Parkinson’s Disease: ये 6 संकेत हैं खतरनाक पार्किंसंस रोग के लक्षण, समय पर हो जाएं सावधान

पार्किंसंस रोग की शुरुआत में बहुत सामान्य लक्षण नजर आते हैं जैसे- हाथ कांपना, पैर में करंट लगना, मांसपेशियों का अकड़ना आदि। सामान्य समझक इन संकेतों को नजरअंदाज करना खतरनाक है, क्योंकि पार्किंसंस मस्तिष्क की एक गंभीर बीमारी है।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Jul 23, 2019 13:57 IST
Parkinson’s Disease: ये 6 संकेत हैं खतरनाक पार्किंसंस रोग के लक्षण, समय पर हो जाएं सावधान

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हाथों में कंपकंपी, पैरों में करंट लगना, चलते-चलते झटका खाकर गिर जाना या सोते समय ज्यादा पैर चलाना आदि ऐसे लक्षण हैं, जिनपर सामान्यतः हमारा ध्यान नहीं जाता है। मगर ये एक ऐसी बीमारी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं, जिसे मस्तिष्क की खतरनाक बीमारियों (Brain Diseases) में गिना जाता है। इसे पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease) कहते हैं। पार्किंसंस रोग के लक्षण कई बार अचानक महसूस होने लगते हैं और कई बार महीनों-सालों में धीरे-धीरे दिखते रहते हैं।

अगर समय से इलाज न किया जाए, तो पार्किंसंस रोग का मरीज डिमेंशिया (Dementia) का शिकार हो सकता है। पार्किंसंस रोग के लक्षण आमतौर पर शरीर के किसी एक हिस्से (दाएं या बाएं) में नजर आते हैं। आइए आपको बताते हैं 6 ऐसे शुरुआती संकेत, जो पार्किंसंस रोग के लक्षण हो सकते हैं।

हाथ-पैरों में कंपकंपी

हाथों या पैरों का कंपकंपाना पार्किंसंस रोग का मुख्य लक्षण है। कई बार आपने देखा होगा कि कुछ लोगों के हाथों या उंगलियों में कंपकंपाहट होती है। इसके अलावा पैरों में कंपकंपी, जांघ में सुरसुराहट जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। कुछ लोगों की ठुड्डियों में भी कंपकंपाहट होती है। बूढ़े लोगों में तो ये सभी लक्षण सामान्य समझे जा सकते हैं क्योंकि उनकी मांसपेशियां और तंत्रिकाएं कमजोर हो जाती हैं। मगर युवावस्था या अधेड़ उम्र में ये सभी लक्षण खतरनाक पार्किंसंस रोग का संकेत हो सकते हैं।

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चलते समय अचानक करंट लगना या गिर जाना

कई बार चलते हुए अचानक आपको अपने पैरों में करंट जैसा महसूस होता है और आप अचानक गिर जाते हैं या लड़खड़ा जाते हैं। ये आपकी तंत्रिकाओं में किसी समस्या के कारण हो सकता है और पार्किंसंस रोग का संकेत हो सकता है। हालांकि ये लक्षण जल्दी-जल्दी नहीं दिखाई देता है, इसलिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा महीने में 2-3 बार होने पर आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

लिखावट में बदलाव आना

लिखावट में बदलाव से भी पार्किंसन्स रोग को पहचाना जा सकता है। इस रोग में मस्तिष्क का काम करने पर कई छोटे-छोटे संकेत नजर आते हैं, जैसे लिखते समय अक्षरों का गोल बनने के बजाय टेढ़ा-मेढ़ा बनना, सीधी लाइन न खींच पाना, पेन पकड़ते समय हाथ कांपना आदि पार्किंसंस रोग के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। दरअसल मस्तिष्क में आई समस्या से नर्व्स (तंत्रिकाएं) ठीक से काम नहीं कर पाती हैं इसलिए आप सही से नहीं लिख पाते हैं।

गंध न महसूस होना

अगर आपको किसी भी चीज की खुश्बू महसूस होना बंद हो गई है, तो सावधान हो जाएं। अक्सर जुकाम के कारण नाक बंद हो जाती है, तो व्यक्ति को गंध का पता नहीं चलता है। मगर ये 1-2 दिन में सामान्य हो जाता है। अगर आपको कई दिनों से किसी तरह की खुश्बू नहीं महसूस हो रही है, तो ये पार्किंसंस रोग का संकेत हो सकता है।

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मांसपेशियों का अकड़ना

देर तक एक ही पोजीशन में बैठने या लेटने के बाद मांसपेशियों में अकड़न सामान्य है। मगर यदि आपको सामान्य अवस्था में सुबह उठने पर मांसपेशियों में अकड़न महसूस होती है, अंगों को हिलाने-डुलाने में परेशानी होती है या दर्द होता है, तो ये भी पार्किंसंस रोग का शुरुआती लक्षण हो सकता है। दरअसल पार्किंसंस रोग तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को प्रभावित करता है, जिसके कारण ऐसा हो सकता है।

कई क्रियाओं का धीरे हो जाना

पलकें सामान्य से धीरे झपकना, धीरे चलना, हाथ-पैरों वाले कामों को धीरे-धीरे करना, धीरे-धीरे बोलना और चीजों को समझने में समय लगाना- ये सभी लक्षण अगर आपमें अचानक दिखने लगे हैं, तो सावधान हो जाएं। आपकी शारीरिक गतिविधियां अचानक धीमी हो गई हैं, तो आपको एक बार डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करवा लेनी चाहिए।

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