बदलते लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। सही जीवनशैली न होने की वजह से कम उम्र के लोग भी कई तरह की बीमारियां जैसे थायराइड, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर इत्यादि से ग्रसित हो रहे हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है हाइपोनेट्रिमिया, शायद आपने इसका नाम पहले नहीं सुना होगा। लेकिन यह एक ऐसी बीमारी है, जो इन दिनों काफी आम हो चुकी है। ब्लड में सोडियम का स्तर कम होने की वजह से हाइपोनेट्रिमिया हो सकता है। सोडियम एक ऐसा पदार्थ है, जो शरीर के अधिकतर तरल पदार्थों में पाया जाता है। शरीर में इसकी अधिकता और कमी दोनों ही रूप में नुकसानदेह माना जाता है। आज हम इस लेख में हाइपोनेट्रिमिया के बारे में विस्तार से जानेंगे।
हाइपोनेट्रिमिया के कारण ( Hyponatremia Causes )
शरीर में सोडियम की कमी होने से हाइपोनेट्रिमिया की समस्या हो सकती है। सोडियम का स्तर कम होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे-
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दस्त की समस्या
जब किसी व्यक्ति को दस्त की परेशानी होती है, तो इस दौरान शरीर से काफी मात्रा में तरल पदार्थ निकल जाते हैं। इस स्थिति में शरीर में तरल पदार्थों की कमी होने के साथ-साथ सोडियम की कमी भी होने लगती है। जिसकी वजह से व्यक्ति हाइपोनेट्रिमिया की चपेट में आ सकता है।
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मूत्रवर्धक दवाइयां
अगर आप मूत्रवर्धक दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, तो आपको हाइपोनेट्रिमिया की समस्या हो सकती है। दरअसल, शरीर से यूरिन की अधिक मात्रा में निकलने से मूत्र के माध्यम से सोडियम भी निकल जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को हाइपोनेट्रिमिया की शिकायत हो सकती है।
हार्ट फेलियर
हाइपोनेट्रिमिया होने का कारण हार्ट फेलियर भी हो सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति के शरीर के सोडियम काफी मात्रा में बाहर निकल सकता है।
किडनी रोग
किडनी रोगियों को भी हाइपोनेट्रिमिया की समस्या हो सकती है। क्योंकि इससे शरीर से पेशाब के माध्यम से सोडियम काफी ज्यादा बाहर निकल जाता है।
इसके अलावा लीवर सिरोसिस, अधिक पसीना आने की समस्या, उल्टी और एंटीडाययूरेटिक हार्मोन स्राव सिंड्रोम की वजह से भी व्यक्ति को हाइपोनेट्रिमिया की समस्या हो सकती है।
हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण ( Hyponatremia Symptoms )
शरीर में हाइपोनेट्रिमिया के कई लक्षण हो सकते हैं।
- भ्रमित होना
- चिड़चिड़ापन महसूस होना
- बेचैनी होना
- मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन की शिकायत
- उल्टी और मतली की समस्या
- थकान अधिक रहना
- सिरदर्द भी शामिल है।
- बेहोशी की समस्या
- भूख में कमी इत्यादि।
हाइपोनेट्रिमिया के जोखिम ( Hyponatremia Risk Factors )
हाइपोनेट्रिमिया की समस्या बढ़ने के कई कारक हो सकते हैं।
- पुरानी बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को हाइपोनेट्रिमिया की समस्या हो सकती है।
- जिन व्यक्तियों का वजन कम होता है। उन्हें भी हाइपोनेट्रिमिया होने का खतरा अधिक रहता है।
- खाने में सोडियम की कमी होने से भी व्यक्ति हाइपोनेट्रिमिया की चपेट में आ सकता है।
- वहीं, कुछ दवाइयों का सेवन करने से भी व्यक्ति को हाइपोनेट्रिमिया का खतरा रहता है।
हाइपोनेट्रिमिया का इलाज ( Hyponatremia Treatment )
हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण दिखने पर डॉक्टर सबसे पहले आपके शरीर में सोडियम का स्तर जांच करेंगे। इसके बाद किसी गंभीर परेशानी की वजह से सोडियम का स्तर कम है, तो इसमें डॉक्टर बीमारी का इलाज करेंगे। जिसमें आपको कुछ विशेष तरह की दवाइयां दे सकते हैं। इसके अलावा अधिक मात्रा में पानी पीने की भी सलाह दे सकते हैं।
हाइपोनेट्रिमिया का बचाव (Hyponatremia Prevention )
- हाइपोनेट्रिमिया जैसी परेशानी से बचने के लिए अपने शरीर का सोडियम स्तर जांच कराएं।
- अगर आपको अधिक पसीना आता है, तो आप सोडियम युक्त आहार का अधिक मात्रा में सेवन करें।
- उल्टी दस्त की परेशानी होने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें।
- सोडियम का स्तर कम करने वाली दवाइयों का सेवन करने से बचें। अगर आपको इस तरह की दवाई की जरूरत है, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
शरीर में सोडियम का स्तर कम होने से हाइपोनेट्रिमिया की समस्या हो सकती है। अगर आपको दस्त और उल्टी की परेशानी ज्यादा हो रही है, तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि आपका समय पर इलाज शुरू किया जा सके और सोडियम का स्तर संतुलित हो सके।