शरीर में ग्लूटाथियोन (Glutathione) कम होने पर दिख सकते हैं ये लक्षण, न करें नजरअंदाज

Low Glutathione Symptoms: अगर आपके शरीर में ग्लूटाथियोन का उत्पादन कम हो रहा है, तो इस स्थिति में आपको कुछ लक्षणों का अनुभव हो सकता है। 
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शरीर में ग्लूटाथियोन (Glutathione) कम होने पर दिख सकते हैं ये लक्षण, न करें नजरअंदाज

Low Glutathione Symptoms in Hindi: ग्लूटाथियोन कोशिकाओं में उत्पादित एक एंटीऑक्सीडेंट है। ग्लूटाथियोन में तीन अमीनो एसिड होते हैं, इसमें ग्लूटामाइन, ग्लाइसिन और सिस्टीन शामिल हैं। शरीर में ग्लूटाथियोन का सही स्तर होना बहुत जरूरी होता है। जब ग्लूटाथियोन का उत्पादन कम होने लगता है, तो शरीर में कई दिक्कते होनी शुरू हो जाती हैं। वैसे तो उम्र ग्लूटाथियोन कम होने का एक मुख्य कारण होता है। इसके अलावा खराब खान-पान, तनाव और विषाक्त पदार्थों की वजह से भी ग्लूटाथियोन का उत्पादन कम हो सकता है। ग्लूटाथियोन कम होने पर आपको कई तरह की स्वास्थ्य और स्किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में आपको कुछ लक्षणों का अनुभव हो सकता है। तो चलिए, जानते हैं ग्लूटाथियोन कम होने पर क्या लक्षण नजर आ सकते हैं? या कम ग्लूटाथियोन के लक्षण क्या हैं?

ग्लूटाथियोन कम होने के लक्षण- Low Glutathione Symptoms in Hindi

ऑक्सीडेटिव तनाव का बढ़ना

जब व्यक्ति के शरीर में ग्लूटाथियोन का स्तर अधिक होता है, तो ऑक्सीडेटिव तनाव कम रहता है। लेकिन जब शरीर में ग्लूटाथियोन का स्तर कम होने लगता है, तो ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ने लगता है। ऐसे में व्यक्ति कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है। ऑक्सीडेटिव तनाव ग्लूटाथियोन कम होने का एक आम लक्षण हो सकता है। जब ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है, तो इससे कैंसर हो सकता है।

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सोरायसिस के लक्षण नजर आना

शरीर में ग्लूटाथियोन कम होने पर सोरायसिस के लक्षण भी नजर आ सकते हैं। इस स्थिति में आपको अपनी त्वचा पर लाल चकत्ते नजर आ सकते हैं। आपको इन चकत्तों पर खुजली, जलन महसूस हो सकती है। इसलिए त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए आपको अपने शरीर में ग्लूटाथियोन को सही मात्रा में होना बहुत जरूरी होता है।

पार्किंसंस रोग के लक्षणों का बढ़ना

आपको बता दें कि पार्किंसंस रोग सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इस स्थिति में व्यक्ति को कई लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। शरीर में ग्लूटाथियोन का सही स्तर पार्किंसंस रोग के लक्षणों को कम कर सकता है। वहीं, अगर शरीर में ग्लूटाथियोन का उत्पादन कम होने लगता है, तो ऐसे में पार्किंसंस रोग के लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए अगर आपको पार्किंसंस रोग है, तो आपको ग्लूटाथियोन को संतुलन में रखना बहुत जरूरी होता है।

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त्वचा पर दाग धब्बे होना

शरीर में ग्लूटाथियोन का कम होना सीधे तौर पर त्वचा को प्रभावित कर सकता है। ग्लूटाथियोन के कम होने पर आपको त्वचा पर दाग धब्बे नजर आ सकते हैं। इस स्थिति में आपकी त्वचा पर पिग्मेंटेशन नजर आ सकती है।

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