आज के समय में मोटापा और बढ़ते वजन की समस्या में दुनियाभर के लोग पीड़ित हैं। इसका सबसे बड़ा कारण आधुनिक जीवनशैली और खानपान को माना जाता है। फास्ट फूड और रेडी टू ईट फूड वाले इस जमाने में जो लोग अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर ध्यान नहीं देते हैं उन्हें अक्सर मोटापा या वजन बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। वजन कम करने के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी भी की जाती है। गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के माध्यम से पेट को छोटा किया जाता है और इसके बाद कम भोजन करने पर भी पेट भरा हुआ लगता है। गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के बाद जो भी भोजन आप खाते हैं वह आपके स्माल इंटेस्टाइन और पाउच में पहुंचता है। इस तरह से आपके द्वारा किया गया भोजन छोटी आंत में नहीं जाता है। आमतौर पर यह सर्जरी वजन कम करने के लिए ही की जाती है लेकिन कुछ विशेष मामलों कुछ अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों की भी ये सर्जरी की जाती है। आइये जानते हैं इस सर्जरी के बारे में सबकुछ।
किन परिस्थितियों में की जाती है गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी? (Gastric Bypass Surgery Purpose)
गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी वजन कम करने के लिए की जाती है। यह सर्जरी जब वजन कम करने के लिए किये जाने वाले सभी प्रयास काम नहीं कर पाते तब की जाती है। या यूं कहें कि जब मोटापा या वजन बढ़ने की समस्या से इंसान की जान जाने की नौबत आती है तो इस सर्जरी का सहारा लिया जाता है। कई तरह की स्क्रीनिंग करने के बाद चिकित्सक गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की सलाह देते हैं। मोटापे की समस्या से ग्रसित होने के साथ इन बीमारियों की स्थिति में गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की जाती है।
टॉप स्टोरीज़
- गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज से ग्रसित होने पर।
- मोटापा की समस्या में।
- दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी की स्थिति में।
- टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में।
- कैंसर की समस्या से ग्रसित होने पर।
- बांझपन की स्थिति में।

गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के प्रकार (Types of Gastric Bypass Surgery)
पेट की साइज को कम करने के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी के बाद आपको भूख भी कम लगती है और थोड़ा सा भोजन करने के बाद पेट भरा सा लगता है। मोटापे की समस्या जब अंतिम स्थिति में होती है तब इस सर्जरी की सहायता से चिकित्सक मरीज की जान बचाने की कोशिश करता है। मुख्यतः यह सर्जरी दो प्रकार की होती है।
1. रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास (Roux-en-Y Gastric Bypass)
वजन कम करने के लिए की जाने वाली गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी का सबसे आम प्रकार रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास है। यह सर्जरी ज्यादा जटिल नहीं होती है और इसके बाद मरीज को रिकवर करने में भी ज्यादा समय नहीं लगता है। इस सर्जरी में पेट के हिस्से को आपस में मिला देने के बाद अंदर एक पैकेट बनाया जाता है। आपके द्वारा खाया जाने वाला भोजन इस पैकेट में आता है। आसान भाषा में कहें तो इस सर्जरी के माध्यम से भोजन के रास्ते को बाईपास कर दिया जाता है।
2. एक्सटेंसिव गैस्ट्रिक बाईपास (Extensive Gastric Bypass - Biliopancreatic Diversion)
एक्सटेंसिव गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की प्रक्रिया थोड़ी अधिक जटिल होती है। इस सर्जरी में पेट के निचले हिस्से को हटाने के बाद पाउच को छोटी आंत के अंतिम भाग में जोड़ा जाता है। इस सर्जरी के बाद मरीज को रिकवर करने में भी बहुत समय लगता है और इसके साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं।
इसे भी पढ़ें : वेट लॉस सर्जरी से जुड़ी 7 भ्रामक बातें (मिथक) और उनकी सच्चाई
(Image Source - Freepik.com)
गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की प्रक्रिया (Gastric Bypass Surgery Procedure)
डॉक्टर तमाम जांच और स्क्रीनिंग के बाद मरीज को गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की सलाह देते हैं। मोटापे की समस्या में जब वजन कम करने के दूसरे सभी उपाय फेल हो जाते हैं तब इस सर्जरी की जरूरत पड़ती है। गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की प्रक्रिया इस प्रकार है।
- सबसे पहले बीएमआई की जांच की जाती है।
- इसके बाद पेट के साइज को करने के लिए सर्जरी की जाती है।
- पेट के अंदर पाउच बनाया जाता है।
- पेट के हिस्से को छोटी आंत के साथ जोड़ा जाता है।
गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के फायदे (Gastric Bypass Surgery Benefits)
गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के माध्यम से मोटापे की समस्या या वजन बढ़ जाने की समस्या को कम किया जाता है। वजन के अलावा गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी इन बीमारियों में भी उपयोगी मानी जाती है।
- दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों में उपयोगी।
- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या।
- टाइप 2 डायबिटीज।
- गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों का दर्द)
गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के साइड इफेक्ट्स (Gastric Bypass Surgery Side Effects)
मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों की गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी के साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं जो इस प्रकार हैं।
- खून के थक्के जमने की समस्या।
- इंफेक्शन की समस्या।
- एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट्स।
- खून की कमी।
- सांस लेने में तकलीफ।
- आंतों में दिक्कतें।
- उल्टी की समस्या।
- अल्सर का खतरा।
- हाइपोग्लाइसीमिया।
इस सर्जरी के बाद अलग-अलग लोगों में अलग तरह की समस्याएं देखी जा सकती हैं। मोटापे की समस्या से ग्रसित सभी लोगों की गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी नहीं की जाती है। इस सर्जरी का सहारा लेकर वजन कम करने का काम तब किया जाता है जब आपके पास वजन कम करने के कोई विकल्प न बचे हों। इस सर्जरी के बाद मरीज को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए।
(Main Image Source - Freepik.com)
Read More Articles on Weight Management in Hindi