
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और चिंता से निजात पाने के लिए लोग कई वैकल्पिक उपायों की मदद लेते हैं। अब तक ज्यादातर लोग शारीरिक और मानसिक तनाव को दूर करने के लिए स्पा की मदद लेते हैं लेकिन इस लिस्ट में एक और नाम शामिल हो गया है हाइड्रो थेरेपी। हाइड्रो थेरेपी के फायदों को देखते हुए आज ये थेरेपी कामकाजी लोगों की थकान और अवसाद मिटाने का जरिया बन गई हैं।
हाइड्रो थेरेपी न केवल आपकी थकान मिटाती है, बल्कि आपकी त्वचा को भी फिर से तरोताजा कर देती है। इसमें पानी के जरिए समस्या का उपचार किया जाता है। हाइड्रोथेरेपी के एक सेशन में आधे से एक घंटे की होती है।

हाइड्रोथेरेपी कैसे तनाव दूर करता है
जब आपका शरीर अलग-अलग तापमान के पानी के संपंर्क में आता है तो आपके शरीर और मूड में बदलाव आता है। ठंडे पानी के संपंर्क में आने पर शरीर को एक झटका सा लगता है जो शरीर मजबूती और चेतना प्रदान करता है। ठंडे पानी के कारण रक्त धमनी में कसाव आता है जिससे रक्त शरीर की सतह से मस्तिष्क से होते हुए शरीर बीच के हिस्से यानी कोर में पहुंच जाता है जिससे शरीर के अंगो को ताजा रक्त और ऑक्सीजन मिलती है। इसके विपरीत जब आपका शरीर गर्म पानी के संपंर्क में आता है तो आपकी रक्त धमनियां को काफी आराम मिलता और शरीर में रक्त संचार बढ़ता है। 
हाइड्रो थेरेपी के प्रकार
बालनेओ थेरेपी
बालनेओ थेरेपी में पानी के टब में कुछ हर्बल उत्पाद मिलाए जाते हैं और स्नान कराया जाता है। इससे शरीर की सफाई और त्वचा को पोषण और ऊर्जा दोनों मिलते हैं। एरोमा बाथ भी इसी थेरेपी का एक हिस्सा है। इस प्रकार के बाथ में पानी में इत्र, फूल, खस आदि का प्रयोग होता है, जिससे आपकी तनाव और चिंता छूमंतर हो जाती है।
थर्मल थेरेपी
थर्मल में गुनगुने गंधयुक्त पानी से स्नान कराया जाता है। पहले त्वचा रोगों और संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए पहाड़ों में प्राकृतिक जल स्रोतों, जिसमें गंधक होता था, में स्नान के लिए लोग जाते थे। अब यही सुविधा शहरों में मौजूद स्पा सेंटर्स में मौजूद है। इसका प्रयोग गर्मियों में कम ही किया जाता है, क्योंकि गर्मियों में गर्म पानी से लोग स्नान पसंद नहीं करते। लाल चकत्ते, खुजली आदि में इससे काफी लाभ होता है।

थालासो थेरेपी
थालासो थेरेपी में समुद्री पानी का प्रयोग किया होता है। समुद्र में कई प्रकार के हर्बल उत्पाद और खनिज पाए जाते हैं, जो रक्त संचार ठीक करते हैं, तनाव दूर कर दीमाग की गतिविधि बढ़ाते हैं।
शॉवर बाथ
हाइड्रो थेरेपी में शावर बाथ का भी अपना अलग महत्व है। ऊपर से फुहारों के रूप में गिरते पानी के नीचे खड़े होकर स्नान करने से त्वचा के रोमकूप सक्रिय होते हैं, मेटाबोलिज्म सही होता है और शरीर में जमे टॉक्सिन भी बाहर निकल आते हैं। शॉवर बाथ तनाव व थकान दूर करने के कारगर उपायों में से एक है। 
सिट्ज बाथ
अपने एक पैर को गर्म पानी के टब में डालें और दूसरे को ठंडे पानी के टब में कुछ देर बाद इसके विपरीत करें। ऐसा करने से आपको मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
वहर्लपूल बाथ
इसमें गर्म पानी के बुलबुलों के साथ आपको स्नान कराया जाता है जो काफी आरामदायक और सुकून भरा होता है। 
इस तरह आप भी हाइड्रोथेरेपी की मदद से तनाव और चिंता को दूर भगा सकते हैं। 
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