
पीरियड्स के दौरान अगर साफ सफाई ना बरती जाए तो स्त्रियों को असुविधा और तकलीफ हो सकती है। जानें पीरियड्स के समय में क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
मेंस्टुएशन हर महिला के लिए बेहद अहम है। एक महीने में 1 से 7 दिन की अवधि के दौरान महिलाएं इस प्रक्रिया से गुजरती हैं। ये वक्त महिलाओं के लिए बेहद नाजुक होता है। खुद को धर में बंद कर लेना या निशान के डर से किसी से बात न करना, महिलाएं बेहद असुरक्षित महसूस करती हैं। ऐसे में हाइजीन संबंधी लापरवाही सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। अगर वह हाइजीन से संबंधित समस्याओं को नजरअंदाज करती हैं तो उन्हें विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में प्रॉब्लम फ्री पीरियड्स के लिए मेंस्ट्रुएशन हाइजीन की सही जानकारी होनी बेहद जरूरी है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि प्रॉब्लम फ्री पीरियड्स के लिए किन बातों का ध्यान रखें। इसके अलावा सेनेटरी पैड का चयन करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पढ़ते हैं आगे...
लॉन्ग व एक्स्ट्रा एब्जॉर्प्शन वाला पैड का करें चयन
कुछ महिलाओं के शुरुआती दिनों में तेज और बाद के दिनों में हल्का फ्लोर होता है। ऐसे में सैनिटरी नैपकिन का चयन सोचकर करें। शुरुआत के दिनों में लॉन्ग व एक्स्ट्रा एब्जॉर्प्शन वाला नैपकिन खरीदें। बाद के दिनों के लिए सामान्य नैपकिन सही रहती है।
वजाइनल रीजन में ब्लडड का एकत्र हो जाना
पीरियड्स के दौरान ब्लड इन वजाइनल रीजन में एकत्रित हो जाता है, जिससे खुजली या भारीपन महसूस होता है इसलिए समय-समय पर इसे साफ करते रहना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो वेजाइनल रीजन से दुर्गंध आने की समस्या भी हो सकती है। एक्सपर्ट्स पैड चेंज करने से पहले जेनिटल्स को पानी से वॉश करने की सलाह देते हैं। लेकिन ऑफिस या बाहर मुमकिन नहीं होता इसलिए आप टिश्यू पेपर या टॉयलेट पेपर की मदद भी ले सकती हैं।
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गुड बैक्टीरिया का रखें ध्यान
वजाइना में कुछ गुड बैक्टीरिया भी मौजूद होते हैं, जिनकी उपस्थिति बेहद जरूरी होती है। ऐसे में अगर साबुन से वजाइना को धोया जाए। तो यह गुड बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं और इनके खत्म होते ही इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है इसीलिए वजाइनल एरिया को वॉश करने के लिए सिर्फ गुनगुना पानी का ही प्रयोग करें। इसके अलावा मार्केट में आपको कुछ संबंधित वॉश मिल जाएंगे, जिनके माध्यम से आप ऐसा कर सकते हैं। अगर आप किसी साबुन या इंटिमेट वॉश का इस्तेमाल कर भी रही है तो उसे बाहर की तरफ लगाएं अंदरुनी हिस्से को छोड़ दें। ऐसा करने से इंफेक्शन नहीं होगा।
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अपनी त्वचा को ध्यान में रखकर चिनें पैड
आपने नोटिस किया होगा कि सैनिटरी नैपकिंस या तो कॉटन के बने होते हैं या फिर पीवीसी मेटेरियल द्वारा बनाए जाते हैं। ऐसे में आप सैनिटरी पैड्स का चयन करते वक्त यह ध्यान रखें कि आपकी स्किन को किस तरह का पैड सूट करते हैं। कुछ की स्कीम्स के लिए सॉफ्ट टच सूट करता है तो कुछ को नेटेड लेयर इसीलिए पैड को चुनने से पहले ध्यान रखें कि वह आपकी त्वचा के अनुकूल हो।
कम समय में ज्यादा नमी सोखने वाले पैड का रखें ख्याल
सैनिटरी पैड्स की खासियत होती है कि वे कम समय में ज्यादा से ज्यादा नमी सूखने की क्षमता रखत हैं। अगर अवशोषित नमी को सेंट्रल में लॉक किया जाए तो इसे लीकेज की आशंका कम हो जाती है और आप किसी भी अवस्था में बैठ सकती हैं।
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