वजन घटाना (Weight Loss) के लिए बाजार में महंगे से महंगा डाइट उपलब्ध है, जो कई तरीकों से फैट बर्न करने का दावा करते हैं। पर इन सब में एक चीज सामान्य है, वो ये कि खाना छोड़ दो और तेजी से वजन घटाओ। जब कि ये फॉर्मूला बिलकुल भी सही नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके शरीर को चलने के लिए और तमाम सिस्टम को स्वस्थ रखने के लिए एक बैलेंस डाइट की जरूरत होती है। जैसे कि अगर आपके शरीर को मोटा अनाज नहीं मिलेगा, तो वो मेहनत किस चीज पर करेगा। आप बिलकुल खाएंगे ही नहीं, तो आपके शरीर के सारे तंत्र काम करना कम कर देंगे, जिससे उनके कार्यशैली की क्षमता कम हो जाएगी। वहीं ऐसे में जब आप वेट-लॉस डाइट को छोड़ देंगे तब आपकी परेशानियां और तेजी से बढ़ जाएंगी।
ऐसे में जरूरी ये है कि आप अपने खान-पान से हटकर शरीर को वेट-लॉस के लिए कोई बड़ा बदलाव न दें। यानी कि आप वजन घटाने के लिए बहुत ही सामान्य दृष्टिकोण को अपनाते हुए चपाती, चावल, दाल, और अन्य साबुत अनाज को खाना बंद न करें। हालांकि आप उसके हेल्दी विकल्प को अपना सकते हैं और उसकी मात्रा कम कर सकते हैं, पर पूरी तरह कार्ब्स और फैट को बंद कर देना आपको बीमार कर सकता है। तो आइए जानते हैं क्यों आपका देसी खाना भी वजन-घटाने के लिए (Weight Loss Tips) जरूरी है।
वजन घटाने के लिए क्यों जरूरी है देसी खाना (Indian Diet Plan for Weight Loss)?
1. देसी खाना है बैलेंस डाइट
क्या आपको पता है कि अगर आप किसी स्वास्थ्य ऐप पर बस स्वस्थ नाश्ते के विकल्प की कैलोरी को चेक करेंगे, तो आप क्या पाएंगे? नहीं न! दरअसल नाश्ते में आपको 11.4 ग्राम प्रोटीन, 2.4 ग्राम फाइबर के साथ प्रति सर्वगिंग लगभग 300-प्लस कैलोरी चाहिए होती है। इसमें भी जरूरी है ये है कि फैट की मात्रा 12.6 ग्राम हो और 40.8 ग्राम कार्ब्स हो। देसी नाश्ता आलू परांठा, जो वजन कम करने वालों द्वारा हाई कैलोरी वाला माना जाता है, उसके पोषण मूल्य की जांच करने पर, आपको पता चलेगा कि इसमें लगभग 180-200 कैलोरी होती है और जब यह टूट जाती है, तो 6.3 ग्राम वसा, 32 ग्राम कार्ब्स और 4.4 ग्राम फाइबर देता है। जो कि आपके मेटाबोलिज्म को ठीक करके वेट लॉस में तेजी से मदद करता है।
इसे भी पढ़ें : नाश्ते, लंच और डिनर में कैलोरी का संतुलन ही वजन घटाने में करेगा मदद ! जानें तीनों में कितनी कैलोरी होना जरूरी
टॉप स्टोरीज़
2. भारतीय भोजन में आप कर सकते हैं कई हेल्दी बदलाव
परांठा खाना हानिकारक नहीं है। लेकिन जिस तरह से आपने इसे बनाया है, वो नुकसानदेह हो सकता है। ऐसे में देसी भोजन को आप कई तरह से हेल्दी बना कर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके हेल्दी संस्करण में आप कई बदलाव कर सकते हैं। जैसे कि अगर आप, परांठे को आलू के साथ स्टफ करने के बजाय, आप उन्हें सब्जियों के साथ, जैसे कि पालक, गाजर, पत्तागोभी, चुकंदर आदि के साथ भर दें और उन्हें रिफाइंड तेल में डीप फ्राई करने के बजाय, एक बार पूरी तरह से पकने के बाद उसमें से घी लगा दें, तो इससे बेहतर वेट-लॉस डाइट कुछ भी नहीं होगा। ये दिन भर ताकत से भरा रखेगा और आप इसे खाने के साथ दिन के अंत में खूब व्यायाम भी कर सकते हैं। साथ ही इसका फाइबर और प्रोटीन वेट लॉस में सहायक होगा।
3. भोजन की आदतों को बदलना हो सकता है नुकसानदेह
आपने कई सेलिब्रिटी डाइटीशियन को इस तथ्य के बारे में बात करते हुए सुना होगा कि हमें अपने पूर्वजों की तरह खाना चाहिए और बचपन से हम जो खा रहे हैं उसे जारी रखना चाहिए। दरअसल यह सिद्धांत सही है। अपने भोजन की आदतों को बदलना कभी भी आसान नहीं होता, खासकर जब वे आपके मुख्य आहार का हिस्सा हों। आपका स्वाद विकसित हो चुका होता है और जब आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तब भी उन्हें अनदेखा करना बाकी शरीर को धीमा और एनर्जीलेस बना सकता है। वहीं कई बार लोगों को इससे पेट में कब्ज और अन्य तरीके की परेशानियां हो सकती हैं।
इसे भी पढ़ें : दोपहर में कितने बजे खाते हैं खाना? जानें कितने बजे के बाद नहीं खाना चाहिए दोपहर का खाना, इससे होने वाले नुकसान
इस तरह भारतीय आहार आपके स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद है। एक आम घरेलू भारतीय-थाली में एक चपाती या चावल, एक सब्जी, एक कटोरी दाल, दही और सलाद होता है जो इसे एक संपूर्ण, स्वच्छ और संतुलित भोजन बनाता है। इनमें अच्छी तरह से फाइबर होता है और बाकी विटामिन तत्व भी, जो कि मेटाबोलिज्म को तेज करके वजन घटाने में आसानी से मदद कर सकता है। वहीं अगर आप चाहें, तो इसमें और सब्जी फैट वाली चीजों को कम कर के प्रोटीन से भरे खाद्या पदार्थ जोड़ सकते हैं, जो वेट लॉस के प्रोसेस को तेज करता है।
Read more articles on Weight-Management in Hindi