
अचानक कुछ सेकेंड्स के लिए दम घुटने जैसा महसूस होना या चोकिंग की समस्या कभी-कभार सभी को होती है। बहुत से लोग खाना खाते समय या फिर घबराहट महसूस होने पर इसका सामना करते हैं। चोकिंग की समस्या तब होती है जब सांस लेने का मार्ग अचानक ब्लॉक हो जाता है, जिससे कि व्यक्ति को सांस लेने में मुश्किल होती है। इस स्थित में व्यक्ति के मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की आपूर्ति और प्रवाह नहीं हो पाता है। छोटे बच्चों में चोकिंग की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। आपने अक्सर देखा होगा छोटे बच्चों को जब दूध या ठोस पदार्थ खिलाते हैं तो वो खांसने लगते हैं और कुछ समय सेकेंड्स के लिए बेचैन हो जाते हैं। इसके बाद पीठ थपथपाने या पानी पिलाने पर वो धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आते हैं। इसी तरह कई बार जब बच्चे बहुत तेज रोते हैं, तो कुछ समय के लिए उनकी आवाज चली जाती है और वो खांसने लगते हैं। ये सभी समस्याएं चोकिंग के कारण होती हैं। वैसे तो चोकिंग की समस्या अपने आप कुछ सेकेंड्स में ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में चोकिंग जानलेवा भी हो सकती है। अब सवाल यह है कि बच्चों को चोकिंग से बचाने के लिए आप क्या कर सकते हैं? इस लेख में हम बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सांची रस्तोगी (MD Pediatrics) से जानेंगे बच्चों को चोकिंग से बचाने के उपाय (Tips To Prevent Kids From Choking In Hindi)।
बच्चों में चोकिंग के कुछ आम कारण (Choking Causes In Children In Hindi)
छोटे बच्चे भोजन को बहुत जल्दी-जल्दी खाते हैं। साथ ही दूध भी जल्दी-जल्दी पीते हैं। बहुत बार बच्चे खेलने में इतने मशगूल होते हैं कि पेरेंट्स को उन्हें खेलते समय ही दूध पिलाना पड़ता है या खाना खिलाना पड़ता है। कई बार छोटे बच्चे भोजन को ठीक से चबाने में असमर्थ होते हैं और कई बार हड़बड़ी के कारण वे खाने को चबाने के बजाय जल्दी निगलने का प्रयास करते हैं। बच्चों को लिटाकर दूध पिलाने या ठोस पदार्थ खिलाने से भी चोकिंग की समस्या हो सकती है। इसके अलावा खेलते समय बच्चे चीजों को मुंह में डालते हैं जैसे- खिलौने या अन्य चीजें तो यह भी उनके सांस लेने के मार्ग को अवरोधित कर सकता है। जिससे अक्सर बच्चों के साथ दम घुटने या चोकिंग जैसी समस्याएं होती हैं।
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बच्चों को चोकिंग से बचाने के लिए 5 टिप्स (Tips To Prevent Kids From Choking In Hindi)
- दूध पिलाने या भोजन के समय बच्चे की देखरेख करें। बच्चे को सिटिंग पोजीशन में सीधा बिठाकर भोजन कराएं।
- जब बच्चा चल रहा हो, दौड़ रहा हो या कहीं चढ़ रहा हो तो उसे दूध न पिलाएं।
- बच्चे की उम्र के अनुसार खाद्य पदार्थों में बदलाव करें। नट्स और बीजों को पाउडर के रूप में खिलाएं, सब्जियों को पकाएं, उबालें या भाप में पकाएं ताकि वे नरम और आसानी से निगलने योग्य हों।
- बच्चों को चीजों को मुंह में रखने और उनसे खेलना बहुत पसंद होता है। उन्हें दवाओं, गैजेट्स की बैटरियों, सिक्कों, चाबियों और मुंह में भरी जा सकने वाली छोटी चीजों से दूर रखें।
- उनके लिए ढीले, छोटे पुर्जे वाले खिलौने न खरीदें। कोई भी खिलौना कम से कम 6 सेमी लंबा और 3 सेमी से अधिक चौड़ा होना चाहिए। क्योंकि बच्चे खिलौनों को भी मुंह में रखकर खेलते हैं।
बच्चों का बहुत अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। इन सरल टिप्स के साथ आप बच्चों को चोकिंग से बच्चों को काफी हद तक बचाने में मदद मिल सकती है।
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