
Iodine Deficiency: यदि आप आयोडीन के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तो आपको जानना चाहिए, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है। आयोडीन थायराइड हार्मोन बनाने के लिए आवश्यक है, जो शारीरिक विकास और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। दरअसल, हमारा शरीर स्वत: आयोडीन का निर्माण नहीं करता है और यह खनिज पदार्थ हमारे शरीर के लिए जरूरी है।
जीवन स्तर के आधार पर आयोडीन की जरूरत अलग-अलग होती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार वयस्कों को प्रति दिन 150 माइक्रोग्राम की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान, रोजाना 220 माइक्रोग्राम की आवश्यकता होती है, और जो महिला स्तनपान कराती है, उसे रोजाना 290 माइक्रोग्राम की आवश्यकता होती है।
आयोडीन युक्त नमक से आयोडीन प्राप्त किया जाता है, मगर कई अन्य स्रोत भी मौजूद हैं, जिनके माध्यम से आयोडीन की कमी को दूर किया जा सकता है। आयोडीन युक्त मिट्टी में उगाई गई सब्जियां, अंडे, पनीर, दूर और मछली में भरपूर मात्रा में आयोडीन पाया जाता है।
अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की लगभग 30 प्रतिशत आबादी इस जोखिम में है। आयोडीन की कमी के कुछ संकेत हैं, जिनके माध्यम आयोडीन की कमी का आप पता लगा सकते हैं।
आयोडीन की कमी के संकेत- Iodine Deficiency Signs
1. सुस्ती और थकान
आयोडीन एक जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो शरीर के प्रत्येक ऊतक में पाया जाता है। आयोडीन का एकमात्र कार्य थायरॉयड हार्मोन- थायरोक्सिन और ट्राईआयोडायरोनिन के उत्पादन में योगदान देना है। हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉयड अंडरएक्टिव होता है और शरीर को कुशलता से चलाने के लिए थायराइड हार्मोन का पर्याप्त उपयोग नहीं कर सकता है। हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों में थकान, कब्ज, वजन बढ़ना और ये अन्य मूक लक्षण शामिल हैं। पुरुषों के शरीर में दिखने वाले ये 5 लक्षण हाइपोथायरायडिज्म के हैं संकेत
2. शुष्क त्वचा और ठंड के प्रति संवेदनशीलता
हाइपोथायरायडिज्म के अतिरिक्त संकेतों में शुष्क त्वचा, ठंड के प्रति संवेदनशीलता और मांसपेशियों में कमजोरी शामिल है। एक्सपर्ट के मुताबिक, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हाइपोथायरायडिज्म होने का आठ गुना अधिक खतरा होता है, जो इसे महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता का मुख्य कारण बनाता है। हालांकि महिलाओं में किसी भी उम्र में हाइपोथायरायडिज्म विकसित हो सकता है।
3. मानसिक कार्यों और कार्य उत्पादकता में कमी
वयस्कों में आयोडीन की कमी से मानसिक कार्य और कार्य उत्पादकता में कमी आ सकती है। ये हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण हैं। विशेषज्ञों की माने तो विकासशील देशों की समस्या के रूप में आयोडीन की कमी उभर रही है। विशेष रूप से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में आयोडीन नहीं मिल पाता है, क्योंकि वे आयोडीन से भरपूर खाद्य पदार्थ नहीं खाती हैं।
4. गर्दन पर एक बड़ी गांठ यानी घेंघा का बनना
गर्दन में घेंघा थायरॉइड के बढ़ने का और कम आयोडीन के सेवन का एक स्पष्ट संकेत है। यह गर्दन के सामने के आधार पर दिखाई देता है। घेंघा कम आयोडीन के सेवन का सबसे पहला संकेत है। घेंघा से आपको सांस लेने और निगलने में कठिनाई हो सकती है। जब आप लेट रहे हों, तो आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि जैसे आपका दम घुट रहा है।
5. आपके मूत्र में आयोडीन की मात्रा का कम होना
यदि आपको अपने आयोडीन के स्तरों का परीक्षण करवाना है, तो आपका डॉक्टर आपके के लिए मूत्र परीक्षण यानी यूरिन टेस्ट की सलाह दे सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आयोडीन मूत्र के माध्यम से शरीर निकलता है। परीक्षण के परिणाम इंगित करेंगे कि क्या आपके शरीर में आयोडीन की कमी है।
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6. महिलाओं में गर्भपात और स्टिलबर्थ
गर्भावस्था के दौरान, शरीर को थायरॉयड हार्मोन की आवश्यकता होती है, जिसके लिए पर्याप्त आयोडीन का उत्पादन करने की आवश्यकता होती है। ये थायरॉइड हार्मोन मायलिन बनाते हैं- जो तंत्रिका कोशिकाओं को घेरता है और उनकी रक्षा करता है, जिससे उन्हें ठीक से संवाद करने में मदद मिलती है। जिन महिलाओं में आयोडीन की कमी होती है उनमें गर्भपात और स्टिलबर्थ का जोखिम बढ़ जाता है।
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7. बच्चों में न्यूरोलॉजिकल समस्या
आयोडीन की कमी से भ्रूण के विकास पर कई प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं। गर्भावस्था में आयोडीन की कमी भ्रूण के न्यूरोलॉजिकल विकास से वंचित रह जाता है। गर्भवती मां में आयोडीन की कमी से बच्चे के लिए मानसिक मंदता सहित अपरिवर्तनीय मस्तिष्क क्षति हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो गर्भावस्था के दौरान बच्चों में आयोडीन की कमी एडीएचडी विकार से जुड़ा है।
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