बच्चे और स्वा्इन फ्लू

पांच साल से कम उम्र के बच्चो में इस वायरल संक्रमण की वजह से और गंभीर परिणाम होने का अंदेशा रहता है । जिन पांच साल से कम उम्र के बच्चों को दीर्घकालिक गंभीर बीमारी है, उन्हें तो यह संक्रमण और भी गंभीर बना देता है ।
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बच्चे और स्वा्इन फ्लू


पांच साल से कम उम्र के बच्चो में इस वायरल संक्रमण की वजह से और गंभीर परिणाम होने का अंदेशा रहता है । जिन पांच साल से कम उम्र के बच्चों को दीर्घकालिक गंभीर बीमारी है, उन्हें तो यह संक्रमण और भी गंभीर बना देता है ।

फ्लू के लिए तैयार रहने के लिए कुछ ठोस कदम


•    अपने बच्चे के स्वास्थ्य का निरीक्षण करते रहे । बुखार और फ्लू के लक्षणों की जांच करते रहे ।
•    यदि परिवार के कोई भी सदस्य बीमार है, तो अपने विद्यालय जानेवाले बच्चे को तब तक घर पर रखें, जब तक उस बीमार सदस्य को फ्लू से पीड़ित होते हुए पांच दिन गुजर चुके हो ।
•    यदि आपका बच्चा बीमार है, या उसका विद्यालय बंद है, तो उसकी घर पर ही देखरेख करें ।
•    परिवार के किसी भी बीमार सदस्य की देखभाल के लिए घर में एक अलग ही कमरे की व्यवस्था करें ।
•    यदि बच्चा फ्लू के जैसी कोई बीमारी से पीड़ित हो, तो चिकित्सक से संपर्क करें ।
•    अपने चिकित्सक से यह जाने कि क्या बच्चे की स्थिति गंभीर है और यदि है, तो फ्लू से बचाव के तरीको को समझ लें ।

बच्चे और फ्लू के गंभीर खतरे


•    ५ साल से कम उम्र के बच्चे (खासकर दो साल से कम उम्र के बच्चे)
•    अस्थमा, दिल की बीमारी, मधुमेह जैसी दीर्घकालिक बीमारी से ग्रस्त बच्चे ।

अपने बच्चे को एच-१-एन-१ फ्लू के संक्रमण से बचाने के लिए,


अपने बच्चे को एच-१-एन-१ फ्लू के संक्रमण से बचाने के लिए नीचे लिखी हुई सीखों का हमेशा पालन करने के लिए कहें । बच्चे बड़ों को देखकर सीखते हैं, इसीलिए इन सभी बातों को अमल में लाकर बच्चो के सामने एक अच्छा उदाहरण पेश करें।
•    अपने हाथों को हमेशा साबुन और पानी से करीब २० सेकंड तक बार बार धोएं। ये कई तरह के सामान्य संक्रमणों को रोकने के लिए सबसे बढ़िया उपाय है। यदि ये उपलब्ध नहीं है, तो हाथों को धोने के लिए एक अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है।
•    खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का प्रयोग करना चाहिए। यदि टिश्यू पेपर नहीं है, तो अपनी कोहनी को मुंह के आगे रखकर खांसना या छींकना चाहिए ।
•    अपनी आंखों, नाक और मुंह को मत छुईए, क्योंकि एच-1-एन-1 वायरस इसी तरह फैलता है !
•    यदि संभव हो, तो जिन लोगों को फ्लु की बीमारी हो, उनसे दूरी बनाए रखें, रोगी व्यक्ति से करीब ६ फीट की दूरी बनाए रखें ।
•    दरवाजों के हैंडल, रिमोट कंट्रोल, हैण्ड रैल्स, कम्प्युटर का कीबोर्ड जैसी चीजों के बाह्य भागों को साफ रखना चाहिए।
•    मरीज जब तक ठीक नहीं हो जाता है, तब तक उससे दूरी बनाए रखे । फ्लू जैसी बीमारी से पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य की देखभाल के लिए घर में एक अलग ही कमरे की व्यवस्था करें।
•    यदि बच्चा फ्लू के जैसी कोई बीमारी से पीड़ित हो, तो उसकी घर पर ही देखरेख करें। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बच्चे को अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचाए । वायरल संक्रमण से बचाव के लिए टीका लेने के लिए प्रोत्साहित करें। आपके बच्चे को उसका बुखार ठीक होने के बाद कम से कम 24 घंटों के लिए घर पर ही रखे, (इसका अर्थ यह है कि जब मरीज़ में दवा के बगैर बुखार के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहे हों) वायरल संक्रमण से बचाव के लिए अपने आपको और अपने बच्चों को टीका लगवाएँ । (जब टीका उपलब्ध हो, तब)

एक बीमार बच्चे की देखभाल –


•    अपने चिकित्सक से संपर्क करे, यदि आपके बच्चे में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हों (जैसे कि बुखार, कफ, ठण्ड, या उल्टी जैसे लक्षण)
•    अपने बच्चे को बहुत सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने को कहे और अत्यधिक आराम करने को कहे ।
•    यदि आपका बच्चा ५ साल से कम उम्र का है, (खासकर दो साल से कम उम्र का) और उसे कोई गंभीर बीमारी है, (जैसे कि अस्थमा, दिल की बीमारी, मधुमेह जैसी बीमारी) तथा साथ ही फ्लू जैसी बीमारी भी हो जाए, तो अपने चिकित्सक से संपर्क करे।

आपको तुरंत चिकित्सकीय मदद की ज़रूरत है,

यदि बच्चों में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे रहे हो :

•    बहुत जल्दी जल्दी सांस लेना या सांस लेने में तकलीफ
•    त्वचा का नील...

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