
क्या आप अपने बच्चाें की शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स खाने काे देते हैं? दरअसल, एक उम्र के बाद शरीर में पाेषक तत्वाें या विटामिंस की कमी हाे जाती है, इस स्थिति में डॉक्टर मल्टीविटामिंस खाने की सलाह देते हैं। 40 साल के बाद ज्यादातर महिलाओं काे कैल्शियम और आयरन सप्लीमेंट्स की जरूरत पड़ती है। लेकिन कई लाेग सिर्फ अपने बच्चाें की इम्यूनिटी बढ़ाने या उन्हें स्वस्थ रखने के लिए भी विटामिन सप्लीमेंट्स खाने काे देते हैं। क्या ऐसा करना सही है? क्या बच्चाें काे भी विटामिंस की जरूरत पड़ती है? चलिए, नानावती मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की बाल राेग विशेषज्ञ डॉक्टर अदिति शाह (Dr. Aditi Shah, Pediatrician, Nanavati Max Super Specialty Hospital) से जानते हैं इसके बारे में-
डॉक्टर अदिति शाह बताती हैं कि एक स्वस्थ बच्चे काे कभी भी विटामिन सप्लीमेंट्स खाने की जरूरत नहीं पड़ती है। वह अपने खान-पान से ही अपने शरीर में विटामिंस की सारी जरूरताें काे पूरा कर सकता है। लेकिन एक बीमार बच्चा विटामिन सप्लीमेंट्स ले सकता है। डॉक्टर अदिति शाह के अनुसार बीमार बच्चे काे भी मां-पिता अपने हिसाब से विटामिंस खाने काे न दें, ऐसा करने से बचें। इसके लिए डॉक्टर की सलाह लें और उसी आधार पर उसे सप्लीमेंट्स खाने काे दें।
कौन-से विटामिन सप्लीमेंट्स हैं जरूरी (Which Vitamin Supplements Are Necessary)
डॉक्टर अदिति शाह बताती हैं कि बच्चे की स्थिति काे देखकर उसे सप्लीमेंट्स खाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में कैमिस्ट या अपने किसी जानकार के कहने पर बच्चे काे सप्लीमेंट्स देने से बचें। वैसे ताे बच्चाें काे विटामिन सप्लीमेंट्स देने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन कुछ स्थिति में बच्चाें काे जरूरी सप्लीमेंट्स की जरूरत पड़ती है। इनमें शामिल हैं-
- आयरन
- कैल्शियम
- विटामिन-डी
आयरन, कैल्शियम और विटामिन-डी ऐसे सप्लीमेंट्स हैं, जिन्हें बच्चाें काे डॉक्टर की सलाह पर दिया जा सकता है। लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के इन सप्लीमेंट्स काे भी देने से बचना चाहिए। दरअसल, बच्चाें काे विटामिंस की जरूरत नहीं पड़ती है, वे अपने खान-पान से ही शरीर की जरूरताें काे पूरा कर लेते हैं। लेकिन कुछ मामलाें में बच्चाें की जल्दी रिकवरी के लिए विटामिंस देना जरूरी हाे जाता है।
इसे भी पढ़ें - शरीर में विटामिन की मात्रा ज्यादा होना भी हो सकता है आपके लिए खतरनाक, जानें कैसे पहुंचाता है आपको नुकसान
विटामिन-डी है जरूरी (Vitamin D Supplement)
डॉक्टर अदिति शाह का कहना है कि बच्चे हाे या बड़े विटामिन-डी सप्लीमेंट सभी के लिए बेहद जरूरी हाेता है। लेकिन ज्यादा बच्चाें काे इसकी जरूरत नहीं पड़ती है, ऐसे में एक्सपर्ट की सलाह पर ही बच्चाें काे विटामिन-डी दें। डॉक्टर अदिति बताती हैं कि विटामिन-डी का सप्लीमेंट नवजात शिशु या न्यू बाेर्न बेबी काे भी दिया जाता है। दरअसल, महिलाओं के शरीर में विटामिन-डी की कमी रहती है, ऐसे में अगर वे स्तनपान करवाती हैं, ताे उनके बच्चाें काे भी पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में नवजाताें काे भी विटामिन-डी देने की सलाह दी जाती है। इससे बच्चाें की अच्छी ग्राेथ या विकास हाेता है। लेकिन जिन बच्चाें काे इसकी जरूरत हाेती है, उन्हें ही इसका सेवन करवाया जाता है। साथ ही जितनी मात्रा में एक बच्चे काे विटामिन-डी की जरूरत हाेती है, उतनी ही मात्रा में उसे दिया जाता है। इसके अलावा अगर आपका बच्चा सही से खाना नहीं खाता है, ताे इस स्थिति में आप उसे कैल्शियम, आयरन और विटामिन-डी टॉनिक दे सकते हैं।
मल्टीविटामिंन सप्लीमेंट्स खाने के नुकसान (Side Effects of Multivitamins to Children)
कुछ माता-पिता अपने बच्चाें की सेहत काे बेहतर बनाने के लिए महीनाें या सालाें तक उन्हें विटामिन सप्लीमेंट्स के डाेजेज देते रहते हैं, जिससे उन्हें नुकसान हाे सकता है। इतना ही नहीं बच्चाें काे बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए। विटामिन की गाेलियाें के लिए पहले एक्पर्ट की सलाह लें।
इसे भी पढ़ें - दिल के लिए क्यों खतरनाक है पुरुषों का मल्टीविटामिन लेना
1. विटामिन-डी सप्लीमेंट के नुकसान (Side Effects of Vitamins-D Supplements in Kids)
अगर शरीर में विटामिन-डी की कमी नहीं है, फिर भी इसके लिए सप्लीमेंट या टॉनिक लिया जा रहा है, ताे इससे शरीर में विटामिन की अधिकता हाे सकती है। ऐसे में सेहत काे नुकसान पहुंच सकता है। शरीर में विटामिन-डी की अधिकता से लिवर में सूजन आ सकती है। साथ ही ज्यादा विटामिन दिमाग पर भी असर डालता है।
2. आयरन सप्लीमेंट का नुकसान (Side Effects of Iron Supplements in Kids)
ज्यादातर खाने की चीजाें में आयरन मौजूद हाेता है, ऐसे में इसकी सप्लीमेंट्स की जरूरत बहुत कम पड़ती है। आयरन की पूर्ति के लिए बच्चाें काे चुकंदर, हरी सब्जियां खाने काे दे सकते हैं। आयरन का सप्लीमेंट देने से बच्चाें के शरीर में इसकी अधिकता हाे सकती है, जिससे उन्हें कब्ज के साथ ही ब्लाेटिंग की समस्या भी हाे सकती है।
Read More Articles on Miscellaneous in Hindi