
Gestational Diabetes Without Medication: प्रेग्नेंसी में होने वाली डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है। जेस्टेशनल डायबिटीज ज्यादा उन महिलाओं को होता है जिनका वजन ज्यादा होता है। जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण डिलीवरी की प्रक्रिया में बाधा आती है। जेस्टेशनल डायबिटिज के कारण गर्भवती महिलाओं के रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है जिससे अत्यधिक प्यास, ज्यादा पेशाब का आवेग और थकान महसूस हो सकती है। कुछ महिलाओं के जहन में यह सवाल उठता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान वह पहले से ही कई दवाओं और सप्लीमेंट्स का सेवन कर रही है, इसके ऊपर से क्या उन्हें जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए भी अलग से दवा खानी होगी? या फिर क्या जेस्टेशनल डायबिटीज को दवा के बगैर कंट्रोल किया जा सकता है? इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

क्या जेस्टेशनल डायबिटीज दवा के बगैर कंंट्रल हो सकता है?- Gestational Diabetes Without Medication
डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि जेस्टेशनल डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। लेकिन यह कहना कि दवा के बगैर जेस्टेशनल डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है यह सही नहीं है। मरीज के ब्लड शुगर लेवल पर यह निर्भर करता है कि उसे क्या ट्रीटमेंट और डोज दी जा रही है। हालांकि जेस्टेशनल डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए केवल दवा का सेवन भी काफी नहीं है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको यह प्रयास करना है कि शर्करा स्तर संतुलित रहे। शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए नियमित एक्सरसाइज, वेट मैनेजमेंट, हेल्दी डाइट और स्ट्रेस कम करने पर फोकस करना है।
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दवा स्किप करने के खतरे- Risks of Skipping Medicine
जेस्टेशनल डायबिटीज में डॉक्टर दवा स्किप करने की सलाह नहीं देते। ऐसा करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। डाइट और एक्सरसाइज से भले ही जेस्टेशनल डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन कुछ दवाओं को इसलिए दिया जाता है ताकि ब्लड शुगर लेवल की रेंज सामान्य रहे। जेस्टेशनल डायबिटीज की स्थिति में अगर ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल नहीं हुआ, तो हाई बर्थ वेट, प्रीटर्म डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है। जेस्टेशनल डायबिटीज कंट्रोल न होने पर होने वाली मां को आगे जाकर टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा प्रीक्लेम्पसिया की समस्या भी हो सकती है जिसमें बीपी हाई रहता है और सेफ डिलीवरी सुनिश्चित कर पाना मुश्किल हो जाता है इसलिए जेस्टेशनल डायबिटीज होने पर डॉक्टर की सलाह को पूरी तरह से फॉलो करें।
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