हमारे शरीर में सभी पोषक तत्व की पूर्ति होना जरूरी है, इससे हम स्वस्थ रह सकते हैं। लेकिन आप सभी जानते हैं कि किसी भी चीज का ज्यादा सेवन करना या फिर उसका ज्यादा इस्तेमाल करना हमारे लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। वैसे तो न्यूट्रीएंट्स की कमी को दूर करने की सलाह तो हर कोई देता है लेकिन क्या आप जानते हैं उन न्यूट्रीएंट्स की अधिक मात्रा हमे नुकसान पहुंचा सकती है। हम बात कर रहे हैं विटामिन की, विटामिन की खुराक अगर जरूरत से ज्यादा हो जाए तो ‘लेने के देने’ पड़ सकते हैं। डॉक्टरों के पास ऐसे मरीजों की संख्या हर साल छह फीसदी बढ़ रही है जो विटामिनोसिसज् (अधिक विटामिन लेने का रोग) के शिकार हैं। लंबे समय से अधिक मात्रा में मल्टीविटामिन लेना खतरनाक हो सकता है। इससे लांग टर्म डिसीज का खतरा बढ़ जाता है।
अक्सर आपने सुना होगा कि विटामिन की मात्रा को पूरा करना जरूरी होता है, इसलिए अपनी डाइट में विटामिन की मात्रा को बनाए रखें। लोग मानते हैं कि जरूरत से अधिक विटामिन यूरिन के रास्ते बाहर निकल जाता है। हालांकि यह बात पूरी तरह से सच नहीं है। मल्टीविटामिन दो तरह के होते हैं, फैट सॉल्यूबल और वॉटर सॉल्यूबल। विटामिन बी और सी वाटर सॉल्युबल है जो यूरिन के जरिए बाहर चला जाता है, लेकिन विटामिन ए, डी, ई और के फैट सॉल्युबल है। यह शरीर में जमा हो जाते हैं। इन विटामिन के अधिक होने से अंधापन, हड्डियां कमजोर होना और फ्रेक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है।
विटामिन ए
विटामिन ए को हमारे शरीर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन इसका ओवरडोज हमारी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। विटामिन ए के शरीर में ज्यादा होने पर ये आंखों की रोशनी को खत्म कर सकता है, हड्डियों को कमजोर करने का काम करता है, बालो और त्वचा की समस्या पैदा होने लगती है और वजन तेजी से कम होने लगता है।
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विटामिन बी
शरीर में विटामिन बी की मात्रा के ज्यादा होने पर ये काफी नुकसानदेह होता है, इससे नसों में समस्या पैदा हो सकती है। कई लोग विटामिन बी की कमी को दूर करने के लिए कैप्सूल का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ज्यादा मात्रा में विटामिन बी की गोलियां लेने से हिस्टामिन नामक केमिकल रिलीज होता है। जिससे हमारे शरीर में खुजली, पीलिया और अस्थमा के मरीजों में अटैक के आशंका बढ़ जाती है।
विटामिन सी
विटामिन सी हमारी बॉडी को कई तरह से एनर्जी प्रदान करता है इसके साथ ही ये मसल्स बिल्ड करने में भी हमारी मदद करता है। लेकिन इसके ओवरडोज से उल्टी, दस्त, गुर्दे की पथरी और पेट में ऐंठन पैदा हो सकती है। इसे अधिक मात्रा में लेने से आयरन के छोटे-छोटे टुकड़े शरीर में जमा हो जाते हैं। शरीर विटामिन बी-12 को कम एब्जॉर्ब कर पाता है। जिसके चलते खून की कमी देखी जाती है।
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विटामिन डी
ये एक फैट सॉल्युबल विटामिन होता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि विटामिन डी का ज्यादा लेना हमारे लिए किडनी स्टोन, उल्टी और मांसपेशियां कमजोर होने की समस्या पैदा हो सकती है। विटामिन डी के ज्यादा इस्तेमाल से शरीर में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है। इसे हाइपरक्लेमेशिया कहते हैं, जिसमें कॉन्सटीपेशन, बेहोशी के साथ ही किडनी में खराबी भी आ जाती है। विटामिन डी की ज्यादा खुराक दिल की बीमारी का खतरा दोगुना कर सकती है।
विटामिन ई
कई लोग विटामिन ई की टैबलेट लेते हैं, उन्हें बीपी और सिरदर्द की शिकायत रहती है। एक सर्वे से पता चला कुछ लोग जो विटामिन ई की गोलियां लेते है उन्हें तीन-चार साल बाद सिर दर्द की समस्या हुई। इस विटामिन का अधिक सेवन आंखों की रोशनी पर भी असर डालता है। इसलिए आप कोशिश करें कि विटामिन की मात्रा को नियंत्रित कर अपने आपको स्वस्थ रखें।
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