यदि किसी को अत्यधिक थकान और सुस्ती महसूस हो, एकाग्रता और ध्यान केेंद्रित करने में कठिनाई हो, बार-बार सर्दी-जुकाम, जोडों में दर्द या सिर दर्द होता हो, मुंह के स्वाद या शरीर की गंध में बदलाव महसूस हो, आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स हों, त्वचा की रंगत खो जाए, वजन एकाएक बढऩे लगे, एक्ने, एग्जीमा जैसी तकलीफें होने लगें, कब्ज, गैस, पाचन में समस्या हो, हाई कोलेस्ट्रॉल या फैटी लिवर डिजीज से पीडित हो तो ये सब हॉर्मोनल असंतुलन के लक्षण भी हो सकते हैं। इनमें से एक या अधिक लक्षण दिख रहे हों तो इसका अर्थ यह है कि शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन का समय आ चुका है।
14 दिनों का डाइट प्लान
यदि आप थकान, फटीग, सिर दर्द, गैस, पेट फूलने, सीने में जलन, एक्ने, एग्ज्ाीमा जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं तो यह डाइट प्लान आपके लिए है। 14 दिन बाद भी समस्या जारी रहे तो क्लींजिंग डाइट प्लान को अगले छह हफ्ते तक जारी रख सकते हैं। ऐसा नहीं होता तो 11वें दिन उन खाद्य पदार्थों में से कुछ को फिर से डाइट में शामिल कर सकते हैं, जिन्हें इस बीच डाइट से निकाला था।
क्या खाएं
- ग्लूटन फ्री अनाज, किनूआ, राइस, राइस पास्ता, राइस केक, शकरकंद, स्क्वैश, आलू आदि का सेवन करें। ध्यान रहे कि इनकी एक सर्विंग ही काफी है।
- हरी पत्तेदार सब्जियों की भरपूर मात्रा लें।
- हर तरह की फलियां जैसे सोयाबीन फली आदि खा सकते हैं।
- नट्स और सीड्स खा सकते हैं।
- इस दौर में फिश और सी फूड की सीमित मात्रा भी ठीक रहेगी।
- फेटा चीज (शीफ और गोट मिल्क से बना) गोट चीज (रोज एक टेबलस्पून) और थोडा सा बटर (एक टेबलस्पून) ठीक होगा।
- केनोला ऑयल, फ्लैक्स सीड्स ऑयल, एवोकेडो ऑयल, थोडा सा बटर या एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल की थोडी मात्रा ले सकते हैं।
- अंडे का पीला और सफेद हिस्सा लिया जा सकता है।
- आमंड और सोया मिल्क ठीक है लेकिन शुगर एडेड चीजों से बचें।
- सोया से बनी चीजें ले सकते हैं, अगर ये गैस या बदहजमी न करें। टोफू, सोया नट्स, नगेट्स आदि का सेवन करें। पूरे दिन में इनकी एक सर्विंग काफी है।
क्या न खाएं
- डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दही, चीज, मिल्क, क्रीम, कॉटेज चीज, छांछ आदि।
- ग्लूटन वाले अनाज जैसे गेहूं, जई। ग्लूटनयुक्त ब्रेड्स, मफिन, पेस्ट्री, केक, पास्ता, कुकीज, मैदा और सीरियल्स आदि न खाएं। डिटॉक्स के दौर में ओटमील (भले ही वह ग्लूटन-फ्री हो) भी वर्जित है।
- कॉर्न, पॉपकॉर्न, कॉर्न चिप्स, कॉर्न ब्रेड्स या मफिन, फ्रेश कॉर्न।
- हाइड्रोजेनेटेड ऑयल, ट्रांस फैटी एसिड्स, सोयाबीन ऑयल, कॉर्न ऑयल, वेजटेबल ऑयल का सेवन न करें। हालांकि सनफ्लॉवर या सैफ्फ्लवॉर ऑयल की सीमित मात्रा ले सकते हैं।
- एल्कोहॉल और कैफीन की अधिक मात्रा स्ट्रेस हॉर्मोंस को बढा सकती है।
- मूंगफली और इससे बने हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- चीनी और आर्टिफिशियल स्वीटनर को न कहें। शुगर सिरप्स, हनी (सैलेड में इसकी थोडी मात्रा ले सकते हैं), राइस सिरप, पैकेज्ड फूड, कैंडीज, सोडा, रेडीमेड जूस आदि का सेवन बंद करें।
- सिट्रस फ्रूट्स जैसे संतरा, अनन्नास या किसी भी तरह के नॉन-ऑर्गेनिक सिट्रस फलों का सेवन न करें। नींबू का प्रयोग कर सकते हैं।
- रेड मीट और किसी भी तरह के सॉसेज का प्रयोग डिटॉक्सीफिकेशन के दौरान पूरी तरह वर्जित होता है।
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