
तकनीक के सहारे जन्मी देश की पली टेस्ट ट्यूब बेबी हर्षा शाह ने एक बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे का जन्म सामान्य प्रसव के द्वारा हुआ है। हर्षा प्राकृतिक तरीके से गर्भवती हुई थी और उसने सामान्य तरीके से ही बच्चे को जन्म दिया। हर्षा का प्रसव मुंबर्इ की दो गायनोकालॉजिस्ट डॉ इंदिरा हिंदुजा और डॉ कुसुम जावेरी ने कराया है। इन दोनों ने ही आज से ठीक तीस साल पहले हर्षा की मां का प्रसव कराकर देश में पहली टेस्ट ट्यूब बेबी के जन्म दिलाने में मदद की थी।
हर्षा ने 3.18 किग्रा वजन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। हर्षा के बच्चे के जन्म के बाद इस बात की पुष्टि होने में मदद मिली है कि भविष्य में टेस्ट ट्यूब बच्चे सामान्य गर्भधारण कर सकेंगे। बकौल डॉ. हिंदुजा, "हर्षा को प्रेगनेंसी में कोई भी तकलीफ नहीं हुई है। इस बात के भी साक्ष्य नहीं मिले हैं कि टेस्ट ट्यूब बेबी को भविष्य में गर्भधारण में समस्या हो सकती है।"

15,000 टेस्ट ट्यूब बेबी ले चुके हैं जन्म
हर्षा के बाद अब तक देश में 15,000 से ज्यादा टेस्ट ट्यूब बेबी जन्म ले चुके हैं। हर्षा की मां को टीबी था जिस कारण उनकी फेलोपिन ट्यूब हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हुई थी। हर्षा की मां की तरह ही गर्भधारण ना कर सकने वाली दंपतियों को इन्विट्रो फर्टिलाइजेन (आईवीएफ) तकनीक से काफी मदद मिली है।
क्या है टेस्ट ट्यूब बेबी
टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म इन्विट्रो फर्टिलाइजेन (आईवीएफ) तकनीक से होता है। इसमें बाहर ब्राह्म विकसित भ्रूण को मां की बच्चेदानी में स्थानांतरित कर गर्भधारण करवाया जाता है। चिकित्सकीय और गंभीर बीमारियों के कारण मां नहीं बन सकने वाली वाली महिलाओं के लिए यह तकनीक मददगार है।
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