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हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म में क्या अंतर होता है? जानें लक्षण

Hypoparathyroidism & Hyperparathyroidism: हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म दोनों ही थायराइड से जुड़ी बीमारियां हैं।
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हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म में क्या अंतर होता है? जानें लक्षण


Hypoparathyroidism & Hyperparathyroidism: थायराइड एक गंभीर बीमारी है, यह बीमारी थायराइड ग्लैंड में गड़बड़ी होने पर होती है। थायराइड ग्लैंड शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रखने से लेकर कई अंगों के कामकाज को ठीक रखने में मदद करता है। शरीर में थायराइड ग्लैंड द्वारा थायराइड हॉर्मोन का ठीक उत्पादन न कर पाने की स्थिति में यह बीमारी है। थायराइड ग्रंथियों से जुड़ी पैराथायरॉइड ग्रंथियां भी होती हैं। इन ग्रंथियों से जुड़ी गड़बड़ी होने पर हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म जैसी समस्याओं का खतरा रहता है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म में अंतर और लक्षण।

हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म में अंतर- Difference Between Hypoparathyroidism & Hyperparathyroidism in Hindi

हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म दोनों ही थायराइड ग्लैंड से जुड़ी समस्याएं हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "थायराइड ग्रंथि हमारे गले के सामने स्थित होती है और तितली के आकार की होती है। यह ग्रंथि थायराइड हार्मोन (टी3 और टी4) का उत्पादन करती है, जो शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। थायराइड हार्मोन शरीर के तापमान, हृदय गति, और ऊर्जा उत्पादन को नियंत्रित करते हैं। शरीर में थायराइड ग्लैंड से थायराइड हॉर्मोन के उत्पादन में गड़बड़ी ही स्थिति हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म का खतरा बनाती है।"

Hypoparathyroidism & Hyperparathyroidism

हाइपोपैराथायरॉइडिज्म- Hypoparathyroidism

हाइपोपैराथायरॉइडिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करती। यह स्थिति शरीर के मेटाबोलिज्म को धीमा कर देती है।

लक्षण

हाइपोपैराथायरॉइडिज्म के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • थकान और कमजोरी
  • वजन बढ़ना
  • ठंड के प्रति असहिष्णुता
  • सूखी त्वचा और बालों का झड़ना
  • कब्ज
  • चेहरे और आंखों की सूजन
  • हृदय गति का धीमा होना
  • मासिक धर्म में अनियमितता

कारण

  • ऑटोइम्यून विकार (हाशिमोटो की बीमारी)
  • आयोडीन की कमी
  • थायराइड सर्जरी
  • रेडियोधर्मी आयोडीन उपचार
  • कुछ दवाओं का सेवन

इलाज

हाइपोपैराथायरॉइडिज्म का निदान आमतौर पर ब्लड टेस्ट के माध्यम से किया जाता है, जिसमें टीएसएच (थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन) और थायराइड हार्मोन (टी3 और टी4) के स्तर को मापा जाता है। हाइपोपैराथायरॉइडिज्म का उपचार थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए आमतौर पर लेवोथायरोक्सिन (Levothyroxine) नामक दवा का सेवन किया जाता है, जो शरीर में थायराइड हार्मोन की कमी को पूरा करती है।

हाइपरपैराथायरॉइडिज्म- Hyperparathyroidism

हाइपरपैराथायरॉइडिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायराइड ग्रंथि अत्यधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। इससे शरीर का मेटाबोलिज्म बहुत तेजी से काम करता है।

लक्षण

  • वजन घटाना
  • तेज या अनियमित हृदय गति
  • घबराहट और चिंता
  • अत्यधिक पसीना
  • हाथों का कांपना
  • अनिद्रा
  • कमजोरी

कारण

  • ग्रेव्स डिजीज (ऑटोइम्यून विकार)
  • थायराइड नोड्यूल्स
  • थायराइडिटिस (थायराइड ग्रंथि की सूजन)
  • अत्यधिक आयोडीन का सेवन

इलाज

हाइपरपैराथायरॉइडिज्म का निदान भी ब्लड टेस्ट के माध्यम से किया जाता है, जिसमें टीएसएच और थायराइड हार्मोन के स्तर की जांच की जाती है। इसके अलावा, रेडियोएक्टिव आयोडीन अपटेक टेस्ट और थायराइड स्कैन भी किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: थायराइड हार्मोन के असंतुलन से शरीर में होती हैं ये 7 समस्याएं , जानें इसके कारण और इलाज

हाइपोपैराथायरॉइडिज्म और हाइपरपैराथायरॉइडिज्म दोनों ही थायराइड ग्रंथि से संबंधित विकार हैं, लेकिन इनके लक्षण, कारण और उपचार में महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। दोनों स्थितियों का समय पर निदान और उपचार जरूरी है। यदि आप थायराइड से जुड़े किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

(Image Courtesy: freepik.com)

 

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