पीरियड्स के दौरान दांतों में हो रही है परेशानी? हो सकता है 'मेंस्ट्रुअल जिंजिवाइटिस' का संकेत

पीरियड्स के दौरान हड्डी में सुरक्षात्मक एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है, जिससे आपके जबड़े में ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
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पीरियड्स के दौरान दांतों में हो रही है परेशानी? हो सकता है 'मेंस्ट्रुअल जिंजिवाइटिस' का संकेत

मूड स्विंग्स, पेट में ऐंठन, सुस्ती, और बेचैनी ही सिर्फ पीरियड्स के साइड इफेक्ट्स नहीं है। पीरियड्स में हर महिला के शरीर के हिसाब से इसके अलग-अलग साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं। महिलाओं में पीरियड्स और मेनोपॉज के दौरान शरीर में कई तरह की परेशानियां होती हैं। यहां तक की उनके मुंह में छाले और डांतों में मेंस्ट्रुअल जिंजिवाइटिस जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। अक्सर लड़कियां और महिलाओं में पीरियड्स के दौरान मुंह में कई परिवर्तन का अनुभव हो सकता है। वे मुंह में असुविधा को नोटिस कर सकती हैं, जिसमें सूखा मुंह, दर्द और मसूड़ों के में जलन और परिवर्तित स्वाद, विशेष रूप से नमकीन, मिर्च या खट्टा आदि। इसके अलावा मेनोपॉज के दौरान भी मसूड़े की सूजन कुछ महिलाओं को प्रभावित करती है। मसूड़े ,जो सूखे या चमकदार दिखते हैं, आसानी से खराब हो जाते हैं और असामान्य रूप से पीला से लेकर गहरे लाल निशान तक हो जाते हैं। आइए जानते हैं आज मेंस्ट्रुअल जिंजिवाइटिस के बारे में।

Inside_menstruation gingivitis

क्या है मेंस्ट्रुअल जिंजिवाइटिस? 

पीरियड्स आपके दंत स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। ये हम नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलियाई डेंटल एसोसिएशन के लोगों सहित दुनिया भर में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं का दावा किया है। मेंस्ट्रुअल जिंजिवाइटिस के दौरान अक्सर महिलाओं के मुंह के भीतर के गाल और सूजे हुए मसूड़ों में दर्द होता है, जो उन्हें समझ नहीं आता है कि ये क्यों हो रहा है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब पीरियड्स के दौरान शरीर से एग्स खत्म हो जाते हैं, तो आपके शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इन हार्मोनों की जरूरत एक सफल फर्टिलाइजेशन और गर्भावस्था के लिए होती है। वहीं पीरियड्स का आपके आपके दंत स्वास्थ्य पर अन्य तरीकों से भी प्रभाव पड़ सकता है।

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जॉ ऑस्टियोपोरोसिस (Jaw osteoporosis)

अमेरिकी स्वास्थ्य और मनोविज्ञान सेवा के द्वारा लिखे के लेख के अनुसार, पीरियड्स में हड्डी में सुरक्षात्मक एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है। इससे जबड़े में ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। इस स्थिति में, आपके जबड़े की हड्डी कमजोर हो सकती है और फ्रैक्चर और सिकुड़न की संभावना बढ़ सकती है। इसके कारण भी पीरियड्स के दौरान महिलाओं में दांतों से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। लेख में आगे मुंह में सूखापन, जीर्ण अल्सर, मसूड़ों में खराबी, असामान्य स्वाद संवेदना और जलन-मुंह सिंड्रोम के कारण एस्ट्रोजन की कमी की संभावना का उल्लेख किया गया है।

पीरियड्स से पहले और पीरियड्स के बाद

शरीर में पीरियड्स  के दौरान केवल एक ही चीज नहीं हो रही होती है बल्कि कई सारी चीजें भी बदल रही होती हैं। जैसे कि हर बार पीरियड्स के बाद शरीर डिटॉक्स होने के साथ आयरन और खून की भी कमी हो सकती है। साथ ही आपको एहसास न हो लेकिन पीरियड्स के बाद से ही अगले चक्र के लिए एक और गर्भाशय अस्तर के निर्माण की प्रक्रिया पीरियड्स  के अंतिम दिन से ही शुरू हो जाती है। इस दौरान शरीर में फिर से होर्मोन की एक दूसरी गति शुरू हो जाती है, जिससे शरीर में नए बदलाव होने लगते हैं। अब, इस प्रक्रिया को प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन की आवश्यकता है। यह लाल, सूजन और मसूड़ों से खून बह सकता है और कभी-कभी ये गालों के अंदर भी हो सकता है। ये सब  पीरियड्स में मसूड़े की सूजन का कारण बनते हैं। वहीं पीरियड्स के दौरान या तुरंत बाद, क्योंकि ये हार्मोन अंततः सामान्य होने लगते हैं तो ये मसूड़े की सूजन और इसके दर्दनाक लक्षण दूर होने लगते हैं।

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मेंस्ट्रुअल जिंजिवाइटिस का उपाय

यह स्पष्ट नहीं है आपको अपने पीरियड्स  में मुंह के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है या नहीं। क्योंकि ये परेशानी हर किसी को नहीं होती है वहीं जिसे दांतों में पीरियड्स  के दौरान परेशानी होती है उनका अपनी पैटर्न होता है। इसलिए जो आप कर रहे हैं वहीं करिए। बस डांतों को एक दम से गर्म और ठंडी चीजों के संपर्क में न लाएं। अपने दांतों को रोजाना कम से कम दो बार ब्रश करें। इसके अलावा, ऐसे आहार का सेवन करें. जो आपकी हड्डियों के घनत्व को बढ़ाए। साथ ही कैल्शियम का भी भरपूर सेवन करें। वहीं अगर आपको ये परेशानी सच में है तो दिन में दो बार माउथवॉश के साथ मुंह कुल्ला करें। ऐसे ही फ्लॉसिंग और रिन्सिंग करें और हर छह महीने में नियमित डेंटल चेक-अप जरूर करवाएं।

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