कोर्स के ल‍िए अप्‍लाई क‍िया। ऐसा करके मैंने खुद को व्‍यस्‍त रखा। मैं जानती थी क‍ि जो समय आने वाला है वो मेरे ल‍िए मुश्‍क‍िल होगा इसल‍िए अपने द‍िमाग को व्‍यस्‍त रखने के ल‍िए मैंने ये तरीका न‍िकाला।'   

खुद को खुश रखना शुरू क‍िया

श्रुत‍ि ने बताया, 'कैंसर आपको मानस‍िक और शारीर‍िक तौर पर तोड़ देता है। मेरे ल‍िया ये समय इतना कठ‍िन था क‍ि द‍िन का हर सेकेंड महसूस कर सकती थी। एक समय तो ऐसा भी था जब मैं खड़ी नहीं हो पाती थी। चलने के ल‍िए शरीर में ऊर्जा नहीं बचती थी। खुद को खुश रखने के ल‍िए डांस भी करती थी। मैंने अपनी पूरी कैंसर जर्नी को हंसते हुए काटा है।'   

कैंसर खत्‍म नहीं होता, कंट्रोल कर सकते हैं 

श्रुत‍ि ने बताया, 'मुझे कैंसर ट्रीटमेंट के पूरे अनुभव के दौरान डॉक्‍टरों से पता चला क‍ि कैंसर कभी पूरी तरह से शरीर को नहीं छोड़ता। थेरेपी के जर‍िए इसे कंट्रोल क‍िया जा सकता है। अगर कैंसर का इलाज समय रहते क‍िया जाए, तो उसके गंभीर प्रभावों से  बच सकते हैं। कैंसर का इलाज करवाने के बाद उससे जंग जारी रहती है। मुझे अब भी थेरेपी के प्रभाव के कारण उल्‍टी और जी म‍िचलाहट होती है। इसके साथ ही कैंसर आपको ड‍िप्रेशन का साथी बना देता है।'    

श्रुत‍ि ने बताया क‍ि ज‍िन लोगों के पास स्‍वस्‍थ्‍य जीवन जीने का व‍िकल्‍प है उन्‍हें मैं ये ही कहना चाहूंगी क‍ि ज‍िंदगी बहुत छोटी है। आपको खुश रहना चाह‍िए और ज‍िंदगी का हर पल जीना चाह‍िए। कैंसर जानलेवा बीमारी है। अपने शरीर में नजर आने वाले असामान्‍य लक्षणों पर गौर करें और उसका इलाज तुरंत करवाएं।

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