क्या डिप्रेशन भी आपको बना सकता है डायबिटीज का शिकार? जानें दोनों में संबंध और खतरे

डायबिटीज और डिप्रेशन में क्या संबंध है? इसके बारे में पता होना जरूरी है। साथ ही जानते हैं इसके लक्षण, कारण और बचाव...
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क्या डिप्रेशन भी आपको बना सकता है डायबिटीज का शिकार? जानें दोनों में संबंध और खतरे

आज के समय में डायबिटीज की समस्या हर दूसरे व्यक्ति को है। वहीं दूसरी तरफ व्यक्ति को तनाव का भी काफी सामना करना पड़ता है। बता दें कि हर समस्या एक नई समस्या को जन्म दे सकती है। ऐसे में समय रहते सतर्कता जरूरी है। हमारा सवाल यह है कि डायबिटीज और डिप्रेशन दोनों एक दूसरे का कारण बन सकते हैं या नहीं? जी हां, जो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है उसमें डायबिटीज के लक्षण नजर आ सकते हैं। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि डायबिटीज और डिप्रेशन में क्या संबंध है? साथ ही दोनों के लक्षण और कारण भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...

डायबिटीज और डिप्रेशन के कारण

बता दें कि जब भी कोई व्यक्ति तनाव से ग्रस्त होता है तो उसे डायबिटीज का परीक्षण करवाने की सलाह देते हैं। वैसे तो डायबिटीज और डिप्रेशन के बीच का संबंध समझाना मुश्किल है लेकिन डायबिटिक न्यूरोपैथी या फिर ब्रेन में ब्लड वेसल्स के ब्लॉक होने पर किसी व्यक्ति को तनाव हो सकता है। बता दें कि जब व्यक्ति तनाव से ग्रस्त होता है तो उसके दिमाग में हो रहे बदलाव के कारण मधुमेह की समस्या और गंभीर हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ जब कोई डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति तनाव से ग्रस्त होता है तो इसके कारण डायबिटीज को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है।

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डायबिटीज और डिप्रेशन के लक्षण

बता दें जब कोई व्यक्ति टाइप 2 डायबिटीज या क्रॉनिक डायबिटीज का शिकार होता है तो उसके लक्षणों में डिप्रेशन के लक्षण भी नजर आ सकते हैं। यह लक्षण निम्न प्रकार हो सकते हैं-

1 - व्यक्ति को थकान महसूस करना या सुस्ती आना।

2 - किसी भी चीज या वस्तु पर ध्यान केंद्रित ना कर पाना।

3 - जरूरत से ज्यादा भूख लगना है या भूख का खत्म हो जाना।

4 - अनिद्रा की समस्या होना या फिर नींद ना आना।

5 - व्यक्ति को तनाव या चिंता होना या शरीर में घबराहट महसूस करना।

6 - खुद को हर वक्त अकेला महसूस करना।

7 - हर वक्त उदास महसूस करना।

8 - खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना।

9 - सब कुछ खो देने का डर महसूस करना।

10 - काम के दौरान खुद को उदास महसूस करना।

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इससे अलग आपको बता दें जिस व्यक्ति के शरीर में शुगर लेवल ज्यादा हो जाता है या कम हो जाता है तो व्यक्ति तनाव और बेचैनी के साथ-साथ घबराहट महसूस करने लगता है। ऐसे में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

डायबिटीज और डिप्रेशन को कैसे बैलेंस करें?

व्यक्ति अपनी दिनचर्या में बदलाव करके इस समस्या को दूर कर सकता है। ये बदलाव निम्न प्रकार है- 

1 - व्यक्ति को अपना मेटाबॉलिक कंट्रोल करना चाहिए।

2 - अगर व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है तो मोटापा को भी कम करना चाहिए।

3 - व्यक्ति का तनाव ज्यादा बढ़ रहा है तो एक्सपर्ट की सलाह पर कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी की मदद ले सकते हैं।

4 - अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज और योगा को जोड़ें।

5 - कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें।

6 - खानपान की गलत आदतों को सुधारें।

7 - जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदत डालें।

8 - समय समय पर अपना शुगर लेवल चेक करते रहें।

9 - अपनी डाइट में जरूरी पोषक तत्वों को जोड़ें।

नोट - ऊपर बताए गए बिंदु से पता चलता है कि डायबिटीज होने पर डिप्रेशन के लक्षण नजर आ सकते हैं। वहीं डिप्रेशन भी डायबिटीज का कारण बन सकता है। ऐसे में व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने चाहिए। वहीं तनाव होने पर तुरंत इस समस्या को ठीक करना जरूरी है। ऐसे में यह दोनों एक दूसरे से संबंध रखते हैं। अगर ऊपर बताए लक्षण नजर आएं तो व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।

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