
गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है, मौसम विभाग की मानें तो हल्की बूंदा-बांदी के बावजूद Heat wave के थपेड़े अभी लंबे समय तक झेलने पड़ सकते हैं। कई राज्यों में सरकार ने Heat wave को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है जिसके मुताबिक देशभर में लगातार बढ़ रहे तापमान के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इससे निपटने के दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस बीच लोगों से भी सरकार की लोगों से अपील है कि बाहर कम से कम जाएं और लक्षणों पर गौर करें। ये समय शिशुओं के लिए बेहद नाजुक होता है, कमजोर इम्यूनिटी के कारण वो बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं, खासकर वो शिशु जिनके जन्म के बाद उनका पहला समर्स है। इस लेख में हम कुछ आसान टिप्स पर बात करेंगे ताकि आप शिशु को गर्मी के मौसम में ठंडा और आरामदायक माहौल दे पाएं जिससे बच्चे को इंफेक्शन भी न हो और उसकी तबीयत भी न बिगड़े।
शिशु के लिए सही कपड़ों का चुनाव करें (Right clothing for baby in summers)
गर्मी के मौसम में बच्चे को हीट वेव के प्रकोप से बचाने के लिए आपको सही कपड़ों का चुनाव करना चाहिए। आप बच्चे के लिए केवल कॉटन कपड़ों का ही चुनाव करें, कॉटन के जरिए हवा शरीर के आर-पार हो पाती है और पसीना एब्सॉर्ब करने की क्षमता भी कॉटन के कपड़ों में ज्यादा होती है। हालांकि मौसम को देखते हुए आप बच्चे को एक ही बार स्नान करवाएं, गर्मी ज्यादा होने पर आप बच्चे को स्पंज कर सकते हैं इससे बच्चे के शरीर में कीटाणु नहीं होंगे। इसके अलावा आप बच्चे को डायपर की जगह कॉटन नैपी पहनाएं, डायपर से रैशेज की समस्या होती है और बच्चे को इंफेक्शन हो जाता है।
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वेंटिलेशन का ख्याल रखें (Let enough ventilation for baby)
आपके घर में शिशु है और ये उसकी पहला गर्मी का सीजन है तो आपको उसका खास ख्याल रखना होगा। बच्चे को हवादार कमरे में रखें पर इसका ये मतलब नहीं है कि खिड़की खुली हो नहीं तो कीड़े और मच्छर अंदर आ सकते हैं, आपको गर्मी के मौसम में बच्चे के आसपास वेंटिलेशन का खास ख्याल रखना है, कोशिश करें कि एसी की हवा के ठीक सामने बच्चे को न रखें, इससे उसे ठंड लग सकती है, आप एसी को कुछ देर ऑन कर दें और कमरा ठंडा होने पर बच्चे को एसी ऑफ करके रख सकते हैं।
शिशु को डिहाइड्रेशन से बचाएं (Keep the baby well hydrated)
गर्मी के मौसम में बच्चों को भी गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए आपको उनके हाइड्रेशन का ख्याल रखना जरूरी होता है, अगर आप बच्चे को हीट वेव के प्रकोप से बचना चाहते हैं तो उसे स्तनपान करवाते रहें। 6 माह से कम उम्र के शिशुओं को ठोस आहार या यानी की जगह स्तनपान करवाया जाता है उसी के जरिए उनके शरीर में पानी की कमी दूर होती है। अगर बच्चे की उम्र 6 माह या उससे ज्यादा है तो आप बच्चे को कोकोनट मिल्क, लस्सी, फ्रूट जूस आदि दे सकते हैं। अगर बच्चे का चेहरा आपको मुरझाया हुआ नजर आता है या उसकी सांस तेज चल रही है तो समझ जाएं कि ये डिहाइड्रेशन के लक्षण हैं।
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बच्चे को दोपहर के दौरान बाहर न लेकर जाएं (Keep indoors in peak hours)
आप गर्मी के मौसम में शिशु को ताजी हवा में बाहर लेकर जा सकते हैं पर इस बात का ध्यान रखें कि दोपहर के वक्त बच्चे को बाहर लेकर जाने की गलती न करें, इससे बच्चे को लू लग सकती है। आप बच्चे को 12 से 4 के समय सीधे धूप में लेकर जाने से बचें। आपको इस बात का खास ख्याल रखना है कि बाहर जाते समय आप शिशु को प्रैम में लेकर जाएं ताकि उसकी जाली से बच्चे को ढकना आसान होगा इससे कीड़े या मच्छर बच्चे को नहीं काट सकेंगे।
इन आसान टिप्स का ध्यान रखकर आप शिशु को हीट वेव से बचा सकते हैं।