
छोटे बच्चों की देखभाल करना काफी मुश्किल होता है। दरअसल इस दौरान आपको हर छोटी-बड़ी चीज का ध्यान रखने की जरूरत होती है। कई बार छोटे बच्चे का ध्यान रखते-रखते मां भी थक जाती हैं। उस दौरान उन्हें कॉफी या चाय पानी का मन करता है या फिर बहुत से लोगों को सुबह-शाम कॉफी या चाय पीने की आदत होती है। उनके लिए यह सबसे जरूरी चीजों में से एक होता है लेकिन अगर आप ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं, तो आपको कॉफी चाय के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि कैफीन की मात्रा लेने से इसका असर बच्चे पर दूध के माध्यम से पड़ सकता है। मां जैसा खानपान रखती है। उसका सीधा असर बच्चे पर पड़ता है। ऐसे में आपके लिए अपनी सेहत और खानपान को संतुलित रखना जरूरी है। कैफीन के अधिक सेवन से आपकी नींद खराब हो सकती है और आप अनिद्रा का अनुभव कर सकते हैं। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैफीन का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है लेकिन अगर आप बेहद सीमित मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो इसके उतने नुकसान नहीं होते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं डाइट क्लीनिक और डॉक्टर हब क्लीनिक की डायटीशियन अर्चना बत्रा से।
क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैफीन ले सकते हैं
डायटीशियन अर्चना के अनुसार अगर आप कैफीन का सेवन करते है, तो इसका असर आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। हालांकि अलग-अलग महिलाओं के स्तनपान में यह मात्रा अलग-अलग हो सकती है। साथ ही अलग-अलग महिलाओं के शरीर में कॉफी और चाय में मौजूद कैफीन की अवशोषण दर भी अलग-अलग होती है। इसके अलावा अगर आपको चाय या कॉफी पीने की आदत है, तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि कैफीन लेने और बच्चे को दूध पिलाने के समय में अंतर होना चाहिए ताकि इसका असर बच्चे पर न हो क्योंकि अगर आप कैफीन लेने के तुरंत बाद बच्चे को दूध पिलाते है,तो बच्चे दूध के माध्यम से कैफीन की मात्रा ग्रहण कर सकते हैं। इसलिए आपको कैफीन के सेवन करने के 3 घंटे के बाद दूध पिलाएं। इसके अलावा एक दिन में एक कप कॉफी से अधिक मात्रा का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है।
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पोषण पर प्रभाव
कैफीन आपके स्तन के दूध की संरचना को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान नियमित रूप से प्रतिदिन तीन कप कॉफी पीने वाली महिलाओं के स्तन के दूध में कॉफी नहीं पीने वाली महिलाओं की तुलना में एक तिहाई कम आयरन होता है। इसके परिणामस्वरूप कॉफी पीने वाली माताओं और उनके बच्चों में हीमोग्लोबिन और हेमटोक्रिट कम हो सकता है। आयरन की कमी से मां और बच्चे में एनीमिया होने की संभावना रहती है, जिससे कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती है। इसके अलावा इससे महिलाओं में चिंता, घबराहट, तेज दिल की धड़कन, नींद न आना, चक्कर आना, अनिद्रा और थकान की समस्या हो सकती है। पाचन तंत्र और कब्ज संबंधी समस्याएं भी हो सकती है।
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कैफीन का बच्चे पर असर
1. बच्चे का अधिक रोना या चिड़चिड़ापन
2. सोने में परेशानी
3. सक्रियता
4. बच्चों में बेचैनी
छोटे बच्चे बड़ों की तुलना में कैफीन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यह शिशु के शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। 6 महीने से छोटे बच्चों के लिए यह काफी खतरनाक हो सकता है। इसलिए इसके सेवन से परहेज करना आपके लिए फायदेमंद होता है ताकि आपका बच्चा स्वस्थ रहे। बच्चे के बड़े होने के बाद कैफीन की मात्रा लेना शुरू कर सकते हैं।
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कॉफी के अलावा इन चीजों में भी कैफीन
अब तक हमने कैफीन के दुष्प्रभाव के बारे में तो जान लिया लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपको केवल चाय-कॉफी पीने से ही परहेज करना चाहिए और इनमें ही कैफीन की मात्रा अधिक होती है बल्कि कई अन्य चीजों में भी कैफीन की मात्रा अधिक होती है। आपको ऐसी चीजों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए और इनसे दूर बनानी चाहिए।
1. सोडा
2. एनर्जी ड्रिंक्स
3. चॉकलेट
4. स्पोर्ट्स ड्रिंक
5. दर्द निवारक दवाएं
6. वजन घटाने के लिए दवाएं
7. कोला नट
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