समलैंगिकता हो सकता है माइग्रेन का एक जोखिम कारक, शोध में हुआ खुलासा

माइग्रेन सिर के दाएं या बाएं हिस्‍से में होने वाला एक असहनीय दर्द है। कुछ लोग सिरदर्द और माइग्रेन को एक ही समझते हैं, लेकिन इन दोनों में अंतर है। 
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समलैंगिकता हो सकता है माइग्रेन का एक जोखिम कारक, शोध में हुआ खुलासा

अधिकांश लोग माइग्रेन और सिरदर्द के बीच अंतर को नहीं समझ पाते हैं और इसे एक ही समस्‍या समझ बैठते हैं। जबकि आपको बता दें कि माइग्रेन और सिरदर्द दोनों में काफी अंतर होता है। हालांकि माइग्रेन का मुख्‍य लक्षण सिरदर्द है लेकिन यह सिरदर्द से अलग है। माइग्रेन में आपको अक्‍सर सिर के दांए या बांए एक हिस्‍सें में काफी तेज दर्द महसूस होता है, जो कि कई बार बेहद दर्दनाक और असहनीय होता है। देखा जाए, तो हमारी लाइफस्‍टाइल से जुड़ी आदते और कई अन्‍य ऐसे कारक हैं, जो माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं, लेकिन हाल में हुए एक अध्‍ययन में चौंकाने वाली बात सामने आई है। हाल में हुए शोध से पता चलता है कि समलैंगिकता या फिर सेक्सुअल ओरिएंटेशन माइग्रेन का एक जोखिम कारक हो सकता है। आइए ऐसा क्‍यों हैं और इस रिसर्च में सेक्सुअल ओरिएंटेशन और माइग्रेन के बीच क्‍या संबंध है, को समझने के लिए इस लेख को आगे पढ़ें। 

Migraine And LGBT

क्‍या कहता है ये नया शोध?

माइग्रेन का सटीक या यही कारण अभी तक स्‍पष्‍ट रूप से पता नहीं है लेकिन एक अमेरिकी शोध का दावा है कि LGBT समुदाय (Lesbian, gay, bisexual, and transgender) के लोगों में माइग्रेन का अधिक खतरा होता है। 

हाल में अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन न्यूरोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय - सैन फ्रांसिस्को (यूसीएसएफ) के एक अध्ययन के अनुसार, आपका सेक्सुअल ओरिएंटेशन माइग्रेन के लिए एक जोखिम कारक हो सकता है। 

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LGBT Community

कैसे किया गया अध्‍ययन?

अध्‍ययन में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि समलैंगिक और LGBT यानी लेस्ब‍ियन, गे, बाईसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर प्रतिभागियों में से लगभग एक तिहाई ने माइग्रेन का अनुभव किया, जो विषमलैंगिक प्रतिभागियों की तुलना में 58% अधिक था।

अध्ययन के प्रमुख लेखक Dr. Jason Nagata ने कहा कि इससे पता चलता है कि LGBT लोगों को माइग्रेन के लिए अधिक खतरा है, तो वे इसके कारणों को इंगित नहीं कर सकते। "भेदभाव, कलंक या पक्षपात की वजह से LGBT लोगों में माइग्रेन और सिरदर्द का उच्च जोखिम है, जो तनाव पैदा कर सकते हैं। यह एक कारक है, जो माइग्रेन को गति प्रदान करता है।" 

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माइग्रेन से पीडि़त लोगों को अक्‍सर इससे निपटने और राहत पाने के लिए दर्द निवारक दवा दी जाती है, जो आपको कुछ समय के लिए आराम दे सकती है। लेकिन माइग्रेन से निपटने के लिए कुछ घरेलू उपायों को भी अपनाना बेहतर हो सकता है क्‍योंकि यह इस स्थिति को कंट्रोल में रख सकते हैं। आप चाहें, तो अदरक को माइग्रेन के साथ होने वाली मतली को कम करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। वहीं शरीर को हाइड्रेट रहने और योग जैसे शारीरिक व्यायाम करने से भी माइग्रेन को कम या रोका जा सकता है।

माइग्रेन को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि कोई भी व्यक्ति इसकी संभावना को कम करने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करे। 

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