
क्या आप सोच रहे हैं कि 30 की उम्र हो गई अब अपनी पर्सनैलिटी में बदलाव आएगा या नहीं तो घबराएं नहीं। ऐसा हो सकता है।
आपने अक्सर किसी न किसी के मुंह से यह जरूर सुना होगा कि खुद की बदलों। फिर चाहे वे आपके माता-पिता हों या भाई-बाहन या फिर आपकी पत्नी कभी न कभी आपको कोई न कोई यह हिदायत जरूर देता होगा कि अपनी पर्सनैलिटी में सुधार लाओं लेकिन क्या यह संभव है? पर्सनैलिटी में कब बदलाव आता है? क्या 30 के बाद पर्सनैलिटी में सुधार नहीं होता? महिलाओं और पुरुषों की पर्सनैलिटी में उम्र बढ़ने पर क्या बदलाव आते हैं? ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब जानने के लिए हर कोई खासी मेहनत करता है लेकिन जवाब मिलते नहीं। इस लेख में हम आपको पर्सनैलिटी से जुड़े कुछ ऐसे ही सवालों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप काफी लंबे समय से जानने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या 30 के बाद तय हो जाती है पर्सनैलिटी
कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि जब आप व्यस्कता में पहुंचते हैं तब आपकी पर्सनैलिटी में ज्यादा बदलाव नहीं आता और आपकी पर्सनैलिटी एक हद तक समान ही रहती है लेकिन कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि आपका चरित्र उम्र के मध्य या फिर उम्र बढ़ने पर भी बदलता रहता है।
उम्र बढ़ने पर महिलाएं और पुरुषों की पर्सेनैलिटी में क्या आता है बदलाव
कुलामिलाकर कहा जाए तो उम्र के मध्य यानी 30 के बाद महिलाओं में पुरुषों की तुलना में बड़ा बदलाव आता है। जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती जाती है, विशेष रूप से 30 से 60 के बीच तब उनमें आत्म-विश्वास बढ़ता जाता है। जबकि पुरुषों में ऐसा बहुत धीमे-धीमे होता है। वहीं दूसरी तरफ पुरुष इस उम्र में थोड़े अधिक दोस्ताना और सामाजिक होने लगते हैं जबकि महिलाओं में ऐसा कम होता है।
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आपकी पर्सनैलिटी में जीन का योगदान कितना?
आपकी पर्सनैलिटी में जीन का योगदान करीब 50 फीसदी होता है। आपके जीन और आपका विकास कैसे हुआ है ये दोनों ही आपकी पर्सनैलिटी को आकार देने में मदद करते हैं। ट्विन्स पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि आपकी पर्सनैलिटी का आधा हिस्सा वंशागत होता है। अगर आपके माता-पिता दोनों ही तनाव या चिंता की समस्या से परेशान होंगे तो आपको भी एंग्जाइटी की समस्या होने का खतरा रहेगा।
व्यक्तित्व को पहचानने के कई मूलभूत लक्षण
दशकों से कई देशों के शोधकर्ताओं ने पर्सनैलिटी को विभिन्न समूहों में विभाजित किया है। वर्तमान में विश्वभर में पर्सनैलिटी को 5 प्रकार में बांटा गया है।
एक्स्ट्रावर्जन (Extraversion ) वे, जो काफी मिलनसार होते हैं।
एग्रीबलनेस (Agreeableness) वे, जिनप विश्वास किया जा सकता है और दूसरों की मदद करते हैं।
ओपननेस (Openness) वे, जो जिज्ञासु, कल्पनाशील होते हैं।
अंतर्विवेकशील (Conscientiousness) वे, जो कर्तव्यनिष्ठ होते हैं।
न्यूरोशिज्म (Neuroticism) वे व्यक्ति, जो उत्सुक और मूडी होते हैं।
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आपके जीवन को प्रभावित करती है आपकी पर्सनैलिटी
पांचों तरह के व्यक्तित्व वाले लोगों में सब चीज समान होती हैं लेकिन कुछ विशेष पर्सनैलिटी वाले लोगों का जीवन दूसरों के मुकाबले थोड़ा बड़ा होता है। विशेषरूप से मिलनसार और अंतर्विवेकशील वाले व्यक्तित्व की तुलना में दूसरे लोगों की उम्र लंबी होती है। लंबी उम्र आपको नए अनुभवों, विचारों और मानसिक रूप से स्थिर रखने के लिए तैयार रहने में मदद करती है।
क्या आप अपनी पर्सनैलिटी बदल सकते हैं?
जी हां, इस सवाल का जवाब हां है। बहुत से लोग अपनी कुछ आदतों को बदलना चाहते हैं। प्रयास और समय के साथ कुछ इसमें सफल भी होते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि अपने आप को अधिक निवर्तमान या भावनात्मक रूप से स्थिर बनाने के लिए खुद को प्रशिक्षित करना आसान हो सकता है, क्योंकि यह अपने आप को एक अधिक कलात्मक, कल्पनाशील व्यक्ति में बदलना या अपने स्वाभाविक स्तर को हठ, विश्वास, या विनम्रता में बदलना है।
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