इस बात से तो हर कोई वाकिफ है कि भोजन मात्र पेट भरने के लिए ही नहीं होता, बल्कि इसके जरिए शरीर को आवश्यक सभी पोषण प्राप्त होते हैं। अगर डाइट में सही आहार को शामिल किया जाए तो कई तरह की समस्याओं का निदान आसानी से किया जा सकता है। ऐसी ही एक डाइट है एस्ट्रोनॉट डाइट। यूं तो इस डाइट का मुख्य कार्य पेट में बनने वाली गैस को न्यूनतम करना है लेकिन यह वेट लॉस के लिए भी एक बेहतरीन डाइट मानी जाती है। इस डाइट की खासियत यह है कि इसकी मदद से मात्र दस से तेरह दिनों में ही पन्द्रह से बीस किलो वजन आसानी से घटाया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
ऐसे करता है काम
बैंगलोर के अपोलो हॉस्पिटल की चीफ क्लीनिकल डाइटीशियन डॉ. प्रियंका रोहतगी कहती हैं कि एस्ट्रोनॉट डाइट में कुछ सलेक्टेड भोज्य पदार्थों को ही शामिल किया जाता है जो पेट में गैस बनने की प्रक्रिया को तो कम करते हैं ही, साथ ही इसमें बेहद कम कैलोरी 500 कैलोरी होती है, जिससे दिनचर्या में शरीर बॉडी में स्टोर फैट को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करता है और वेट लॉस प्रोसेस तेज होता है। इसके अतिरिक्त इस डाइट में शामिल आहार पचाने में बेहद आसान होते हैं। डॉ. प्रियंका के अनुसार, जब आप इस डाइट को फॉलो करना शुरू करते हैं तो आपका पेट स्वाभाविक रूप से डिटॉक्स होना शुरू हो जाता है। इसके अतिरिक्त इस डाइट में फाइबर व कार्बोहाइडेट की मात्रा न्यूनतम व प्रोटीन की अधिकता होती है। प्रोटीन न सिर्फ लम्बे समय तक पेट को भरा रखता है बल्कि इसे पचाने के दौरान शरीर में स्टोर फैट काफी तेजी से इस्तेमाल होता है। इस डाइट को आमतौर पर तेरह दिन के लिए फॉलो किया जाता है और फिर पन्द्रह दिन के गैप के बाद इसे फिर से शुरू किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें:- खान-पान से जुड़े ये 10 भ्रम हो सकते हैं आपके मोटापे का कारण, जानें सच्चाई
टॉप स्टोरीज़
होते हैं कुछ नुकसान भी
चूंकि इस डाइट में वेट लॉस बहुत तेजी से होता है, इसलिए इसके कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं। मसलन-
- सिरदर्द
- चिड़चिड़ाहट
- थकान
- सिर चकराना
- कब्ज
- अनियमित मासिक धर्म
- बाल झड़ना
क्या खाएं आहार में
नाश्ता-
- 100 ग्राम पनीर, उबले हुए अंडे, फीकी चाय या कॉफी
- ऑमलेट विद चीज़, फीकी चाय या कॉफी
- तले हुए अंडे टमाटर के साथ, फीकी चाय या कॉफी
लंच-
- सलाद और सूप
- अंडे का सलाद, टमाटर का सूप
- ग्रिल्ड चिकन, ग्रीन सलाद विद बीफ एंड ग्रीन बीन्स व ब्रोकली
डिनर-
- ग्रिल्ड फिश, सलाद
- रोस्ट बीफ विद ग्रीन बीन्स और ब्रोकली
- रोस्ट चिकन विद पंपकिन एंड ग्रीन बीन्स
- डाई फ्राई फिश विद फूलगोभी एंड ब्रोकली
- एक गिलास बादाम का दूध, फिश और 150 ग्राम टोफू
इनसे करें परहेज
एस्ट्रोनॉट डाइट के दौरान कुछ चीजों से दूरी बनाना बेहद आवश्यक होता है। जैसे-
- तला हुआ, मसालेदार, फैटी फूड
- स्वीटनर्स, ब्लैक टी, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ व शराब
- धूम्रपान
- खाने के बाद लेटना
रखें इन बातों का ध्यान
अगर आप भी एस्ट्रोनॉट डाइट लेने का मन बना रहे हैं तो कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें। सबसे पहले तो आप अपने वाटर इनटेक पर पूरा ध्यान रखें। इस तरह की शॉर्ट टर्म डाइट शरीर से वाटर वेट को कम करती हैं, इसलिए निर्जलीकरण की स्थिति से बचने के लिए प्रतिदिन दो लीटर या उससे भी अधिक पानी का सेवन करें। इसके अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा में नींद, शारीरिक गतिविधि व प्रोबॉयोटिक का नियमित सेवन रिजल्ट को बेहतर बनाता है। वहीं भोजन बनाते समय घी या मक्खन के स्थान पर ऑलिव ऑयल का प्रयोग करें। साथ ही डाइट में अधिक से अधिक प्रोन्स का सेवन करें। साथ ही पानी के अतिरिक्त डाइट में सूदिंग टी जैसे पेपरमिंट, कैमोमाइल और अदरक की चाय का सेवन आपके पाचन तंत्र को और भी अधिक बेहतर बनाएगा।
यूं हुई शुरूआत
एस्ट्रोनॉट डाइट की शुरूआत नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों के लिए की गई थी। दरअसलए 1960 में जब एस्ट्रोनॉट मिशन के लिए आउटर स्पेस जा रहे थे तब न्यूट्रिशनिस्ट व फूड साइंटिस्ट एक ऐसी डाइट तैयार की जिससे एस्ट्रोनॉट के पेट में गैस का प्रॉडक्शन कम से कम हो। दरअसल, अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट के पेट की गैस उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकती थी। जिसके बाद एस्ट्रोनॉट डाइट तैयार की गई। लेकिन इस डाइट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आज लोग इसे बेहद तेजी से वेट लॉस करने में मदद करती है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Weight Management In Hindi