बुजुर्गो एवं अधेड़ों की बीमारी मानी जाने वाली जोड़ों के दर्द की बीमारी आर्थाइटिस का प्रकोप अब कम उम्र के लोगों यहां तक कि बच्चों एवं युवाओं में भी बढ़ रहा है। करीब एक करोड़ भारतीय विकलांगता एवं मरणासन्न अवस्था का कारण बन सकने वाली आर्थराइटिस की बीमारी से ग्रस्त हैं। आमतौर पर इसे गठिया कहते हैं।
आर्थराइटिस केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डाक्टर राजू वैष्य के अनुसार यह बीमारी आम तौर पर 55 से 60 वर्ष के लोगों में ज्यादा होती है। आधुनिक समय में व्यायाम से बचने की बढ़ती प्रवृत्ति, विलासितापूर्ण जीवन शैली, मोटापा, वसा युक्त एवं डिब्बाबंद भोजन, शराब तथा धूम्रपान की बढ़ती लत के कारण कम उम्र के लोग भी इस बीमारी के शिकार बन रहे हैं। कई लोगों को कम उम्र में ही यह बीमारी इतनी गंभीर हो जाती है कि आपरेशन करने की नौबत आ जाती है।
डाक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल के अस्थि चिकित्सक प्रोफेसर रमेश कुमार के अनुसार अभी हाल तक यह एक धारणा थी कि गठिया लाइलाज है लेकिन आज यह धारणा गलत साबित हो चुकी है। आज इस बीमारी का संतोषजनक इलाज संभव है।
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