पोषण युक्त डाइट लेने से जल्दी कंट्रोल होता है ल्यूपस रोग, जानें इसके लक्षण और कारण

ल्‍यूपस स्किन से संबंधित एक रोग है। ल्‍यूपस एक ऐसा रोग होता है, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक उत्‍त‍ेजित होकर स्‍वस्‍थ उत्‍तकों और कोशिकाओं पर हमला कर देती है। 
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पोषण युक्त डाइट लेने से जल्दी कंट्रोल होता है ल्यूपस रोग, जानें इसके लक्षण और कारण

ल्‍यूपस स्किन से संबंधित एक रोग है। ल्‍यूपस एक ऐसा रोग होता है, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक उत्‍त‍ेजित होकर स्‍वस्‍थ उत्‍तकों और कोशिकाओं पर हमला कर देती है। ल्‍यूपस के लक्षण हर व्‍यक्ति के लिए अलग हो सकते हैं। कई मामलों में हेल्‍थ केयर टीम ल्‍यूपस के परिलक्षित होने वाले लक्षण ही इलाज करती है। कभी यह बीमारी अचानक हमला करती है, तो कभी धीरे-धीरे शरीर के अंगों पर अपना असर दिखाती है। व्यक्ति का खानपान इस रोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही कारण है कि सामान्य तौर पर या किसी बीमारी की अवस्था में भी खान-पान में बैलेंस बैठाने की सलाह दी जाती है। ल्‍यूपस जैसी स्थितियों में भी यह सलाह काफी लाभ दे सकती है।

क्या है ल्यूपस?

यह एक ऑटोइम्यून गंभीर इंफ्लेमेटरी डिसीज है जिसके कारण शरीर का रोगप्रतिरोधक तंत्र, शरीर के ही ऊतकों और अंगों पर हमला कर देता है। इसके चलते जोड़ों से लेकर त्वचा, किडनी, रक्त कोशिकाओं, दिमाग, हृदय और फेफड़ों तक पर असर पड़ सकता है और इनके कामों में बाधा आ सकती है। चूंकि इस तकलीफ से कई सारे अंग जुड़े हो सकते हैं इसलिए इसके लक्षण भी कई अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं और यही वजह है कि इसका डायग्नोज करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन वह लक्षण जो इसके होने की काफी हद तक पुष्टि कर सकता है वह है चेहरे पर पड़ने वाला एक चकत्ता जो तितली के पंखों की तरह दिखाई देता है और दोनों गालों पर फैला हो सकता है।

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कुछ लोग जन्म से ही इस तकलीफ के बीज लेकर पैदा होते हैं और सूरज की रौशनी, कुछ विशेष दवाओं या इन्फेक्शन के सम्पर्क में आते ही उनकी समस्या उभर आती है। इसके लक्षण हर व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं क्योंकि ये जिस अंग को प्रभावित करते हैं उससे सम्बंधित तकलीफ दर्शाते हैं। इस बीमारी के मामले में लक्षणों के उपचार के लिए प्रयास किये जाते हैं और उससे फायदा भी हो सकता है।

डाइट में सुधार की जरूरत

आपके भोजन का तरीका और उससे मिलने वाला पोषण ल्यूपस के मामले में भी कई सारे लक्षणों पर काबू पाने में मददगार हो सकता है। इससे इन चीजों में मदद मिल सकती है-

  • हड्डियों और मसल्स को ताकत देने में
  • सूजन को कम करने में
  • दवाइयों के साइड इफेक्ट्स को कम करने में
  • वजन को संतुलित बनाये रखने में
  • हृदय रोगों से बचाव में

इन्हें अपनाइए

यह बीमारी चूंकि आपके शरीर के कई अलग-अलग भागों पर प्रभाव डाल सकती है। इसलिए इस स्थिति में एक संतुलित और हर तरह के पोषण से जुड़ी डाइट की जरूरत होती है। इसके लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श लेने के साथ ही इन बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है-

  • एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सब्जियों और फलों का सेवन।
  • अलसी, कैनोला ऑइल, ऑलिव ऑइल, मछली, अलसी, मूंगफली आदि का सेवन।
  • बेक्ड और तले हुए भोजन से दूरी बनाएं। साथ ही क्रीम से भरपूर खाद्य और हाई फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट का भी कम सेवन करें।
  • अल्फाल्फा स्प्राऊट्स (एक तरह की फली के बीज), टैबलेट्स और बीजों से बचकर रहें। ये लक्षणों को तीव्र करने का कारण बन सकते हैं।
  • हड्डियों और मसल्स को मजबूत बनाने के लिए लो फैट मिल्क, दही या योगर्ट, चीज, पालक और ब्रॉकली जैसी चीजें खाएं।
  • बैंगन, आलू और टमाटर जैसी चीजें इस बीमारी में कुछ लोगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इनका प्रयोग सही सलाह से करें।
  • शराब से बचें और नमक का सेवन सीमित करें।

कैसे होता है ल्‍यूपस का इलाज

  • आज के दौर में डॉक्‍टर ल्‍यूपस का इलाज करते समय कई दवाओं का इस्‍तेमाल करते हैं। इसमें से कुछ दवाओं का असर माइल्‍ड होता है, तो कुछ बेहद स्‍ट्रॉन्‍ग होती हैं। दवाओं का चयन मरीज की जरूरत और रोग की गंभीरता के आधार पर किया जाता है।
  • डॉक्‍टर द्वारा सुझायी गयी दवाओं की मात्रा ल्‍यूपस के इलाज के दौरान ही बदल सकती हैं। हालांकि, कई बार ल्‍यूपस के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए सही दवा का चयन करने में हेल्‍थ केयर टीम को महीने लग जाते हैं। और कभी-कभार तो दवाओं का सही सम्‍मिश्रण तैयार करने में बरसों का समय लग जाता है।

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