डिप्रेशन और डायबिटीज में क्या संबंध है? जानें इन दोनों से कैसे करें बचाव

एक्सपर्ट के अनुसार यदि आप दिमागी तौर पर स्वस्थ नहीं हैं तो आपकी डायबिटीज की स्थिति और बिगड़ सकती है, जानिए विस्तार से।
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डिप्रेशन और डायबिटीज में क्या संबंध है? जानें इन दोनों से कैसे करें बचाव

दिमागी स्वास्थ्य और डायबिटीज एक-दूसरे से काफी हद तक जुड़े हुए हैं। आकाश हेल्थकेयर, कंसल्टेंट एंडॉक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर चंदन कुमार मिश्रा बताते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कारणों की वजह से डायबिटीज को नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इस वजह से आप और अधिक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। फिर इनका हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शुगर रोगियों को डिप्रेशन की संभावना बिना शुगर वालों की तुलना में दोगुना हो सकती है। इनमें से 25 से 50 प्रतिशत लोगों के अवसाद का निदान और इलाज संभव है। ऐसे में दवा और थेरेपी दोनों काफी प्रभावी हो सकते हैं।

जिन लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब है, उनको शुगर का टेस्ट कराना चाहिए और इसका पता चलने पर इलाज शुरु कराना चाहिए। ऐसी स्थिति होने पर रोगी के परिवार वालों को इसके लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। डिप्रेशन को मैनेज करने के लिए आपको अपने खान-पान पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी मानसिक स्थिति में आप किन-किन चीजों का सेवन करके अपने आप को ठीक रख सकते हैं और डायबिटीज को भी कंट्रोल में रख सकते हैं।

फूड थेरेपी कर सकती है मदद

डिप्रेशन होने पर एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन खाना फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आपको अपनी डाइट में लाल, पीले रंग के फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। विटामीन सी से भरपूर फूड्स जैसे खट्टे फल भी डिप्रेशन से छुटकारा दिला सकते हैं। विटामिन सी मस्तिष्क को ऑक्सीडेटिव डिप्रेशन से होने वाले नुकसान से बचाता है। साबुत अनाज वाली फलियां दिमाग को शांत करने में सहायक होती हैं। कम वसा वाला भोजन खाने से ट्रिप्टोफैन अच्छी नींद लेने में मदद करता है।

हमें डिप्रेशन में ऐसा भोजन खाना चाहिए, जो डिप्रेशन वाले हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद कर सके। भोजन में स्ट्रेस बूस्टर वाला प्राकृतिक भोजन ज्यादा शामिल होना चाहिए। जैसे मैग्नीशियम- नट्स, बीज, साबुत अनाज, केला, फलियां, अखरोट, चिया के बीज और दही हमारे डिप्रेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन फूड्स से हमारा दिमागी संतुलन भी सही बना रहता है।

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खुश रहने की कोशिश करें

जब आप डिप्रेशन में होते हैं, तो बिना किसी वजह से उदासी महसूस कर सकते हैं। डिप्रेशन की स्थिति में किसी भी चीज को लेकर खुशी महसूस नहीं होती है। लेकिन फिर भी आपको खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए आप बाहर घूमने जा सकते है।

डिप्रेशन की वजह से अगर आप दवाई टाइम पर नहीं लेते हैं, तो आपका ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं होगा और इसकी वजह से दिल की बीमारियां होने का जोखिम भी बना रहता है। इतना ही नहीं यह किडनी फेलियर का कारण भी बन सकता है। 

ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें 

आजकल हर व्यक्ति डिप्रेशन और चिंता में है। घर, परिवार और ऑफिस को सही तरीके से बैलेंस न कर पाने की वजह से अकसर लोग परेशान हो जाते हैं और इससे डिप्रेशन होने लगता है। इस स्थिति में व्यक्ति चिड़चिड़ा हो सकता है, उसे गुस्सा आ सकता है। इससे हार्ट बीट तेज हो सकती है और ब्लड शुगर बढ़ सकता है।

डायबिटीज के रोगी ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर से परेशान रहते हैं। डिप्रेशन की भावना आपके ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने से रोकती है। दूसरा डिप्रेशन डायबिटीज के उतार चढ़ाव को बढ़ावा देने वाले हार्मोन को बढ़ाती है, जोकि हमारे स्वास्थ के लिए नुकसानदायक होता है।

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डायबिटीज किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है। लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव से आप इसे ठीक कर सकते हैं। इसलिए अपनी बीमारी को छिपाएं नहीं बल्कि अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से इसके बारे मे बात करें। डायबिटीज, डिप्रेशन का कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से भी मिलें।

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