
Cancer Survivor Success Stories: 'जब मुझे पता चला कि शरीर में कैंसर है, मैं टूट गई थी। ये 5 जून, 2020 की बात है। ये कहना गलत होगा कि व्यक्ति को डर नहीं लगता। मुझे भी वही एहसास हुआ। लेकिन इतना तो जानती थी कि कैंसर से डर जाऊंगी तो वो मुझे हरा देगा। मैंने एक नजर बेटी की तरफ देखा और फैसला लिया कि अब इसके लिए मुझे कैंसर के खिलाफ जंग जीतनी ही होगी। मैं सफल हुई और कैंसर हार गया।' ये कहना है नेहा आनंद का जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के खिलाफ जंग जीती है। नेहा उन खुशनसीबों में से एक है जिनके सामने कैंसर को घुटने टेकने पड़े। ओनलीमायहेल्थ कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए हमेशा पाठकों को जानकारी देता रहा है। 4 फरवरी को पूरा विश्व वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाता है ताकि लोग इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक बन सकें। इसी कड़ी में आज हम जानेंगे नेहा की कहानी जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर को हराया है। जानें नेहा की पूरी कहानी।
ब्रेस्ट में गांठ का पता चला- Breast Cancer Symptoms
नेहा ने बताया, 'मेरी डिलीवरी के कुुछ समय बाद मुझे ब्रेस्ट में गांठ (Breast Lump) महसूस हुई। ये बात डिलीवरी के 7-8 महीने बाद की है। डॉक्टर ने बताया कि ये मिल्क डक्ट भी हो सकती हैं। ज्यादातर गांठ कुछ ही महीनों में ठीक हो गईं। लेकिन राइट ब्रेस्ट में मुझे एक गांठ महसूस हो रही थी। ये गांठ ठीक नहीं हुई। मैंने 1 महीने पर एंटीबायोटिस्क का सेवन किया। इसके साथ ही मुझे गांठ का साइज बढ़ता और सख्त होता हुआ महसूस हुआ। फिर तय किया कि मुझे पूरी तरह से चिकित्सक परीक्षण करवाना चाहिए।'
25 बार रेडिएशन थेरेपी हुई
नेहा ने बताया, 'ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण (Breast Cancer Symptoms) महसूस होने पर मैंने डॉक्टर की सलाह पर बायोप्सी करवाई। तब मुझे पता चला कि मैं ब्रेस्ट कैंसर की 2b स्टेज पर हूं। कोविड के कारण मेरा इलाज डेढ़ महीने टल गया जिसके कारण कैंसर सेल्स तेजी से ब्रेस्ट में बढ़ते गए। मैंने कीमोथेरेपी के 8 राउंड लिए। फिर एक सर्जरी हुई और उसके बाद रेडिएशन्स की 25 सीटिंग हुई। मुझे इम्योनोथेरेपी भी दी गई। कैंसर के इलाज का ये पूरा सफर आपको शारीरिक और मानसिक तौर पर तोड़ देता है लेकिन हर सुबह मैं नई उम्मीद के साथ उठती थी और शायद इसलिए ही कैंसर को हरा सकी।'
इलाज के बाद मैंने लापरवाही नहीं बरती
नेहा ने बताया, 'लोग कैंसर के इलाज लापरवाही बरतते हैं और कैंसर फिर से शरीर में बढ़ सकता है। मैंने इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए इलाज के बाद सभी जरूरी हेल्दी टिप्स पर फोकस किया। मैंने अपने रूटीन में कसरत, मेडिटेशन और हेल्दी ईटिंग हैबिट्स को शामिल किया। मैं तय समय पर पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेती हूं। मेरी डाइट में सलाद और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है।'
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कैंसर इलाज के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
नेहा ने बताया, 'कैंसर जर्नी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर ध्यान देना जरूरी है। कैंसर के दौरान हर समय तनाव होता है, डर लगता है। लेकिन मैं सभी को ये संदेश देना चाहती हूं कि कैंसर से डरें। कैंसर को हराने के लिए पहले डर को हराना जरूरी है। मेरी पूरी जर्नी में मेरा परिवार मेरे साथ रहा है। आप अपने एहसास मन में न रखें, परिवार के साथ बांटें। ये मुश्किल सफर, परिवार के साथ मिलकर आसानी से पूरा किया जा सकता है।'
ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिनेशन कैसे करें?- Breast Cancer Self Examination
- ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए समय-समय पर सेल्फ एग्जामिनेशन करना जरूरी है।
- बाहों को मोड़ें और सिर के पीछे रखें।
- उंगलियों से स्तर को गोलाकर गति में दबाकर देखें।
- ध्यान दें कि ब्रेस्ट को हल्के हाथ से दबाने पर दर्द या गांठ का एहसास तो नहीं हो रहा है।
- ब्रेस्ट की जांच (Breast check up) के बाद निपल्स को दबाकर देखें कि डिस्चार्ज तो नहीं निकल रहा है।
- ऐसी गांठों पर ध्यान दें जो सख्त हो और उसका साइज बढ़ रहा हो।
- आपको बता दें कि सामान्य गांठ सपाट होती हैं और हिलती नहीं है।
- अगर गांठ से डिस्चार्ज या मवाद निकले तो सर्तक हो जाएं।
नेहा ने बताया, कि वो उन सभी कैंसर से जूझ रहे लोगों को यही संदेश देना चाहेंगी कि कैंसर से जंग मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं। अगर आप ठान लें तो कैंसर को हराया जा सकता है।