अधिक मेकअप भी बन सकता है स्किन कैंसर की वजह, जानें समाधान

आज तक आपने सुना होगा कि स्किन कैंसर अधिक धूप में रहने की वजह से होता है। लेकिन यह सच नहीं है।
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अधिक मेकअप भी बन सकता है स्किन कैंसर की वजह, जानें समाधान

आज तक आपने सुना होगा कि स्किन कैंसर अधिक धूप में रहने की वजह से होता है। लेकिन यह सच नहीं है। कई बार अत्यधिक लोकल मेकअप प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल भी स्किन कैंसर को निमंत्रण देता है। महिलाओं की तुलना में भारतीय पुरुषों में इस कैंसर के मामले लगभग 70 प्रतिशत अधिक हैं। यह कंडीशन तब होती है, जब अप्राकृतिक त्वचा कोशिकाओं या ऊतकों की वृद्धि अनियंत्रित तरीके से होने लगती है। इसके पीछे जेनेटिक फैक्टर्स से लेकर अल्ट्रावायोलेट रेज के एक्सपोजर तक कुछ भी हो सकता है।


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हार्ट केयर फाउंडेशन आफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल ने कहा, "त्वचा कैंसर के सबसे घातक रूपों में से एक है मेलेनोमा। यह मेलेनोसाइट्स या त्वचा में मौजूद वर्णक कोशिकाओं में विकसित होता है। शरीर के अन्य हिस्सों (मेटास्टेसाइज) में फैलने की प्रवृत्ति के कारण त्वचा रोग कैंसर के अन्य रूपों से अधिक गंभीर हो सकता है और गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण बन सकता है।

उन्होंने कहा, "मेलेनोमा के संकेतों को पकड़ने के लिए एबीसीडीई नियम का उपयोग किया जा सकता है : एसिमेट्री या विषमता - तिल या बर्थमार्क के एक हिस्से का दूसरे से मेल न खाना, बॉर्डर या सीमा - अनियमित किनारे, कलर या रंग - पूरी त्वचा का रंग एक जैसा नहीं रहता, कहीं कहीं पर भूरे, काले, गुलाबी, लाल, सफेद या नीले रंग के धब्बे हो सकते हैं, डायामीटर या व्यास - एक चैथाई इंच से अधिक, इवोल्विंग या विकसित होना- तिल के आकार, बनावट या रंग में बदलाव हो रहा हो।" कुछ अन्य आम लक्षण इस प्रकार हैं- त्वचा में परिवर्तन, त्वचा का घाव जो ठीक नहीं होता, त्वचा में दर्द, खुजली या खून आना, किसी थक्के या स्पॉट से का चमकदार, मोम जैसा, चिकना या पीला होना, एक कठोर लाल गांठ जिसमें से खून बहता हो और एक सपाट, लाल धब्बा जो खुरदुरा, सूखा या परतदार होता है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "त्वचा में कम वर्णक (मेलेनिन) होने का मतलब है कि आप यूवी विकिरण के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षित नहीं हैं। यदि आपके बाल सुनहरे या लाल है, हल्के रंगी की आंखें हैं और आसानी से सनबर्न हो जाता है, तो आप गहरे रंग वाले व्यक्तियों की तुलना में मेलेनोमा की अधिक संभावना रखते हैं। लेकिन मेलेनोमा गहरे रंग वाले लोगों में विकसित हो सकता है, जिनमें हिस्पेनिक्स और ब्लैक्स शामिल हैं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में त्वचा कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें एचआईवी या एड्स हैं और जिन्होंने अंग प्रत्यारोपण करवाया है।

महत्वपूर्ण सुझाव

दिन के मध्य के दौरान धूप से बचें। दिन के बाकी समय, यहां तक कि सर्दियों में या आकाश में बादल होने पर बाहरी गतिविधियों में हिस्सा लें। बादल हानिकारक किरणों से थोड़ी सी सुरक्षा प्रदान करते हैं। तेज सूरज से बच कर आप सनबर्न और सनटैन्स से सुरक्षित रहते हैं और इससे त्वचा में क्षति होती है और त्वचा कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है।

साल भर सनस्क्रीन लगाएं

सनस्क्रीन सभी हानिकारक यूवी विकिरणों को फिल्टर नहीं करती है, विशेष रूप से ऐसे विकिरण जो मेलेनोमा का कारण बन सकते हैं। लेकिन वे धूप से बचाती हैं। कम से कम 15 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन का उपयोग करें।

सुरक्षात्मक कपड़े पहनें

अपनी त्वचा को गहरे रंग के, ठोस बुनावट वाले कपड़ों से ढकें जो आपकी बाहों और पैरों को कवर कर सकें और एक चैड़े किनारे वाला टोप लगाएं, जो बेसबॉल कैप या विजर की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। धूप का चश्मा ऐसा लें जो दोनों प्रकार के यूवी विकिरण - यूवीए और यूवीबी किरणों को रोक सकता हो।

टैनिंग बैड्स से बचें

टैनिंग बैड यूवी किरणों का उत्सर्जन करते हैं और त्वचा के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अपनी त्वचा की जानकारी रखें, ताकि आप बदलाव को पकड़ सकें। त्वचा में किसी भी तरह के बदलाव पर गौर करें, जैसे कि कोई नया तिल, बर्थमार्क आदि।

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