स्वाइन फ्लू से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। यह लाइलाज बीमारी नहीं है। थोड़ी सी एहतियात बरतकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है
क्या है स्वाइन फ्लू?
स्वाइन फ्लू (एच1एन1) सूअरों से होने वाली सांस संबंधी बीमारी है। यह संक्रामक बीमारी है। आम तौर पर यह बीमारी सूअरों में ही होती है लेकिन कई बार सूअरों के सीधे संपर्क में आने से यह मनुष्यों में भी फैल सकती है। इसके अलावा बलगम और छींक से भी यह बीमारी फैल सकती है।
लक्षण
स्वाइन फ्लू में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आना आम बात है। साथ ही सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी बहना, भूख न लगना, गले में जलन और दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है।
कौन रहें सावधान
पांच साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। इसके अलावा डायबिटीज, अस्थमा, फेफड़ों, किडनी या दिल की बीमारी, कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों को विशेष सावधानी रखने की जरूरत है।
क्या करें
- स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।
- घर और आस-पास साफ सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- दरवाजा, डोर बेल, की-बोर्ड, रिमोट कंट्रोल, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने के बाद हाथों को एंटी बैक्टीरियल साबुन से हाथ धोना न भूलें।
- छींकते समय टिश्यू पेपर को नाक पर रखें। फिर उसे कूड़ेदान में फेंक दें।
- जुकाम होने पर दूसरों के करीब न जाएं।
- लहसुन की कलियां रोज सुबह खाली पेट कुनकुने पानी के साथ लें। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
- दिन में कई बार अपने हाथों को एंटी बायोटिक साबुन से धोएं।
- आंवले का सेवन करें। इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- सुबह के समय पांच तुलसी के पत्तों का सेवन करें।
- रात में सोते समय हल्दी डालकर दूध पीएं।