Palliative Care For Cancer Patients: पैलिएटिव केयर की मदद से कैंसर के मरीजों की मदद की जाती है। कैंसर के अलावा पैलिएटिव केयर का इस्तेमाल पार्किंसन, अल्जाइमर, किडनी की बीमारी, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर आदि गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए भी है। ऐसे मरीज शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ मानसिक तनाव से गुजर रहे होते हैं। तनाव के कारण मरीजों को अनिद्रा, भूख न लगना, कब्ज, थकान, सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इन लक्षणों को दूर करने के लिए पैलिएटिव केयर देकर मरीजों की भावनात्मक रूप से मदद की जाती है। पैलिएटिव केयर की मदद से मरीज की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक समस्याओं को हल किया जाता है। यह तकनीक रोगी के व्यवहार के साथ-साथ उसके दर्द को कम करने में भी अहम भूमिका निभाती है। आगे जानेंगे पैलिएटिव केयर क्या है, इसकी प्रक्रिया और जरूरत के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
पैलिएटिव केयर क्या है?- What Is Palliative Care
लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव ने बताया कि कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए दवा, इंजेक्शन, रेडिएशन थेरेपी दी जाती है। जबकि पैलिएटिव केयर में किसी तरह की दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता। न ही यह कैंसर का इलाज है। कैंसर के इलाज के साथ दिए जाने वाले वैकल्पिक उपचार को पैलिएटिव केयर कहते हैं।
पैलिएटिव केयर की प्रक्रिया क्या है?- Palliative Care Procedure
पैलिएटिव केयर में डॉक्टर या टीम, मरीज से बात करते हैं ,उनकी समस्याओं को सुनते हैं। ऐसे मरीजों को बेहतर महसूस कराया जाता है। कैंसर का इलाज लंबे समय तक चलता है और इसमें असहनीय दर्द होता है। इसलिए मरीज को धैर्य की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा मरीज से जुड़ा हर काम जैसे- साफ-सफाई, दवाएं देना, खाना खिलाना आदि भी टीम की ओर से ही किया जाता है। कुछ सेंटर में मरीजों के लिए संगीत और आध्यात्मिक सेशन का इंतजाम किया जाता है। ऐसे मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है ताकि वह कैंसर के साथ अपना जीवन आगे बढ़ा सकें।
कैंसर के इलाज में क्यों पड़ती है पैलिएटिव केयर की जरूरत?- Palliative Care Importance
आखिरी स्टेज में कैंसर लाइलाज हो जाता है। कुछ मामलों में, डॉक्टर मरीजों को हॉस्पिटल में न रखकर घर भेज देते हैं। ऐसे मरीजों की मदद करने के लिए पैलिएटिव केयर की जाती है। पैलिएटिव केयर किसी एक डॉक्टर के हाथ में नहीं है। इस प्रक्रिया में स्पेशलिस्ट, साइकोलॉजिस्ट, नर्स, फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट मिलकर काम करते हैं। आप कह सकते हैं कि पैलिएटिव केयर, मरीजों के लिए एक डेकेयर जैसी सुविधा है। यह सुविधा हॉस्पिटल और घर दोनों जगह दी जा सकती है। कई शहरों में इसके लिए अलग से सेंटर भी मौजूद होते हैं। आगे आपको बताएंगे कैंसर में पैलिएटिव केयर के फायदे-
पैलिएटिव केयर से असहनीय दर्द कम होता है- Palliative Care Helps To Reduce Pain
कुछ कैंसर के मरीज ऐसे होते हैं जो अपनी आखिरी स्टेज पर होते हैं। ऐसे मरीजों को असहनीय दर्द होता है। दर्द को कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। दर्द वाली नसों को ब्लॉक भी कर दिया जाता है। लेकिन फिर भी इस फेज से गुजरने का बुरा असर मरीज के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। मरीज को असहनीय दर्द से बचाने के लिए पैलिएटिव केयर की मदद ली जाती है।
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आराम से घर पर मिल जाती है पैलिएटिव केयर
कैंसर का ट्रीटमेंट लंबे समय तक चलता है। ऐसे में मरीजों को ज्यादा वक्त के लिए अस्पताल में नहीं रखा जा सकता। डॉक्टर ऐसे मरीजों को घर जाने की अनुमति दे देते हैं। लेकिन घर पर मरीज को पैलिएटिव केयर मिल सके, इसके लिए परिवार के सदस्यों को भी कई बार पैलिएटिव केयर की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें उन्हें बताया जाता है कि घर पर मरीज की देखभाल कैसे करनी है। पैलिएटिव केयर में सभी चीजें शामिल होती हैं जैसे- घाव की सफाई करना, ड्रेसिंग करना, नाक में नली से खाना देने का तरीका, नली बदलने का तरीका आदि। पैलिएटिव केयर की मदद से मरीज घर पर रहकर आराम से इलाज करा लेता है।
आप भी किसी ऐसे कैंसर के मरीज को जानते हैं जिसे मदद की जरूरत है, तो उसे पैलिएटिव केयर के बारे में बताएं। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।