
इंपेटिगो एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो स्किन को प्रभावित करता है। शुरुआत में यह बच्चों की स्किन पर छोटे-छोटे दानों के रूप में निकल सकता है, लेकिन बाद में यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। अगर समय रहते इस स्थिति की पहचान कर ली जाती है, तो आगे आने वाली मुश्किलों को रोका जा सकता है। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट एंड पीडियाट्रिशन डॉक्टर अमित गुप्ता बताते हैं कि इंपेटिग ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकॉकस बैक्टेरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया स्किन की ऊपरी, निचली और डीप परत को भी प्रभावित कर सकते हैं।
इंपेटिगो के लक्षण
- सबसे पहले बच्चे की नाक और होंठ की स्किन के आसपास रेडनेस नजर आ सकती है।
- रैशेज नाक बड़े-बड़े छालों में बदल सकते हैं।
- छाले थोड़े पीले भी हो सकते हैं। क्योंकि इनमें पीले रंग की फ्लूइड भरने लगती है।
- कई बार यह ब्लिस्टर फट भी जाते हैं।
- इन निशानों में दर्द तो नहीं होता है, लेकिन खुजली काफी ज्यादा होती है।
इंपेटिगो के कारण
- संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई चीजों के संपर्क में आना
- अगर कोई संक्रमित व्यक्ति आपके बच्चे के खिलौनों या किसी और चीज को छू लेता है, तो इससे आपके बच्चे को यह संक्रमण हो सकता है।
- एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से
- पहले से ही स्किन पर रैशेज होना
- अगर बच्चे के शरीर पर कोई रैश है और वह उसे खुजली करके घाव बना देता है तो इस वजह से भी संक्रमण हो सकता है। इस स्थिति को पैदा करने वाले बैक्टीरिया एयर बॉर्न होते हैं और खुली घाव देख कर वह शरीर में घुस सकते हैं।
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इंपेटिगो के प्रकार
इंपेटिगो के तीन प्रकार होते हैं :
एक्थिमा : यह इंपेटिगो की सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति होती है। इसमें स्किन की अंदरूनी परत प्रभावित होती है। इसे डीप इंपेटिगो के नाम से भी जाना जाता है।
बुलस इंपेटिगो : यह एक गंभीर स्थिति होती है। इसमें छाले के जैसे दाने होते हैं और वह फ्लूइड से भरे होते हैं। यह ठीक होने में भी ज्यादा समय लगता है।
नॉन बुलस इंपेटिगो: यह इस स्थिति का सबसे आम प्रकार है और इसमें केवल छोटे-छोटे दाने निकलते हैं जो बैक्टीरिया द्वारा होते हैं
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एक्थिमा के लक्षण
- पैरों पर बड़े-बड़े छाले नजर आना।
- इस छाले का समय के साथ और बड़े होते जाना।
- यह एक इंच से भी ज्यादा बड़ा हो सकता है और इसमें दर्द भी हो सकता है।
बुलस इंपेटिगो के लक्षण
- शरीर के अलग-अलग हिस्सों में गुलाबी या लालिमा के निशान होना।
- यह निशान बड़े- बड़े छालों बन जाते हैं और उनके अंदर की फ्लूइड साफ नजर आती है।
- अब फ्लूइड की वजह से छाले का पीले रंग का हो जाना।
- छाले के फूट जाने की वजह से वहां की स्किन ड्राई होना और सफेद रंग की आउटलाइन बन जाना ।
- डायपर या पैरों के आसपास निशान होना।
इंपेटिगो का इलाज
अगर बच्चों को यह स्थिति है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। डॉक्टर उन्हें इन रैश पर लगाने के लिए कुछ दवाइयां या क्रीम का सुझाव दे सकते हैं। आम तौर पर यह स्थिति एंटी बायोटिक और ओरल एंटी बायोटिक्स का प्रयोग करने से ठीक हो सकती है।
इस स्थिति में मां बाप को बच्चे का खास ख्याल रखना चाहिए। उसके नाखून काट देने चाहिए ताकि वह घाव को और बड़ा न कर दे। डायपर का प्रयोग भी कभी कभार ही करना चाहिए।
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