आजकल मॉडर्न लाइफस्टाइल, प्रदूषण, गलत खान-पान और तनाव के कारण त्वचा से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिग्मेंटेशन, दाग-धब्बे, झाइयां, ड्राईनेस और असमान स्किन टोन जैसी परेशानियां आम हो गई हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए लोग तरह-तरह के केमिकल युक्त ब्यूटी प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन कई बार ये उपाय त्वचा को फायदा पहुंचाने की बजाय और ज्यादा नुकसान कर सकते हैं। वहीं आयुर्वेद में प्रकृति में मौजूद जड़ी-बूटियों और पौधों के माध्यम से स्वास्थ्य और सौंदर्य को निखारने के कई कारगर उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में से एक प्राकृतिक औषधि है बरगद की कोंपल, जिसे आयुर्वेद में वटांकुर कहा जाता है। वटांकुर यानी बरगद के पेड़ की नई कोंपलें त्वचा के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, पिग्मेंटेशन दूर करने के लिए बरगद के पेड़ की नई कोंपलें कैसे इस्तेमाल करें और इसके क्या फायदे होते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार बरगद का महत्व
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आचार्य भावप्रकाश के अनुसार, बरगद की कोंपलें कशाय (कसैले) रस वाली होती हैं, जो त्वचा के एक्स्ट्रा तेल को कंट्रोल करने में मदद करती हैं। यह शीतल प्रकृति की होती हैं, जिससे त्वचा पर ठंडक बनी रहती है और जलन, खुजली जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। साथ ही, यह ग्राही गुण वाली होती हैं। बरगद की कोंपल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा को निखारने और पिग्मेंटेशन को कम करने में सहायक होते हैं।
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पिग्मेंटेशन कम करने के लिए वटांकुर (बरगद की कोंपल) का उपयोग - How To Use Banyan Tree Buds To Reduce Pigmentation
बरगद की कोंपलें, जिसे वटांकुर कहा जाता है, त्वचा को निखारने में सहायक होती हैं। वटांकुर का उपयोग मसूर दाल के साथ मिलाकर किया जाए तो यह पिग्मेंटेशन को कम करने में प्रभावी साबित हो सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि वटांकुर का फेस पैक कैसे बनाया जाए और यह हमारी त्वचा के लिए क्यों फायदेमंद है।
1. मसूर दाल और वटांकुर फेस पैक बनाने की विधि
इस लेप को बनाने के लिए आपको 4-5 वटांकुर (बरगद की कोंपल), 2 चम्मच मसूर दाल का पाउडर, 1-2 चम्मच गुलाब जल की जरूरत होगी। सबसे पहले वटांकुर (बरगद की कोंपल) को अच्छे से धो लें और फिर इन कोंपलों को पीसकर पेस्ट बना लें। अब इसमें मसूर दाल का पाउडर डालें और फिर गुलाब जल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें। 15-20 मिनट तक इसे चेहरे पर सूखने दें और इसके बाद ताजे पानी से धो लें।
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2. वटांकुर का सीधा उपयोग
वटांकुर को सीधे भी त्वचा पर लगाया जा सकता है। इसके लिए 4-5 वटांकुर (बरगद की कोंपल) को लेकर जरूरत अनुसार पानी मिलाते हुए पेस्ट तैयार करें और फिर इस पेस्ट को त्वचा पर लगाएं। 15 मिनट के बाद इस पेस्ट को पानी से धो लें। नियमित रूप से इसका उपयोग करने से आपको पिग्मेंटेशन की समस्या कम होगी दिखने लगेगी।
निष्कर्ष
वटांकुर (बरगद की कोंपल) एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है, जो त्वचा की पिग्मेंटेशन को कम करके उसे साफ और ग्लोइंग बनाता है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक और बिना किसी साइड इफेक्ट के होता है। नियमित रूप से इसका उपयोग करने से चेहरे पर प्राकृतिक निखार आता है और दाग-धब्बे धीरे-धीरे हल्के हो जाते हैं। लेकिन अगर आपको त्वचा से जुड़ी समस्याएं रहती हैं तो वटांकुर का उपयोग त्वचा पर करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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